कोरबा

पल-पल मौत के करीब जा रही मासूम
15-Feb-2021 5:35 PM
पल-पल मौत के करीब जा रही मासूम

 एसईसीएल कर्मी की 14 माह की बेटी को दुर्लभ बीमारी से बचाने 22 करोड़ के इंजेक्शन की जरूरत

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोरबा, 15 फरवरी।
अपनी जि़न्दगी के लिए अपोलो अस्पताल बिलासपुर में लगभग 45 दिनों से वेंटिलेटर पर संघर्ष कर रही 14 माह की बच्ची सृष्टि को बचाने के लिए उसके पिता ने प्रदेश व देश की जनता के साथ मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री से मदद की गुहार लगाई है। लगभग डेढ़ माह बीत जाने के बाद भी अब तक इंजेक्शन के लिए 22 करोड़ में से लगभग 3 लाख पचास हजार रुपए दानदाताओं से  एकत्रित हुए हैं।  

सृष्टि को दुर्लभ बीमारी स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी है जिससे ठीक होने के लिए स्विट्जरलैंड के नोवार्टिस कंपनी की जोलजेसमा इंजेक्शन की जरूरत है। जिसकी कीमत 22 करोड़ है। यदि केंद्र सरकार अपना 6 करोड़ टैक्स माफ कर दे तो यह इंजेक्शन 16 करोड़ में अपने देश आ जाएगा।

सृष्टि के पिता सतीश कुमार कोरबा जिला के एसईसीएल दीपका में कार्यरत है। एसईसीएल अपने खर्च पर अपने कर्मियों व उनके परिवार को शत प्रतिशत कैशलेस स्वास्थ्य की सुविधा उपलब्ध कराती है। परंतु मासूम सृष्टि को एसईसीएल अब तक इस बीमारी का संपूर्ण उपचार उपलब्ध नहीं करा पाई है । इसका मुख्य कारण यह है कि यह दुर्लभ बीमारी स्पाइनल मस्कुलर एट्राफी एसईसीएल की स्वास्थ्य सूची में शामिल नहीं है। इसी कारण नियम कायदों के बीच फंसकर मासूम सृष्टि पल-पल मौत के करीब जा रही है।

ऐसी ही बीमारी मुंबई के  कामत परिवार की बच्ची तीरा को हुई है। तीरा के मात- पिता ने अपनी बच्ची को बचाने के लिए देशवासियों से सहयोग मांगा था सोशल मीडिया व्हाट्सएप, फेसबुक समाचार पत्रों, टीवी न्यूज की मदद से एक अभियान चलाया गया और 92 दिनों में तीरा के एक इंजेक्शन के लिए 16 करोड़ जमा हो गए। बाकी 6 करोड़ रुपए सरकार ने अपना टैक्स माफ कर दिया। अपोलो अस्पताल बिलासपुर में भर्ती सृष्टि को मुंबई की तीरा के जैसे मदद नहीं मिल पाई है। 

क्या है स्पाइनल मस्कुलर एट्राफी बीमारी
स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी बीमारी के लिए जिम्मेदार जीन शरीर में तंत्रिका तंत्र के सुचारू रूप से कार्य करने के लिए आवश्यक प्रोटीन के निर्माण को बाधित कर देता है। इसकी वजह से तंत्रिका तंत्र नष्ट हो जाता है। इस बीमारी की वजह से शरीर की सभी मासपेशियां सिकुडऩे लगती हैं। हाथ पैर-काम करना बंद कर देता है और मरीज की मौत हो जाती है।

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news