रायगढ़
कलेक्टर के पास पहुंचे कर्मचारी, भाजपा ने भी किया समर्थन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 24 फरवरी। कोरोना काल में स्वास्थ्यकर्मियों और स्वच्छता कर्मियों ने अपने जान की परवाह किए बिना ड्यूटी निभाई। इस दौरान हर जगह संविदा कर्मचारियों की नियुक्ति की गई। वहीं अब कोरोना का खतरा कम हो रहा है, तो इन्हें काम से निकाला जा रहा है। जिसका अब ये कर्मचारी विरोध कर रहे हैं।
रायगढ़ में कोरोना काल में 46 स्वच्छता कर्मियों की नियुक्ति की गई थी, उन्हें अब कार्य मुक्त किया जा रहा है। जिसके विरोध में मंगलवार को रायगढ़ जिला कलेक्टोरेट परिसर में कोरोना काल के दौरान नियुक्त अस्थायी स्वच्छता कर्मियों ने एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन किया।
वहीं जिला भाजपा के नेताओं ने भी इस धरना प्रदर्शन में पहुंचकर स्वच्छता कर्मियों का समर्थन किया। इसे लेकर भाजपा नेताओं का कहना है कि इस प्रकार कार्य मुक्त करना अमानवीय है और पूरी तरह गलत है।
स्वच्छता कर्मियों का कहना है कि कोरोना काल के दौरान मेडिकल कॉलेज में जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा उन्हें केयर सेंटर में सफाई कर्मी के पद पर नियुक्त किया गया था। अब जब कोरोना संक्रमण कम होने लगा है तो उन्हें कार्यमुक्त किया जा रहा है। सफाई कर्मियों ने बताया कि उन्हें कार्यमुक्त करने का आदेश मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल द्वारा 18 फरवरी को मिला है।
25 फरवरी तक उन्हें उनके कार्य छोडऩे के लिए कहा गया है। साथ ही उनका कहना है कि कोरोना काल में उन्होंने अपनी जान जोखिम में डालकर कार्य किया। उनके परिवार की रोजी रोटी भी इसी कार्य से चल रही है। यदि उनसे कार्य छीन लिया जाएगा तो हम अपने परिवार के लिए दो वक्त की रोटी की पूर्ति भी नहीं कर सकेंगे।