राजनांदगांव

11 माह बाद खुले स्कूलों में निजी की तुलना में सरकारी में कम उपस्थिति
15-Feb-2021 2:20 PM
11 माह बाद खुले स्कूलों में निजी की तुलना में सरकारी में कम उपस्थिति

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 15 फरवरी।
वैश्विक महामारी कोरोना वायरस संक्रमण के चपेटे से बचाने के लिए करीब सालभर से बंद स्कूलो के पट सोमवार से खुल गए। स्कूलो के साथ उच्च शैक्षणिक संस्थान कॉलेजों को भी खोल दिया गया है। 11 माह बाद बंद स्कूलो के खुलने के पहले दिन विद्यार्थियों की तादाद सीमित संख्या में रही। निजी स्कूलो की तुलना में सरकारी शालाओं में कक्षा 9वीं से 12 वीं छात्र-छात्राओं की उपस्थिति कम रही। 

प्रदेश सरकार के आदेश के बाद जिले के सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों में हाईस्कूल और हायर सेकेण्डरी के विद्याथियों को शाला प्रवेश की अनुमति मिल गई है। राज्य सरकार ने कोविड-19 की शर्तो का पालन करने के लिए खास हिदायत दी है।
 
बताया जाता है कि जिले के सभी 9 विकासखंडों के बीईओ को स्कूलों में शर्तो का पालन सुनिश्चित करने का आदेश दिया गया है। स्कूल प्रवेश के दौरान विद्यार्थियों को मास्क लगाने, सेनेटाईज करने, हाथ धुलाई करने समेत अन्य नियमो का अमल कराने का प्रशासन ने आदेश दिया है। बताया जाता है कि प्राचार्यो को सीमित संख्या में विद्यार्थियों को स्कूल बुलाने का निर्देश दिया है। वहीं घर में रहने के दौरान विद्यार्थियों को ऑनलाईन पढ़ाई करने पर भी ध्यान देने का आदेश दिया गया है। 

इधर जिले के 128 हाईस्कूल और 202 हायर सेकेण्डरी स्कूलों के खुलने से बोर्ड परीक्षा की तैयारी में जुटे विद्यार्थियों को काफी राहत मिली है। अब तक ऑनलाईन पढ़ाई करने की वजह से कई विद्यार्थियों को कोर्स से संबंधित समस्या खड़ी हो रही थी। स्कूलों के खुलने से विद्यार्थी प्रत्यक्ष तौर पर शिक्षकों से अपनी अध्यापन संबंधी समस्याओं को दूर कर सकते है। 

इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी एचआर सोम ने ‘छत्तीसगढ़’ से चर्चा ेमें कहा कि कोरोना नियमों का पालन करते हुए स्कूल खोले गए है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों और विद्यार्थियों को कोविड-19 शर्तो का पालन करने का निर्देश दिया गया है। इस बीच जिले मेें पौने चार सौ निजी स्कूलों को ताले हटा लिए गए है। निजी स्कूलों की ओर से कोरोनाकाल में नए सिरे से विद्यालय खोलने की मांग उठती रही है। 

बताया जाता है कि निजी स्कूलों को बस संचालन करने की अनुमति नहीं दी गई है। कक्षाओं की क्षमता के अनुसार 50 फीसदी विद्यार्थियों को कक्षा में बैठने की अनुमति देने का भी आदेश दिया गया है। बताया जाता है कि निजी और सरकारी स्कूलों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के अलावा प्रार्थना करने पर भी प्रतिबंध जारी रहेगा। महीनों बाद खुले स्कूलों में आज गिनती के ही विद्यार्थी पहुंचे।

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