बिलासपुर

चांपी जलाशय से सिंचाई के लिए नहीं दिया पानी, सैकड़ों एकड़ चने की फसल चौपट
09-Feb-2021 5:22 PM
चांपी जलाशय से सिंचाई के लिए नहीं दिया पानी, सैकड़ों एकड़ चने की फसल चौपट

     विशेष रिपोर्ट - रामनारायण यादव      

नहर में कांक्रीटीकरण के लिए छोड़ दिया पानी

करगीरोड (कोटा), 9 फरवरी।  कोटा जनपद पंचायत के चांपी जलाशय की नहरों से फसलों को सिंचाई के लिए पानी दिया जाना था लेकिन विभाग ने ऐसा नहीं किया। इस कारण सैकड़ों एकड़ फसल बर्बाद हो गई।  किसानों का आरोप है कि हमें सिंचाई के लिए पानी नहीं दिया गया और विभागीय अधिकारियों ने सीमेंट कांक्रीट की तराई के लिए चांपी जलाशय से पानी छोड़ दिया। 

गौरतलब है कि  चांपी से मोहदा नवागांव  तक लगभग 5 किलोमीटर तक छोटी नहर माइनर में कांक्रीट किया जा रहा। नहर से निकासी  के लिए पाइप नहीं डाला जा रहा है। 
ग्राम पंचायत सेमरा बिरगहनी के किसान सहादेव लाशकर ने बताया कि ग्रामसेवक ने लगभग सौ एकड़ में चना के फसल लगाने किसानों को मुफ्त  में बीज दिया गया। किसानों ने अपने खेतों में चना कीफसल लगाई लेकिन विभागीय अधिकारियों के लपरवाही के सैकडों एकड़ में लगे चने की खेती में चांपी जलाशय के नहर से पानी नहीं मिलने के कारण फसल चौपट हो गई। वहीं निर्माणाधीन नहर मरम्मत में तराई के लिए बांध से सीधे पानी छोड़ दिया। सेमरा बिरगहनी के किसान प्रताप मरकाम, राधेश्याम पैकरा, बाल दास, सहादेव लाशकर, शिवनंदन यादव, आदि किसानों ने सिंचाई विभाग अधिकारी के प्रति अपनी नाराजगी जाहिर किया है।

किसान प्रताप मरकाम ने कहा कि नहर के कार्य में अधिकारियों की अनदेखी से नहर के दोनों ओर बिना दबाए, और मुरूम की जगह पीली मिट्टी डालकर गुणवत्ता की अनदेखी की जा रही है।
बिरगहनी शिवनंदन यादव ने बताया कि हमने फसल कटने के बाद चना फसल लगाया था लेकिन खेत में पानी नहीं मिलने कारण पूरा फसल नष्ट हो गया। बिरगहनी किसान राजकुमार मानिकपुरी ने बताया कि खेत में पानी सिंचाई के लिए पाइप ही  नहीं डाला है और खेत में पांच एकड़ में  सिंचाई पानी नहीं मिलता और हर साल सिंचाई के लिए पानी का पैसे लेने आ जाते हैं।

14 गांवों को मिलता है पानी
चांपी जलाशय से सिंचाई के लिए 14 गांव के ग्रामीणों को लाभ  मिलता हैं। जिसमें चपोरा, बिरगहनी, खैरा, पोडी, डोगी, दोनासागर, नवागांव मोहदा, जमुनाही, तिलकडीह, लालपुर, घासीपुर, रतनपुर आदि शामिल हैं।
रेणु जोगी विधायक कोटा विधानसभा का कहना है कि ग्रामीणों के द्वारा शिकायत मिली है इसकी जांच करवाती हूं।
जलसंसाधन विभाग ई ई गोहिल ने कहा कि अभी मैं मीटिंग हूँ इस संदर्भ में बात करता हूँ।
एसडीओ संतोष कौशिक ने कहा कि काम अच्छा हो रहा और ग्रामीण अनावश्यक काम करने रोकटोक कर रहे हैं।
 

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