कोरिया
डेटा सिक्योरिटी कोड सचिवों को, लाखों की राशि रिश्तेदारों के खाते में
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर, 15 मार्च। कोरिया जिले में 14वें और 15वें वित्त आयोग की राशि में बड़ा हेरफेर किया जा रहा है। जिले के सभी विकासखंडों में डीएससी (डेटा सिक्योरिटी कोड) को लेकर ग्राम पंचायतों के साथ साजिश की जा रही है। भरतपुर में तो पूरा साल बीतने के बाद डेटा सिक्योरिटी कोड बीते 26 फरवरी 2021 को ग्राम पंचायतों के सचिवों को प्रदान किया गया। जबकि उसी कोड के भरोसे कई लाखों की राशि अपने रिश्तेदारों के खाते में भेजी जा चुकी थी।
कोरिया जिले में 14वें ओर 15 वेंं वित्त आयोग की राशि में बड़ा घालमेल सामने आ रहा है। चंूकि अब इस योजना में खर्च की गई राशि आमजन आसानी से देख सकता है जिसके बाद अब हर पंचायतों में किए गए खर्च को लेकर सवाल खड़े हो रहे हंै। इस योजना के तहत पंचायतों को इसकी राशि खर्च करने का अधिकार प्राप्त है। परन्तु इसके लिए जनपद सीईओ से अनुमोदन लेना आवश्यक है। वहीं इसकी राशि सीधे ग्राम पंचायत के खाते में भेजी जाती है परन्तु जनपद स्तर पर इस कार्य में लगे ऑपरेटर इस पर अपना दखल रख रहे हैं।
भरतपुर में तो बीते 26 फरवरी 2021 को सभी ग्राम पंचायत के सचिवों को उक्त योजना का डीएससी (डेटा सिक्योरिटी कोड) पासवर्ड दिया गया। जबकि यह 1 अप्रैल 2020 को ही दे दिया जाना था। ऐसे में 1 अप्रैल से लेकर 26 फरवरी तक ंगाम पंचायतों के द्वारा किए गए खर्च पर पंचायत प्रतिनिधि परेशान हैं। कई ग्राम पंचायतों में 85 हजार रू की लागत का कम्प्यूटर खरीद लिया गया है तो 25 से 35 हजार का स्टेशनरी के नाम पर राशि खाते में हस्तांतरित कर ली गई है। इस तरह कई लेन-देन को लेकर सवाल खड़े हो रहे हंै। ऐसा ही हाल बैकुंठपुर, मनेन्द्रगढ़, सोनहत और खडग़वां मेंं भी सामने आ रही है। भारत सरकार की 14वें और 15वें वित्त आयोग योजना को पारदर्शी बनाने ई ग्राम सुराज वेबसाईट से उक्त जानकारी प्राप्त हुई।
अब तक हो चुके हैं करोड़ों खर्च
14वें और 15वेंं वित्त आयोग की राशि की बात की जाए तो 14वें वित्त आयोग में वर्ष 2019-20 में कोरिया जिले के 5 विकासखंड में 682 लाख रू. खर्च किए गए। इसी तरह वर्ष 2020-21 के 11 महीने में 14वे वित्त में 724 लाख जिसमें चालू वित्तीय वर्ष के 11 महीने में बैकुंठपुर में 177, भरतपुर में 199, खडग़वां 168, मनेन्द्रगढ़ 111 और सोनहत में 47 लाख और इसी वर्ष 15वें वित्त में 2711 लाख रू. ग्राम पंचातयों ने खर्च किए है। जिसमें चालू वित्तीय वर्ष के 11 महिने में बैकुंठपुर में 680, भरतपुर में 451, खडग़वां 768, मनेन्द्रगढ़ 563 और सोनहत में 248 लाख खर्च किए जा चुके हैं।
क्या है 14वां वित्त आयोग योजना
केन्द्र सरकार ने चौदहवें वित्त आयोग की पंचाट अवधि 2015-16 से 2019-20 तक (5 वकर्ष) है। 14वें वित्त आयोग द्वारा वित्तीय वर्ष 2015-16 से मूल अनुदान तथा वर्ष 2016-17 से कार्य निष्पादन अनुदान केवल ग्राम पंचायतों को ही देने का प्रावधान किया गया है। कार्य निष्पादन अनुदान के लिए आयेग द्वारा निर्धारित मानदण्डों को पूर्ण करने हेतु विभाग द्वारा निर्धारित मानदण्डों को पूर्ण करने हेतु विभाग द्वारा पृथक से दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।
14वें और 15वें वित्त आयोग के उद्देश्य एवं अनुमत कार्य
14वें वित्त आयोग द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों मे दी जाने वाली मूलभूत सुविधाओं की गुण्वत्ता को सुधारने पर बल दिया गया है ताकि इन सुविधाओं के उपयोगकर्ताओं द्वारा इनका भुगतान करने की रजामन्दी बढ़ सके।
अत: इस अनुदान का उपयोग स्वच्छता जिसमें सेप्एज प्रबंधन शामिल है, सीवरेज, जल निकासी एवं ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, जल आपूर्ति, स्ट्रीट लाईट, स्थानीय ग्राम पंचायतों की सडक़ों एवं फुटपाथों, पार्कों, खेल मैदानों तथा कब्रिस्तान एवं श्मशान स्थलों का रखरखाव जैसी मूलभूत सेवाओं को प्रादन करने एवं सुदृढ़ करने के लिए किया जाना चाहिए। आयोग की सिफारिशों के अंतर्गत ग्राम पंचायतों दिए गए अनुदान को केवल मूलभूत सेवाओं, जो कि उन्हें संबंधित विधियों द्वारा सौंपी गई हो, पर खर्च करने के लिए निर्दिष्ट किया गया है।