रायगढ़
22 प्रकार की सब्जियों का कर रहे उत्पादन, परंपरागत खाद से तैयार कर रहे सब्जियां
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 25 फरवरी। कई ऐसे लोग हैं, जिन्हें सब्जियां व फूलों की खेती करने का काफी मन तो होता है, पर जगह व सुविधाओं का अभाव होने के कारण उनकी यह इच्छा पूरी नहीं हो पाती है, पर शहर में एक ऐसी भी महिला हैं, जिनके पास बाड़ी बनाने जैसा कोई आगंन तो घर में नहीं था, तो उन्होंने अपनी इस शौक को पूरा करने के लिए घर के छत को ही आंगन की तरह इस्तेमाल कर सब्जी की बाड़ी बना लिया और अब छत का इस्तेमाल करते हुए आर्गेनिक खाद का उपयोग कर 22 प्रकार की सब्जियां तैयार कर रही हैं। जहां से उन्हें उनके चार परिवार के लिए सब्जी यहां से उपलब्ध हो जाती है।
लोचन नगर रोड में रहने वाली सुनिता अग्रवाल अपने घर की छत में सब्जियां उगा रही हैं। तीन हजार स्क्वायर फीट की छत में जहां 22 प्रकार की सब्जियों का उत्पादन हो रहा है, तो लगभग 35 से 40 प्रकार के फूल व अन्य पौधों को भी इन्होंने तैयार किया है। जिसे देखने के बाद लोगों का मन प्रफुल्लित हो उठता है। सुनीता अग्रवाल ने बताया कि वे 2020 से सब्जियों को उगा रही हैं और इसमें किसी भी प्रकार का कीटनाशक या लिक्विड का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है। बल्कि आर्गेनिक खाद तैयार कर सब्जियों व फूलो के पौधे में डाल रही हैं और इसका रिजल्ट काफी अच्छा देखा जा रहा है। उन्होंने बताया कि यहां छत में लगभग 22 प्रकार की सब्जियां हैं। इसमें गोभी, फूल गोभी, टमाटर, धनिया, मेथी, मखना, तरोई, दोडक़ा, स्टाबैरी, मूली, सादा भाजी, लालभाजी, पालक भाजी, खेड़ा भाजी, गंवारफल्ली, कुंदरू, करौंदा, नीबू, चना, हरा मूंग, बैगन, शीमला मिर्च, हरा मटर, मिर्ची, खीरा, भिंडी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 2020 में छत में सिर्फ फूल लगाते थे, पर लॉकडाउन आने के बाद सब्जियों की काफी समस्या हुई, तो सब्जियों के अच्छी क्वालिटी का बीज लाकर उसे लगाने का कार्य शुरू किया गया और परांपरागत खाद का इस्तेमाल करते हुए सब्जियों को उगाना शुरू किया। ऐसे में लॉकडाउन में घर में लगी सब्जियों का ही इस्तेमाल किया गया और अब भी अधिकतर घरों की सब्जियों को ही बनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इसमें मात्र तीन घंटा समय देते हैं और घर के फार्मुले से लगभग तीस से चालिस दिन में सब्जियां मिलनी शुरू हो जाती है। इस तरह घरों में ही सब्जियों को तैयार करने से उन्हें ताजा सब्जियां जहां एक ओर मिल जाती है। वहीं अन्य लोगों के लिए सुनिता अग्रवाल एक मिशाल भी बन रही हैं। उनका यह भी कहना है कि किसी के पास बड़ी जगह हो या न हो पर वह चाहे तो घरों में ही सब्जियां लगा कर ताजा सब्जी प्राप्त कर सकते हैं और ताजा सब्जियों में कई प्रकार के गुण होते हैं, जो लोगों को स्वस्थ रहने में काफी मदद करते हैं।
घरेलू सामान से गमला कर रहे तैयार
सुनिता अग्रवाल ने बताया कि लॉकडान के दौरान गमला खरीदने व कई तरह की समस्याएं भी आ रही थी। ऐसे में उनके दुकान व घरों में बेकार पड़े डिब्बों का उन्होंने गमला बनाने के लिए इस्तेमाल किया और उन्हें रंगबिरंगा बनाकर गमला की तरह तैयार कर दिया। यही नहीं लाल भाजी, पालक भाजी लगाने के लिए उन्होंने नल के बड़े पाईप का इस्तेमाल करते हुए उसमें सब्जियां लगाए। जहां आज यह फार्मुला भी इनका सफल नजर आ रहा है।
इजराईल की धनिया पत्ती
सुनिता अग्रवाल के द्वारा स्टाबैरी का भी पौधा यहां लगा रखा है और यही नहीं इजराईल की धनिया पत्ती भी इनकी छत में देखा जा सकता है। इसका भी काफी स्वादिष्ट स्वाद होने की बात कही जा रही है। साथ अपने घर की छत में लगभग चालिस प्रकार के फूल व अन्य पौधें भी सुनिता अग्रवाल ने लगाए हैं, जो रायपुर नर्सरी से भी लाए गए हैं।