कोरिया
संसदीय सचिव ने आदिवासियों के साथ किए जा रहे भेदभाव को लेकर बैठक में बुलंद की आवाज
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर, 15 मार्च। कोरिया जिले के कलेक्टर सभाकक्ष में आयोजित परियोजना सलाहकार मंडल की बैठक में संसदीय सचिव अंबिका सिंहदेव ने जिला प्रशासन से जमकर सवाल-जवाब कर अन्य विधानसभा क्षेत्र में आदिवासी हितों के लिए आई राशि को भेदभाव कर वितरण नहीं किए जाने पर सवाल उठाए। जिसके बाद बैकफुट में आए जिला प्रशासन ने इस वर्ष केन्द्र सरकार और राज्य सरकार से आई राशि को तीन हिस्सों मे बांटना तय किया गया।
जानकारी के अनुसार परियोजना सलाहकार मंडल की बैठक में संसदीय सचिव अंबिका सिंहदेव ने आदिवासी हितों को लेकर जिला प्रशासन पर जमकर बरसीं। दरअसल, पंडो जनजाति के लिए आई योजना का लाभ सिर्फ भरतपुर-सोनहत विधानसभा के लिए बीते वर्ष दे दिया गया था, जिसे लेकर संसदीय सचिव ने कलेक्टर से पूछा कि हमारी सरकार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में प्रदेश भर में आदिवासी वर्गों का विशेष ध्यान रख रही है, परन्तु हमारे जिले में ऐसा क्यों नहीं हो रहा है।
उन्होंने प्रशासन से स्पष्ट कहा कि जो भी योजना और राशि आदिवासी हितों के लिए आती है उसका सीधा लाभ उन्हें ही दिया जाना चाहिए। ऐसा देखा जा रहा है कि आदिवासियों के लिए आई योजना का लाभ कोई और उठा रहा है। ऐसा बिल्कुल नहीं होना चाहिए। इसके लिए प्रशासन मॉनिटरिंग करें और इसकी जिम्मेदारी भी तय किया जाना चाहिए। बैठक में उन्होंने जिला प्रशासन से पूछा क्या पंडो जनजाति सिर्फ भरतपुर सोनहत में निवासरत है।
उन्होंने बैठक में बताया कि बैैकुंठपुर विधानसभा में काफी संख्या में पंडों के साथ कोडाकू जनजाति भी निवासरत है। उन्होंने जिले भर में निवासरत पंडो जनजातियों की सूची मांगी, परन्तु उन्हें किसी भी प्रकार की योजना का लाभ इसलिए नहीं मिल पाया क्योंकि बीते वर्ष इस योजना का पूरा लाभ भरतपुर-सोनहत विधानसभा को दे दिया गया था।
संसदीय सचिव का साथ जिला पंचायत अध्यक्ष रेणुका सिंह, जनपद पंचायत बैकुंठपुर की अध्यक्ष सौभाग्यवती खुसरो और जिला पंचायत सदस्य सुनीता कुर्रे ने दिया। बैठक में सीएचसी स्तर पर गर्भवती महिलाओं के लिए प्री बर्थ वेटिंग रूम बनाए जाने की बात सामने आई, जिसके बाद जिला प्रशासन ने कोटाडोल में बनाए जाने का प्रस्ताव रखा। जिस पर संसदीय सचिव ने कहा कि वहां सीएससी नहीं बल्कि पीएससी है, ऐसे उन्होंने खडग़वां में खोले जाने की बात कही, जिस पर जिला पंचायत अध्यक्ष और खडग़वां की जनपद अध्यक्ष ने बढक़र खडग़वां में प्री बर्थ वेटिंग रूम खोले जाने की मांग की। उन्होमने कहा कि खडग़वां में कई दूरस्थ क्षेत्र ऐसे हैं जहां वाहन तक नहीं पहुंच पाते है, ऐसे खडगवा में ही उसे खोला जाना चाहिए। जिसके बाद खडग़वां में बनाए जाने का फैसला लिया गया। इससे मनेन्द्रगढ़ और बैकुंठपुर दोनों विधानसभा के आदिवासी जनो को लाभ मिलेगा।
इसके अलावा 3 बाजार हाट क्लिनिक वाहन का बंटवारा होना था, बीते वर्ष एक वाहन भरतपुर-सोनहत में दिया जा चुका था, जिसके बाद फिर एक वाहन देने की बात जिला प्रशासन ने कही, जिस पर संसदीय सचिव ने कहा कि जो पूर्व में दिया जा चुका है अब जो बचे हैं मनेन्द्रगढ़ खडग़वां और बैकुंठपुर को दिया जाना चाहिए, जिस पर यह कहा गया कि वाहन पुरानी हो गई है, तो अधिकारी ने बताया कि वाहन एकदम फिट है, तब जाकर खडग़वां, मनेन्द्रगढ़ और बैकुंठपुर को एक-एक वाहन उपलब्ध कराए जाने का प्रस्ताव पास किया गया। बैठक में परियोजना सलाहकार मंडल के अध्यक्ष विधायक गुलाब कमरो, जनपद अध्यक्ष मनेन्द्रगढ़ डॉ विनय शंकर सिंह भी प्रमुख रूप से शामिल रहे।
नहंीं मिल रहा आदिवासियों को लाभ
सूत्रों की माने तो मनेन्द्रगढ़ विकासखंड में आए एसटी कोटे के दो पैक हाउस किसी और को दे दिया गया है। यहां एसटी कोटे के किसान बेहद नाराज हैं। उन्होंने इसके लिए बकायदा आवेदन भी किए थे। जिस पर प्रशासन एकदम चुप्पी साधे बैठा है। वहीं बैगा जनजाति के लिए बीते वर्ष आए नलकूप खनन की योजना का लाभ उन्हें नहीं मिल पाया। भरतपुर में निवासरत बैगा जनजाति के लोगों ने नलकूप खनन के लिए आवेदन दिए, उनके नाम से नलकूप भी स्वीकृत हुए परन्तु आज तक उनके नाम के नलकूप उनके खेतों में नहीं लग सके।