राजनांदगांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 25 फरवरी। कोरोना संक्रमण काल में भले ही स्कूल बंद रहे, लेकिन शिक्षकों ने विभिन्न तरीकों से पढ़ाना जारी रखा। जिसके कारण राज्य शासन को ई-गवर्नेस अवार्ड मिला है। ई-गवर्नेस अवार्ड का मिलना ही शिक्षकों के लगन और सेवाभाव का प्रमाण है। उक्ताशय के विचार छत्तीसगढ़ प्रदेश शिक्षक फेडरेशन के प्रांताध्यक्ष राजेश चटर्जी ने वार्षिक आमसभा में व्यक्त किया।
फेडरेशन के प्रांतीय महामंत्री सतीश ब्यौहरे एवं राजनांदगांव जिला महामंत्री पीआर झाड़े ने बताया कि जेएन पांडेय शा.उ.मा.विद्यालय रायपुर के सभागार में आयोजित वार्षिक आमसभा में प्रदेश के सभी जिलों से शिक्षक शामिल हुए। 28 फरवरी को सेवानिवृत्त हो रहे अशोक रायचा (रायपुर संभाग अध्यक्ष) को प्रांताध्यक्ष राजेश चटर्जी द्वारा प्रांताध्यक्ष का आसंदी एवं दायित्व देकर तथा सेवा सम्मान पदक से सम्मानित किया गया।
इस आमसभा में शिक्षक संवर्ग को समयमान वेतनमान स्वीकृति के संदर्भ में सही विकल्प लेने के तरीकों पर विशेषज्ञ कुबेरराम देशमुख ने विस्तृत जानकारी उदाहरण सहित प्रस्तुत किया।
आमसभा ने विगत वर्ष 2020 के वार्षिक प्रतिवेदन का अनुमोदन सर्वसम्मति से किया। फेडरेशन के स्थायी निधि एवं संपत्ति की व्यवस्था के लिए प्रत्येक ब्लॉक एवं तहसील इकाई में अधिक से अधिक संरक्षक सदस्य एवं आजीवन सदस्य बनाने का संकल्प पारित हुआ। वर्ष 2021 के लिए ए के ए एंड कंपनी दुर्ग को लेखा परीक्षक नियुक्ति किया गया। छत्तीसगढ़ सोसाइटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम की धारा 27 एवं 28 के अंतर्गत कार्रवाई के लिए सर्वाधिकार प्रांताध्यक्ष को दिया गया एवं नियाय पाती अभियान के फलस्वरूप शासन स्तर पर हुए कार्रवाई की जानकारी एवं आगामी रणनीति तय किया गया।
उन्होंने बताया कि उप प्रांताध्यक्ष राजेन्द्र सिंह द्वारा प्रांतीय सम्मेलन आयोजित करवाने का प्रस्ताव आमसभा में पेश किया गया, जिसे सर्वसममति से पारित किया गया। सभी वक्ताओं ने अपने वक्तव्य में सहायक शिक्षकों को तृतीय समयमान, क्रमोन्नत वेतनमान एवं संवर्गीय पदोन्नति पर तार्किक पक्ष रखते तत्संबंधी आदेश जारी करने की मांग शासन से की। आमसभा में सरगुजा, बिलासपुर, रायपुर, दुर्ग एवं बस्तर संभाग के पदाधिकारियों एवं सक्रिय सदस्यों ने भाग लिया।