कोरिया
वार्डों में उम्मीदवारों की तलाश, चुनावी चर्चा तेज
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर, 13 मार्च। कोरिया जिले के बैकुंठपुर और चरचा नगर पालिका परिषद में चुनाव को लेकर कांग्रेस और भाजपा ने रणनीति बनानी शुरू कर दी है। विभिन्न वार्डों में उम्मीदवारों की तलाश जारी हैं, वहीं कुछ सक्रिय नेता अभी खुद को अपने चयनित वार्ड से लडऩे की बात कह रहे हंै। चुनावी चर्चा तेज हो चुकी है, कौन कहां से लड़ेगा के साथ अभी से हार-जीत पर बहस शुरू हो गई है।
बैकुंठपुर और चरचा शिवपुर मेंं होने वाले नगर पालिका चुनाव बेहद रोचक होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। बैकुंठपुर नगर पालिका का बीता कार्यकाल शहर के लिए किसी भी तरह की कोई खास उपलब्धि लेकर नहीं गया। आगामी चुनाव को लेकर पूर्व नपा अध्यक्ष शैलेष शिवहरे मैदान में उतरने की तैयारी में है, चर्चा है कि वे दो वार्डों से मैदान में उतर सकते हंै, एक वार्ड से उनकी पत्नी, जबकि दूसरे वार्ड से वो स्वयं दावेदारी कर सकते हैं, हालांकि अभी यह चर्चा मात्र बताया जा रहा है। वैसे उनके कई साथी भी इस बार मैदान में देखे जा सकते हैं, ताकि अध्यक्ष बनने के लिए उनकी डगर आसान हो सके।
वहीं भाजपा के जिलाध्यक्ष कृष्ण बिहारी जायसवाल के निर्देश पर एक वार्ड से कम से कम 3-3 नामों का पैनल बना जीतने योग्य प्रत्याशी को टिकट देने पर विचार किया जा रहा है। इस पर संगठन स्तर पर काम शुरू हो गया है। मंडल अध्यक्षों को इसकी जिम्मेदारी दी गई है।
दूसरी ओर कांग्रेस भी अपनी रणनीति बनाने में जुटी है, कांग्रेस के संगठन को प्रत्याशी चयन से लेकर जीत दिलाने तक की पूरी जिम्मेदारी दे दी गई है। यहां भी प्रत्याशियों की तलाश तेज हो चुकी है, जो मैदान में उतरना चाहते है अभी से वे वार्डों में नजर आने लगे है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस के युवा आईकॉन अशीष डवरे भी मैदान में उतरने की तैयारी में हैं। चर्चा है कि वे वार्ड नंबर 1 से मैदान में उतर सकते है। इस वार्ड से भाजपा के दमदार नेता और भाजपा के मंडल अध्यक्ष भानू पाल के भी मैदान में उतरने की खबर सामने आ रही है, यदि ऐसा हुआ तो वार्ड नंबर 1 पर चुनावी घमासान बेहद दिलचस्प होने के आसार होंगे।
इसके अलावा 3 बार के पार्षद रह चुके आफताब अहमद (छोटे खान) इस बार खुद को चुनाव से दूर रखना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि इस बार वो मैदान में नहीं उतर रहे हंै। हालांकि अभी चुनाव में समय है, पार्टी उन्हें हर हाल में मैदान में उतारने की कोशिश करेगी। यदि वो या उनके परिवार से कोई भी चुनाव नहीं लड़ता है तो तय है कि कांग्रेस को खासा नुकसान हो सकता है। वहीं दो बार के पार्षद संजय जायसवाल भी मैदान में उतरने से पूर्व वार्डवासियों से अभिमत मांगा है, वार्ड 19 और 20 से वो खुद और अपनी पत्नी को प्रत्याशी बनाने की तैयारी में है। जिसके बाद वो चुनावी घमासान में सामने आएंगे।
पूरा पैनल जीते, इस पर है फोकस
आगामी चुनाव में पार्षदों के द्वारा अध्यक्ष का चुनाव होना है, ऐसे में हर पार्टी का फोकस ऐसे उम्मीदवारों के पैनल पर है तो जीत कर आए और अध्यक्ष के जोड़तोड़ करने की गुंजाइश कम हो। जबकि अभी ऐसा नजर नहीं आ रहा है, ज्यादातर निर्दलीय इस बार मैदान में उतरने को आतुर हैं।
वार्डों में काफी कम संख्या में वोट होने के कारण और अच्छी जान पहचान होने से निर्दलीय बाजी मार सकते हंै। इसकी ज्यादा संभावना जताई जा रही है। यही कारण है कि निर्दलीय उम्मीदवार अभी से वार्डो का चक्कर लगाते देखे जा रहे हंै।