बालोद

सडक़ से सदन तक की लड़ाई लड़ेगी भाजपा महिला मोर्चा, 20 को धरना-प्रदर्शन
19-Feb-2021 3:47 PM
सडक़ से सदन तक की लड़ाई लड़ेगी भाजपा महिला मोर्चा, 20 को धरना-प्रदर्शन

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बालोद, 19 फरवरी।
बालोद जिले की महिला मोर्चा भाजपा द्वारा प्रदेश के विभिन्न मुद्दों को लेकर 20 फरवरी को जिला स्तरीय धरना प्रदर्शन किया जाएगा। 
महिला मोर्चा की जि़ला अध्यक्ष दीपा साहू ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए बताया कि यहां प्रदेश में जबसे कांग्रेस की सरकार सत्ता में आई है, दलित आदिवासी सहित हर समाज के हर वर्ग के खिलाफ संगीन अपराध की घटनाओं में बेतहाशा वृद्धि हुई है। विभिन्न वर्गों की महिलाओं के खिलाफ दुष्कर्म और अन्य मामलों की चिंताजनक वृद्धि पर कांग्रेस सरकार न केवल पूरी तरह खामोश है, बल्कि प्रदेश के कैबिनेट मंत्री तक इसे ‘छोटा अपराध’ कहने से नहीं हिचकते।

प्रदेश उपाध्यक्ष शीतल नायक ने कहा कि कोरबा में पहाड़ी कोरवा जनजाति की नाबालिग से सामूहिक बलात्कार और पिता-भतीजी समेत उनकी ह्त्या ने, इस तिहरे हत्याकांड ने तो प्रदेश को झकझोर कर रख दिया है। लेकिन फिर भी प्रदेश सरकार पर कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। ऐसा ही एक मामला जशपुर का सामने आया है, जहां अंचल की बेटी को छ: बार अलग-अलग लोगों के हाथ बेची गयी थी और तंग आकरआत्महत्या कर ली। छत्तीसगढ़ देश में मानव तस्करी का एक केन्द्र बनता जा रहा है। इस संबंध में पडि़ता के पिता ने पुलिस थाने में 6 माह पूर्व शिकायत थी। इस सबके बाद भी पुलिस ने कार्रवाई के नाम पर कुछ भी नहीं किया। 

जिला भाजपा महिला मोर्चा अध्यक्ष दीपा साहू ने कहा कि ऐसे अनेक मामलों में तो कांग्रेस के नेताओं या कांग्रेस समर्थित/संरक्षित लोगों की संलिप्तता भी लगातार सामने आ रही है। एक नाबालिग आदिवासी बेटी की बलात्कार में कांग्रेस नेता का शामिल होना, रेत माफिया द्वारा धमतरी में आदिवासी जनप्रतिनिधि की पिटाई समेत अनेक घटनाओं की जानकारी आपको मिली ही होगी। साथ ही उन्होंने कहा कि आदिवासी-दलित वर्ग के लोगों खासकर महिलाओं के साथ हो रही और हुई ऐसी हज़ारों घटनाओं ने प्रदेश का मस्तक शर्म से झुका दिया है। दुखद-दुर्भाग्यजनक बात यह है कि ऐसी घटनाओं को रोकने की बात तो दूर, प्रदेश शासन जिस पर क़ानून व्यवस्था को बनाये रखने की जिम्मेदारी है, उसके प्रतिनिधि कैबिनेट मंत्री शिव डहरिया ऐसी लोमहर्षक घटना को ‘छोटा अपराध’ कहते हैं। 

आगे कहा कि कुछ दिनों पहले ही एक घटना बस्तर के केशकाल से सामने आई है। वहां दुष्कर्म की शिकार नाबालिग आदिवासी न केवल सामूहिक दुष्कर्म की शिकार हुई बल्कि कहीं से न्याय नहीं मिलने पर उसने आत्महत्या भी कर ली। फिर भी मामले को दबाने की कोशिश की गयी। अंत में किशोरी के पिता ने भी आत्महत्या की कोशिश की, तब मामला सामने आ पाया है। 

सदन में सरकार ने स्वीकार किया कि राज्य में एक जनवरी 2019 से 31 जनवरी 2020 तक डकैती, लूट, हत्या, बलात्कार और अन्य अपराधों के 17,009 मामले सामने आये हैं। इस दौरान यहां केवल बलात्कार के ही 2,575 मामले प्रकाश में आये हैं। यानि दुष्कर्म की लगभग 7 घटनाएं रोज सामने आ रही हैं। जिन घटनाओं की रपट ही दर्ज नहीं होती, उसका तो सिर्फ अनुमान ही लगाया जा सकता है।

दीपा साहू ने कहा कि एक नवीनतम आंकड़े के अनुसार पिछले दो वर्ष में 5347 बलात्कार और 4038 अपहरण के मामले सामने आये हैं। यहां फिर यह दुहराना होगा कि ये आंकड़े तो वे हैं, जो दर्ज हुए हैं। जिन वारदातों को प्रदेश भर में दर्ज ही नहीं किया जाता है, उसकी तो सिर्फ कल्पना ही की जा सकती है। एक आंकड़े के मुताबिक हर तीसरे घंटे बलात्कार का एक मामला दर्ज किया जा रहा है। हमेशा शांति के द्वीप रहा छत्तीसगढ़ अब अपराधगढ़ का स्वरूप लेता जा रहा है।  इन्हीं तमाम मामलों को लेकर भाजपा सडक़ से लेकर सदन तक संघर्ष करेगी। 
उन्होंने बताया कि 20 फरवरी को बूढ़ातालाब के पास धरना-प्रदर्शन के बाद पैदल मार्च करते हुए राजभवन जाकर राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा जाएगा। जि़ला मुख्यालयों में भी धरना-प्रदर्शन कर राज्यपाल के नाम संबोधित ज्ञापन कलेक्टर को सौंपा जाएगा।

आगे बताया कि ‘हल्ला बोल आंदोलन’ में पार्टी समेत सभी मोर्चा-प्रकोष्ठों ने सक्रिय भागीदारी का निर्णय लिया। धरना प्रदर्शन के साथ ही ‘सडक़ से सदन तक हल्ला बोल’ आंदोलन के तहत विधानसभा सत्र के दूसरे सप्ताह विधानसभा का घेराव करने का निर्णय भी लिया गया है।
 

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