रायगढ़
सारंगढ़ वन परिक्षेत्र में शावक से बिछड़ी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़ / सारंगढ़, 28 फरवरी। दल से बिछड़ी हथिनी दो दिनों से इधर-उधर भटक रही है। शुक्रवार को रायगढ़ वन मंडल से निकल कर व खरसिया रेंज होते हुए जंाजगीर चांपा वनमंडल में पहुंच गई थी। जहां बीती रात वहां से वापस सारंगढ़ रेंज तक पहुंच गई और आज सुबह जब मादा हाथी की जानकारी लोगों को लगी, तो उसे देखने के लिए लोगों की भीड़ होने लगी। गुडिय़ारी गांव में एक युवक हथिनी का वीडियो व सेल्फी ले रहा था, तभी मादा हाथी पलट कर तेज गति से उसे दौड़ाने लगी और वह अपनी जान बचा कर भागने के दौरान मेड़ से टकराकर गिर गया। इसके बाद मादा हाथी ने उस पर हमला कर दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। इसके बाद वह आगे गटेली की ओर बढ़ गई, लेकिन उसका शावक थक कर वहीं गेहूं के खेत में बैठ गया। फिलहाल वन अमला हाथियों से लोगों को दूर रखने का प्रयास करते हुए मृतक के परिजनों को तत्कालिक सहायता राशि देते हुए आगे की प्रक्रिया पूरी की जा रही है।
इस संबंध में विभागीय अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक शनिवार को मादा हाथी अपने शावक के साथ सक्ती रेंज में विचरण कर रही थीं और रात होते ही वापस रायगढ़ वन मंडल में पहुंच कर सारंगढ़ वन परिक्षेत्र की ओर आगे बढऩे लगी। मादा हाथी व उसके शावक पर विभाग के कर्मचारी लगातार नजर रखे हुए थे। दोनों के सारंगढ़ वन परिक्षेत्र में आने की सूचना मिलते ही विभागीय अधिकारियों के निर्देश पर सभी कर्मचारी अलर्ट हो गए। रविवार सुबह आठ से नौ बजे हाथी गुडिय़ारी गांव तक पहुंची, तो लोगों की भीड़ उसे देखने व फोटो, वीडियो बनाने के लिए एकत्र हो गई।
इस दौरान वनकर्मियों के द्वारा हाथी से दूर रहने की हिदायत भी दी जा रही थी, पर कोई मानने को तैयार भी नहीं था। इसी दौरान गुडिय़ारी में रहने वाला 21 वर्षीय युवक मनोहर पटेल पिता रामेश्वर पटेल भी अपने तीन साथियों के साथ हाथी को देखने गया था और मोबाइल से वीडियो व सेल्फी ले रहा था।
वन कर्मचारियों ने बताया कि तभी मादा हाथी पलट कर तेज गति से उसे दौड़ाने लगी। तीन लोग तो भाग गए, पर मनोहर अपनी जान बचा कर भागते हुए एक मेड़ से टकरा कर गिर गया। तब हथिनी ने उस पर हमला कर दिया। इससे उसकी मौत हो गई। इसके बाद हथिनी आगे बढ़ गई, पर उसका शावक थकने की वजह से धीरे-धीरे पिछड़ गया और थक कर गुडिय़ारी में ही एक गेहूं के खेत में बैठ गया। मादा हाथी चलते-चलते कटेली तक पहुंच गई। अपने शावक से बिछड़ कर हथिनी और आक्रमक हो गई है। वह ग्राम गुढिय़ारी दलाल और कुधरी के खार में भटक रही है ।
अधिकारियों ने बताया कि हथिनी तीस से चालीस किमी तक रोज चल रही है और ज्यादा चलने की वजह से उसका शावक थक गया और अपनी मां से बिछड़ गया है। फिलहाल मादा हाथी व उसके शावक पर विभाग के अधिकारी कर्मचारी नजर रख रहे हैं। वहीं मृतक के परिजनों को तत्कालिक सहायता राशि देने सहित आगे की प्रक्रिया पूरी की जा रही है।
समझाईश के बाद भी नहीं मान रहे
मादा हाथी जिस ओर जा रही है। उस ओर उसे देखने के लिए लोग भी इकट्ठे हो जा रहे हैं। जिन्हें विभाग के अधिकारियों के द्वारा लगातार समझाईश दी जा रही है कि हाथी से छेड़छाड़ न करें। उससे दूरी बनाकर रखे और वीडियो व फोटो के चक्कर में न आए, लेकिन कई ऐसे भी लोग हैं, जो विभागीय अधिकारी, कर्मचारियों की समझाईश को मानने को तैयार नहीं हैं।
मां से शावक को मिलाने का प्रयास
अधिकारियों ने बताया कि हाथी को देखने के लिए लोगों की काफी भीड़ आ जा रही है। ऐसे में हाथी का शांत स्वभाव भी बदल जाता है, लेकिन विभाग के अधिकारियों के द्वारा अपने शावक से बिछड़ी मां को मिलाने का प्रयास किया जा रहा है। उसके वापस जाने वाले रास्ते से लोगों को हटाया जा रहा है। ताकि वह वापस गुडिय़ारी की ओर जा सके और बताया जा रहा है कि अगर वापस अपने शावक तक मादा हाथी पहुंच गई, तो रात होने पर जंगल की ओर चले जाने की संभावना बनी हुई है।
वर्सन
उप वनमंडलाधिकारी, रायगढ़ एआर बंजारे का कहना है कि गुडिय़ारी क्षेत्र में जब मादा हाथी पहुंची, तो लोग उसे देखने, फोटो लेने व वीडियो बनाने के लिए आ जा रहे थे। इसी दौरान मनोहर भी उसका वीडियो बनाने व सेल्फी ले रहा था। तब मादा हाथी वापस पलट कर उसे दौड़ाने लगी और मनोहर भागते हुए मेड़ से टकरा कर गिर गया। तब मादा हाथी उस पर हमला कर दी। इससे उसकी मौत हो गई।
डीएफओ, वन मंडल रायगढ़ प्रणय मिश्रा का कहना है कि मादा हाथी अपने शावक से अलग हो गई है, लेकिन वह अपने शावक तक पहुंच जाए, इसका प्रयास किया जा रहा है। लोगों से भी अपील है कि जागरूकता का परिचय देते हुए हाथी के करीब न जाए और फोटो, वीडियो बनाने के चक्कर में न रहे।