सुकमा

शक्कर किलो से नहीं लीटर से तौली जाती है
15-Feb-2021 7:14 PM
शक्कर किलो से नहीं लीटर से तौली जाती है

  पेदाकुर्ती राशन दुकान में मिली गड़बडिय़ां, कोरोना राहत राशन पर उठे सवाल   

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

दोरनापाल, 15 फरवरी। सुकमा जिले के कोंटा विकासखंड अंतर्गत पेदाकुर्ती जहां 437 राशनकार्ड धारी है उस राशन की दुकान में गड़बड़ी का मामला सामने आया है जहां आज भी राशन दुकान में पाषाण काल की तरह जुगाड़ से  राशन दिया जाता है।

मामले की जानकारी मिलते ही ‘छत्तीसगढ़’ की टीम राशन दुकान पहुंची जहां तराजू में तौले जा रहे राशन के मापदंड में गड़बड़ी पाया वही इस राशन दुकान में शक्कर को किलो से नहीं बल्कि लीटर के बर्तन से दिया जाता है।

सेल्समैन ने माना कि किलो बाट नहीं होने की वजह से लीटर से शक्कर देते हैं शक्कर लीटर से राशन कार्ड धारियों को दिया जाता है वहीं राशन दुकान में कोरोनाकाल के दौरान मुख्यमंत्री राहत राशन में भी  भारी अनियमितता और गड़बडिय़ां पाई।

राशन दुकान में राशन लेने पहुंचे कई राशन कार्ड धारियों के राशन कार्ड को ‘छत्तीसगढ़’  की टीम ने देखा जिसमें केवल दो-तीन माह को छोड़ दिया जाए तो पूरे कोरोनाकाल में उन्हें मुख्यमंत्री राहत राशन 5 किलो चावल की एंट्री राशनकार्ड में नही है । ग्रामीणों ने बताया कि कोरोना राहत राशन 2 से 3 महीने मिला फिर नही दिया गया वहीं कई राशन कार्ड में राशन का मापदंड हर माह अलग पाया गया।

राशन कार्ड धारियों ने बताया कि शक्कर को लीटर से तौलने का काम कोई नया नहीं है। इससे पहले जो सेल्समैन था वह भी इसी तरह चलता था हालांकि राशन कार्ड धारियों को भी अब तक नहीं पता था कि 1 किलो और 1 लीटर में क्या फर्क होता है। इस पूरे मामले पर विभागीय जांच पर मामले में दोषी पाए जाने पर कार्यवाही की बात कह रहे हैं ।

 गौरतलब है कि इलाके के रहवासी ज्यादातर अशिक्षित हैं और वनोपज पर आश्रित है और रोजगार के भी अवसर सीमित रहते हैं ऐसे में 90 फीसदी लोग शासन द्वारा आबंटित राशन पर निर्भर होते हैं और राशन लेने कई किलोमीटर नंगे पांव भी राशन दुकान राशन लेने पहुंचते हैं ।

आज भी पाषाण काल में चल रही राशन दुकान

गौरतलब है कि जहां आज दुनिया चांद पर पहुंच गई है हर क्षेत्र में इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम दौडऩे लगे हैं ऐसे दौर में सुकमा जैसे जिले में आधुनिक दौर के बावजूद राशन दुकान पाषाण काल में चल रहे हैं। यही वजह है कि ग्रामीणों को 1 किलो की जगह  700-800 ग्राम शक्कर ही मिल पाता है ।

राशन कार्ड धारी ने बताया कि उक्त राशन दुकान से वह भी राशन लेते हैं और  जब शक्कर तौला जाता है तब 1 लीटर के बर्तन का उपयोग किया जाता है और कार्ड के आधार पर 1 किलो शक्कर को 1 लीटर के बर्तन से केवल एक बार निकाला जाता है। राशन कार्ड धारियों ने बताया कि लीटर से शक्कर देने का काम आज का कोई नया नहीं है शक्कर तोडऩे के लिए पत्थर ना होने का हवाला देकर हमेशा ही लीटर में तौलकर शक्कर दिया जाता रहा है और हमें यही बताया जाता है कि 1 किलो हो या 1 लीटर वजन बराबर ही है।

इधर प्रबंधक प्रसाद का कहना है कि मेरे द्वारा निरीक्षण के दौरान वहां किलो बाट पत्थर पाए जाते हैं वही सेल्समैन ने ‘छत्तीसगढ़’ टीम को बताया कि राशन दुकान में पत्थर ना होने की वजह से लीटर से शक्कर तौला जाता है और यह आज का नहीं है इससे पहले जो सेल्समैन था तब भी ऐसे ही शक्कर दिया जाता था । 

राशन दुकान में गड़बड़ी की शिकायत मीडिया के माध्यम से मिल रही है शक्कर को मापदंड से अलग लीटर से देना गम्भीर मामला है मैं टीम गठित कर पैदाकुर्ती के साथ साथ कोंटा विकासखंड के अन्य दुकानों की भी जांच करवाता हूँ यदि ये शिकायत सही पाई जाती है तो खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत दोषियों के खिलाफ एफआईआर करवाई जाएगी ।

के आर पिस्दा,जिला खाद्य अधिकारी, सुकमा

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