गरियाबंद
त्रिवेणी संगम में डुबकी-दीपदान
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नवापारा-राजिम, 27 फरवरी। माघी पुन्नी के अवसर पर शनिवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने पुण्य स्नान किया। इसी के साथ राजिम माघी पुन्नी मेला का भी शुभारंभ हो गया।
जानकारी के अनुसार माघी पूर्णिमा के दिन भगवान श्री राजीव लोचन का जन्म दिवस है। इसके उपलक्ष्य में सदियों से राजिम के इस पावन भूमि में मेले भरते आ रहा है। भगवान का जन्मोत्सव मंदिर प्रांगण में बैंड-बाजे के साथ बहुत ही धूम-धाम से मनाया गया है। भगवान के पूजा के बाद नया लाल ध्वज मंदिर के कलश में चढ़ाया गया। माघ पूर्णिमा को लेकर भगवान श्री राजीव लोचन का मंदिर दमकने लगा है। बिजली की झालर और तेज लाइट की रोशनी से जगमगाने लगा है।
माघी पूर्णिमा पर अंचल सहित प्रदेश के कोने-कोने से पहुंचे श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम पैरी सोंढ़ूर और महानदी में तडक़े डुबकी लगाकर दीपदान किया। इसके बाद श्रद्धालुओं की भीड़ श्री राजीव लोचन और कुलेश्वरनाथ महादेव के मंदिर पहुंचकर दर्शन कर अपने परिवार की खुशहाली और सुख समृद्धि की आशीर्वाद मांगा। दोनों मंदिरों के अलावा श्रद्धालुओं ने लोमश ऋषि आश्रम, राजिम भक्तिन माता मंदिर, मामा-भांचा मंदिर, राजराजेश्वर, दानदानेश्वर, बाब गरीब नाथ महादेव के भी दर्शन किए।
कई महिलाएं एवं युवतियां तीनों नदी, पैरी, सोंढूर और महानदी की धार में डुबकी लगाने के बाद नदी के रेत में शिवलिंग बनाकर उसमें नारियल, बेल पत्ता, धतुरे का फूल, दूध चढ़ाकर पूजा अर्चना की और नदी में दीपदान किए।
जानकारों के मुताबिक सूर्योदय के पूर्व माघी पुन्नी स्नान का बड़ा महत्व है। दीप दान किए जाने का भी धार्मिक महत्व है, इसलिए नदी की धार में दीप दान कर सीधे श्री राजीव लोचन और भगवान श्री कुलेश्वरनाथ महादेव के दर्शन के लिए लोग पहुंचते रहे।