कोरिया
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर, 21 मार्च। कोरिया जिले के बचरापोड़ी क्षेत्र में चल रहे रामकथा के अंतिम दिन कथावाचक द्वारा कार्यक्रम में उपस्थित पूर्व मंत्री का नाम लेकर जबर्दस्त तारीफ के पुल बांधे और उपस्थित लोगों को उन्हें अपना आशीर्वाद देने को कहा, साथ ही वर्तमान बैकुंठपुर विधायक अबिका सिंहदेव को लेकर आलोचना की गई जिससे कांग्रेस समर्थित लोगों से विवाद हो गया, वे कथावाचक से अपने वक्तव्य पर माफी मांगने की मांग की जिसके बाद हल्की झूमाझपटी भी हुई। जिसके बाद कथवाचक अपने गद्दी छोड़ चले गए।
वहीं रामकथा के आयोजकों का कहना है कि विवाद की जड़ पैसा है जो लोगों ने वादा किया और बाद में नहीं दिया जिसके कारण विवाद हुआ है। कुछ युवाओं ने शराब के नशे में आकर वहां विवाद किया है। कुछ मीडियाकर्मियों ने जब पूर्व मंत्री से मामले में प्रतिक्रिया ली तो उन्होनें ऐसा कुछ भी नहीं होने की बात कही।
इस संबंध में सकरिया के उपसरपंच लवकुश साहू का कहना है कि समिति गठित नहीं हुई थी, राशि की व्यवस्था भी उन्हीं लोग किए थे, पैसे की कोई बात नहीं है, आयोजन में हमारी विधायक के खिलाफ कथावाचक के द्वारा आलोचना करना विवाद की मुख्य जड़ है।
कोरिया जिले में इस तरह का यह पहला मामला है जहां किसी धार्मिक आयोजन में राजनीतिक रंग बिखेरने पर बवाल उठ खड़ा हुआ और विरोध के बीच कथावाचक को अपनी गद्दी छोडक़र जाना पड़ गया। प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले के बचरापोड़ी क्षेत्र के ग्राम सकरिया में बीते कुछ दिनों से रामकथा का आयोजन किया गया था।
ग्रामीणों की माने तो रामकथा के पांचवें दिन कथावाचक द्वारा पूर्व मत्री के साथ मंच पर रामकथा के साथ राजनीतिक चर्चा भी मंच से की थी जिससे यह चर्चा का विषय बन गया था। इसी बीच अंतिम दिन पूर्व मंत्री भी कथा सुनने के लिए पहुंचे थे। कथा वाचन के दौरान कथा वाचक द्वारा पूर्व मंत्री की जमकर तारीफ की। अगली बार पूर्व मंत्री के समर्थन में लोगों से उनका आर्शीवाद मांगा।
काफी देर पूर्व मंत्री का बखान से उपस्थित कांग्रेस समर्थित व अन्य ग्रामीण विरोध दर्ज करना शुरू किए और देखते ही देखते बवाल मच गया। इस दौरान एक-दो लोगों को आयोजकों के साथ हल्की झूमाझटकी होने की और मारपीट की नौबत आने की भी जानकारी सामने आई है। इसके साथ ही सकरिया में चल रहे रामकथा पूर्ण होने के एक दिन पूर्व ही घोर विवादों में पडऩे के कारण कथावाचक को बिना चढ़ोतरी के खाली हाथ जाना पड़ गया।
कथा वाचक द्वारा रामकथा के दौरान उपस्थित पूर्व मंत्री की बड़ाई शायराना अंदाज में कही और कुछ देर तक राम कथा वाचन से भटक कर उपस्थित पूर्व मंत्री के कार्यों का बखान करते रहे और लोगों से तालियां भी बजवाई गई। यह भी कहा कि एक भी दिन वर्तमान विधायक उनकी कथा सुनने नहीं आई है। इसे क्या कहा जाएगा
जानकारी के अनुसार बचरापोड़ी क्षेत्र के ग्राम सकरिया में आयोजित रामकथा के अंतिम समय में पूर्व मंत्री की उपस्थिति में कथा वाचक द्वारा संसदीय सचिव व बैकुंठपुर विधायक अंबिका सिंहदेव की आलोचना पूर्ण कथन व पूर्व मंत्री की बखान होते काफी देर तक किये जाने के बाद समर्थकों में विरोध व नाराजगी भर गयी और इसी के परिणाम स्वरूप उपस्थित कांग्रेस समर्थकों व ग्रामीणों द्वारा कथावाचक का विरोध किया जाना और इसी बात को लेकर रामकथा स्थल पर जमकर विवाद की स्थिति बन गई। कथावाचक द्वारा पूर्व मंत्री को संसदीय सचिव की तुलना में बेहतर कार्य करने वाला बताया गया।
धार्मिक आयोजन कहीं निजी तो कहीं जनसहयोग से
श्रीमद् भागवत या रामकथा का आयोजन में भारी रूपये खर्च होते हैं। बताया जाता है कि लगभग 2 से ढाई लाख की अनुमानित खर्च होता है। अधिकांश जगहों पर तो जन सहयोग से राशि एकत्र कर धार्मिक आयोजन होते है। कई जगहों पर कुछ निजी खर्च पर भी उक्त आयोजन होता है लेकिन ज्यादातर धार्मिक आयोजन का इस्तेमाल राजनीति के लिए किया जा रहा है।