कोरिया

खटम्भर नदी पर पुल निर्माण, स्वीकृति नहीं मिलने के बाद भी काम चालू करने का आरोप, अब कार्रवाई की तैयारी
13-Mar-2021 5:18 PM
खटम्भर नदी पर पुल निर्माण, स्वीकृति नहीं मिलने के बाद भी काम चालू करने का आरोप, अब कार्रवाई की तैयारी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर, 13 मार्च।
कोरिया जिले के मनेन्द्रगढ़ तहसील अंतर्गत खटम्बर नदी पर करोड़ों की लागत से बनने वाले पुल निर्माण की वन विभाग की स्वीकृति के बिना निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया। इस कार्य में दर्जनों पेड़ काट डाले गए और जिस स्थान पर खुदाई हुई वहां भरपूर मात्रा में कोयला भी निकला, परन्तु इसकी जानकारी न तो खनिज विभाग को दी गई और न ही वन विभाग को। मीडिया से जानकारी मिलने के बाद अब वन विभाग ठेकेदार पर कार्रवाई की तैयारी में जुटा हुआ है।

इस संबंध में मनेन्द्रगढ़ वनमंडल के केल्हारी रेंज के नवपदस्थ रेंजर श्री कुर्रे का कहना है कि मैंने खुद मौके पर जाकर निरीक्षण किया है। वन क्षेत्र में स्वीकृति की फाइल रायपुर में है, अभी तक स्वीकृति नहीं मिली है, खुदाई में कोयला निकला है, जिसकी टेस्टिंग के लिए भेजा गया है। कार्यवाही की जा रही है।

जानकारी के अनुसार लोक निर्माण विभाग (सेतु निगम) के द्वारा बडक़ाबहरा से केल्हारी मार्ग जो घनघोर जंगल से होकर जाता है, उस पर पडऩे वाली खटम्भर नदी पर उच्च स्तरीय पुल का निर्माण ठेकेदार और कांग्रेस के नेता द्वारा किया जा रहा है। कांग्रेस की सरकार होने के कारण नियमों को दरकिनार कर फटाफट कार्य शुरू कर दिया गया। कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति 4 करोड़ 54 लाख बताई जा रही है। पुल की लंबाई 135 मीटर बनाया जाना है। 

पुल में 8 पाए बनाए जाने हैं। इस कार्य का आदेश 07.09.2020 को जारी किया गया है जबकि अनुबंध के अनुसार कार्य को 06.09.2021 को पूर्ण करना है। इधर, ठेकेदार ने काम शुरू कर दिया। खटम्बर नदी पर अस्थाई रास्ता बना दिया गया है। दूसरी ओर कार्य दु्रतगति से जारी है।  
काट डाले कई पेड़
वन क्षेत्र में कार्य करने के पूर्व विभाग निर्माण स्थल का सर्वे करता है और उक्त क्षेत्र में आने वाले पेडो की कटाई के लिए सरकारी दर पर नियत राशि ठेकेदार को जमा करना होता है। काटे गए पेड़ों की लकड़ी को वन विभाग को सौंपना होता है। जिसके बाद उसे उक्त स्थल पर कार्य करने के अनुमति प्रदान की जाती है। 

वन विभाग की माने तो ऐसा अभी तक ठेकेदार ने नहीं किया है। अभी तो वन विभाग से कार्य करने की स्वीकृति की फाइल रायपुर से ही नहीं आई है, जबकि कई पेड़ भी कट गए और पाए भी खोद डाले गए। जो पेड़ काटे गए उन्हे ग्रामीण छांट-छांटकर छोटी-छोटी लकडी कर सायकल से अपने घर से जा रहे है।

निकला भारी मात्रा में कोयला
वैसे तो नेताओं के निर्देश पर खम्टबर नदी पर पुल का निर्माण बीते दो माह से जारी है, वन विभाग को इसकी भनक तक नहीं लगी, चंूकि कार्य को एक वर्ष की अवधि में पूर्ण करना है, फिर क्या था वन विभाग के क्षेत्र में नियमों को दरकिनार कर कार्य शुरू कर दिया गया, जिसके बाद खुदाई में काफी मात्रा में कोयला निकला। लगभग दो मीटर तक कोयले की बड़ी-बड़ी दरारें यहां देखने को मिली। परन्तु इसकी जानकारी खनिज विभाग सहित वन विभाग को भी नहीं दी गई। अब वन विभाग के नवपदस्थ रेंजर अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और निकला कोयले को जांच के लिए भेजा है। ताकि कोयले को लेकर कार्यवाही की जा सके। 
 

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