धमतरी
छत्तीसगढ़ संवाददाता
धमतरी, 27 फरवरी। जिले के मगरलोड ब्लॉक के ग्राम पंचायत करेली बड़ी के ग्रामीणों द्वारा गांव में संचालित रेत खदान के विरोध में प्रदर्शन जारी है जिसमे अब फूट पड़ते नजऱ आ रही है। करेली बड़ी सरपंच एवं ग्रामीण अध्यक्ष ने आंदोलन से समर्थन वापस लिया गया है। पदाधिकारियों कहना है कि वह अपने आप को सुरक्षित रखने के लिए इस आंदोलन से हट चुके हैं क्योंकि भविष्य में यदि कुछ भी होता है तो इसकी जिम्मेदारी उन पर आती।
बड़ी करेली में 20 फरवरी से रेत खदान बंद करने के मामले में जो आंदोलन जारी है, उसमें शुक्रवार को नया मोड़ उस वक्त आ गया जब सरपंच ग्रामीण अध्यक्ष सहित अन्य पदाधिकारी कलेक्टोरेट पहुंचकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपते हुए आंदोलन से पीछे हटने की बात कही।
सरपंच डोमार साहू, उपसरपंच सुकलाल साहू, पंच वीर चंद्र साहू, ईश्वरी साहू, मेनका सारथी ,पार्वती, मीणा ,इंदिरा, पूर्णिमा बाई, पिंकी, जितेश्वर,ग्रामीण अध्यक्ष महेंद्र साहू, उपाध्यक्ष कृपा राम साहू, सचिव भोज राम साहू, कोषाध्यक्ष रामदयाल साहू सहित अन्य लोगों ने हस्ताक्षर युक्त पत्र कलेक्टर-एसपी को सौंप कर कहा है कि कलेक्टर जयप्रकाश मौर्य ने आंदोलन स्थल में उपस्थित होकर आंदोलन कार्यों को कानूनी व प्रशासनिक जानकारी से अवगत कराया। जिस पर सहमति देते हुए आंदोलन से समर्थन वापस लिया है। यह भी बताया कि भविष्य में यदि वहां पर किसी प्रकार की घटना घटती है तो उसकी पूरी जिम्मेदारी सरपंच और ग्रामीण अध्यक्ष के ऊपर आती है इसलिए अपने आपको सुरक्षित रखते हुए इस आंदोलन से हट चुके हैं। वह गांव के आंदोलन का विरोध भी नहीं कर रहे हैं ।सरपंच और ग्रामीण अध्यक्ष की ओर से समर्थन वापस लेने के बाद तरह तरह की बाते सामने आ रही है।
दूसरी ओर ग्रामीण यह भी कह रहे है कि क्षेत्र के किसी बड़े सफेदपोश नेता के दबाव में यह फैसला लिया है। इसके साथ ही कयास लगाया जा रहा कि किसी के दबाव में इस आंदोलन से अलग किया है। आंदोलन बंद होने के सवाल पर ग्रामीणों का कहना है कि यह आंदोलन अभी बंद नहीं होगा।शासन प्रशासन के समक्ष बात अनसुना होने के बाद या आंदोलन आने वाले समय में और तेज होगा। एनजीटी और सरकार की ओर से जारी गाइड लाइनों के उल्लंघन करके यदि रेत उत्खनन होता है तो ग्रामीण इसका पुरजोर विरोध करेंगे।