कोरिया
वल्र्ड किडनी डे
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर, 9 मार्च। आज 9 मार्च को पूरे विश्व में किडनी दिवस मनाया जाता है इस दिन किडनी की बीमारियों से बचने को लेकर संगोष्ठी का आयोजन किया जाता है। कोरिया जिले की पहली डायलसिस मशीन के जिला अस्पताल में लग जाने से हर दिन दो किडनी के मरीजों का डायलसिस हो रहा है, जिससे मरीजों को बडे शहरों में इलाज के लिए जाने और उनको होने वाले आर्थिक नुकसान में काफी कमी आई है। इसे किडनी से पीडित मरीजों के लिए बडी उपलब्धि के तौर पर देखा जा रहा है।
इस संबंध में सीएमएचओ डॉ. रामेश्वर शर्मा का कहना है कि जिला अस्पताल में डायलसिस मशीन की स्थापना के बाद किडनी के मरीजों को राहत मिली है, इसके सचालन के लिए एक डायलसिस टेक्निशियन की नियुक्ति भी की गई है। स्मार्ट कार्ड का लाभ भी मरीजोंं को मिल रहा है, जिससे उनका आर्थिक नुकसान की भरपाई हमारी सरकार कर रही है।
वर्तमान दौर समय में भागदौड की जिंदगी के बीच दिनचर्या लोगों का प्रभावित हो रहा है साथ ही लाईफ स्टाईल बदल रही है जिसके चलते अब खानपान भी बदल गया है। घर के भोजन के अलावा अब ज्यादातर होटलों में खान पान का चलन बढ गया है साथ ही विभिन्न तरह के फास्ट फूड का सेवन भी अब के लेाग ज्यादा करने लगे है। इसके अलावा कई तरह के सामानों में मिलावटी का असर हमारे स्वास्थ्य पर पडता है। यही कारण है कि हमारा शरीर कई तरह की बीमारियों से ग्रसित हो रहा है। जिनमें से तेजी से बढता हुआ शुगर की बीमारी है। यह एक ऐसी बीमारी है जो धीरे धीरे शरीर को खोखला करता जाता है। बाद में यह किडनी को भी प्रभावित करता है। चिकित्सकों के अनुसार किडनी का रोग मुख्यत: डायबिटीज, उच्च रक्तचाप तथा धमनियों के सख्त होने के कारण अधिकतर होती है इसके अलावा भी ऐसे कई अन्य तरह के कारण है जिसके चलते किडनी रोग की समस्या बढ जाती है आज के दौर में किडनी के मरीजों की संख्या में भी लगातार वृद्धि हो रही है जो चिंता का विषय हैं।
जिला अस्पताल बैकुण्ठपुर में कुछ माह पूर्व से डायलसिस की सुविधा जिले के लोगों को मिलने लगी है। संसदीय सचिव व क्षेत्रीय विधायक अंबिका सिंहदेव की पहल पर जिला अस्पताल में डायलिसिस की सुविधा मिलने लगी है। जिससे कि जिले के किडनी मरीजों को अपने जिले में ही सस्ती दर पर डायलिसिस की सुविधा प्राप्त होने लगी है।
तीन माह मेंं 100 से अधिक की डायलसिस
जिला चिकित्सालय बैकुंठपुर में दिसंबर माह से डायलसिस की सुविधा शुरू हो गयी है और इस दौरान तीन माह के अंतराल में यहां 100 से भी अधिक किडनी रोगियों की डायलसिस की जा चुकी है। जानकारी के अनुसार एक रोगी के डायलसिस करने में कम से कम 4 घंटे का समय लग जाता है ऐसे में एक दिन में सिर्फ दो लोग का ही डायलसिस हो पाता है। मिली जानकारी के अनुसार डायलिसिस के लिए वेटिंग नही है। वही सबसें बडी बात यह है कि जिला अस्पताल ही नही बल्कि जिले में किडनी रोग विशेषज्ञ नही है। जानकारी के अनुसार निजी अस्पताल में भी जिले में कही पर भी किडनी रोग विशेषज्ञ नहीं है जिसके चलते कई तरह की परेशानी होती है और रोगियों को दूसरे शहरों की ओर जाना पड रहा है। अब चूॅकि जिला चिकित्सालय में डायलसिस सुविधा शुरू हो गयी है तो ऐसे में किडनी रोड विशेषज्ञ चिकित्सक की पदस्थापना जरूरी हो गया है।
किडनी बीमारी के सामान्य लक्षण
मिली जानकारी के अनुसार किडनी रोग के सामान्य लक्षणों में चेहरे, पेट पैरों में सूजन किडनी बीमारी का संकेत देते है लेकिन यह जरूरी नही है कि उक्त लक्षण होने पर किडनी की ही बीमारी हो लेकिन हमेशा सूजन किडनी खराब का ही संकेत देते है। इसके अलावा भूख की कमी, उल्टी हमेशा लगना, उच्च रक्तचाप किडनी बीमारी में होना आम बात है। रक्त की कमी, पेशाब संबंधी शिकायत के अलावा पीठ में दर्द बने रहता, खुजली, पैरों में ऐंठन, किडनी बीमारी की सामान्य लक्षण है। इसके अलावा भी कई अन्य तरह के लक्षण हो सकते है जिसके संकेत मिलने के साथ ही इसकी जॉच कराना जरूरी होता है। समय रहते जॉच करा कर उपचार कराने से उपचार संभव है लेकिन यदि इस दिशा में लापरावाही बरती जाती है तो यह गंभीर रोक का कारण बन सकता है। जिसे ठिक होने में भी समय लग सकता है।
किडनी की बीमारी जब गंभीर स्थिति में पहुंच जाती है तब डायलिसिस कराने की सलाह दी जाती है। इसलिए जरूरी है कि किडनी संबंधी बीमारियों में लक्षण पता चलते ही जांच कराकर उपचार कराने की जरूरत होती है ताकि दवाईयों से ही इसकी बीमारियों को ठीक कर सके। यदि इस दिशा में लापरवाही बरती तो डायलसिस कराने की सलाह दी जाती है।