कोरबा

निदान 36, जनसमस्याओं के त्वरित निराकरण के लिए शिविरों की श्रृंखला शुरू
09-Feb-2021 4:15 PM
निदान 36, जनसमस्याओं के त्वरित निराकरण के लिए शिविरों की श्रृंखला शुरू

कलेक्टर पहुंचीं सलोरा, सुपरवाईजर-पंचायत सचिव को किया निलंबित

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोरबा, 9 फरवरी।
जिले में जनसमस्याओं के त्वरित निराकरण के लिए कलेक्टर किरण कौशल की निदान शिविर आयोजन की श्रृंखला 8 फरवरी  से शुरू हो गई। पहले दिन जिले के सभी विकासखण्डों में एक-एक क्लस्टर शिविर लगाये गये। कलेक्टर कौशल स्वयं कटघोरा विकासखण्ड के सलोरा में आयोजित निदान शिविर में पहुंची और उपस्थित लोगों से उनकी समस्याओं तथा मांगो की जानकारी ली। श्रीमती कौशल ने मौके पर ही कई मामलों का निराकरण कर दिया तो शासकीय कार्यों में लापरवाही की शिकायत पर निलंबन और जांच करने के भी निर्देश अधिकारियों को दिए। 

 जिले में आयोजित पांचों क्लस्टर शिविरों में ग्रामीणों द्वारा 419 आवेदन दिए गए। जिनमें से 254 आवेदनों का मौके पर ही निराकरण हो गया। कलेक्टर ने संबंधित विभागों के अधिकारियों को एक सप्ताह के भीतर शेष 165 आवेदनों पर कार्रवाई कर सूचित करने के निर्देश दिए हैं। ग्रामीणों के आवेदनों पर की गई कार्रवाई और किए गए समाधान की पूरी जानकारी एक सप्ताह उपरांत शिविर आयोजन स्थल पर ही दी जाएगी। 

स्कूल में शिक्षकों के नहीं आने की शिकायत
सलोरा के निदान शिविर में कलेक्टर श्रीमती कौशल ने उपस्थित ग्रामीणजनों से प्रायमरी और हाईस्कूल में पढ़ाई, मोहल्ला स्कूल के संचालन और पढ़ई तुंहर दुआर कार्यक्रम के संचालन के बारे में जानकारी ली। ग्रामीणों ने बताया कि स्कूलो में पदस्थ शिक्षकों ने पढ़ाने के लिए स्वयं ही दिन निर्धारित कर लिए हैं। आधे शिक्षक एक दिन तो आधे शिक्षक दूसरे दिन स्कूल आते हैं। कलेक्टर श्रीमती कौशल ने प्राथमिक स्कूल के हेडमास्टर और हाईस्कूल के प्राचार्य से भी इस बारे में पूछा तो उन दोनों ने भी ग्रामीणों की बात का समर्थन किया। कलेक्टर इस पर गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए शासकीय निर्देशों की अवहेलना और नियम विरूद्ध स्कूलों से अनुपस्थित रहने वाले शिक्षकों के विरूद्ध उपस्थिति वैरिफिकेशन जांच करने के निर्देश जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को दिए। 

उन्होंने सलोरा और छुरी के स्कूलों की उपस्थिति पंजी पंचनामा बनाकर जप्त कर पदस्थ सभी शिक्षकों की वास्तविक उपस्थिति के आधार पर ही वेतन आहरण के निर्देश दिए। कलेक्टर ने यह भी चेतावनी दी की यदि अनुपस्थित रहने वाले दिनो के लिए शिक्षकों का वेतन आहरण कर लिया गया हो तो संबंधित खण्ड शिक्षा अधिकारी इसके लिए जिम्मेदार होंगे और उनके विरूद्ध निलंबन की कार्रवाई की जाएगी।

एक माह के भीतर होगा पानी की समस्या का निदान 
सलोरा के निदान 36 शिविर में पहुंची कलेक्टर के समक्ष कैलाश नगर की महिलाओं ने पानी की समस्या रखी। महिलाओं ने बताया कि उपरपारा में पानी की बेहद किल्लत है। पर्याप्त पानी नहीं होने के कारण दूर से पानी लाने जाना पड़ता है। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने मौके पर कैलाश नगर में पानी की समस्या के निदान के लिए कार्रवाई करने के निर्देश लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के मौजूद अधिकारियों को दिए। 
उन्होंने तत्काल कैलाश नगर का सर्वे कर एक माह के भीतर लोगों को भरपूर पानी उपलब्ध कराने की व्यवस्था करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। श्रीमती कौशल ने बिशनपुर में भी पानी की किल्लत को दूर करने के लिए सर्वे कराने के निर्देश दिए।

एएनएम को मिली तारीफ, ग्रामीणों ने ताली बजाकर किया उत्साहवर्धन - 
कोरोना काल में अच्छा काम करने के साथ-साथ संस्थागत प्रसव, टीकाकरण और गांव में बीमारों तक पहुंचकर इलाज करने के कारण निदान शिविर में कलेक्टर श्रीमती कौशल ने सलोरा उपस्वास्थ्य केन्द्र की एएनएम श्रीमती सुसन्ना तिर्की की प्रशंसा की। उन्होंने उपस्थित सभी ग्रामीणजनों से ताली बजवाकर श्रीमती तिर्की का उत्साहवर्धन किया और उन्हें शुभकामनाएं दी। कलेक्टर ने उप स्वास्थ्य केन्द्र में लोगों के ईलाज के लिए एनटीपीसी अस्पताल के डॉक्टरों की 15 दिनों मे एक बार ओपीडी लगाने के निर्देश भी खण्ड चिकित्सा अधिकारी डॉ. रूद्रपाल सिंह को दिए। श्रीमती कौशल ने उप स्वास्थ्य केन्द्र में ईलाज के लिए प्राईवेट डॉक्टरों की सेवाएं लेने के बारे में भी मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री कुंदन कुमार से चर्चा की।

लापरवाह सेक्टर सुपरवाईजर निलंबित
महिला बाल विकास विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की जमीनी हकीकत जानने के बाद कलेक्टर किरण कौशल ने लापरवाह सेक्टर सुपरवाईजर श्रीमती जाटवार को निलंबित कर दिया है। कलेक्टर श्रीमती कौशल ने यह कार्रवाई निदान 36 शिविर में कटघोरा विकासखण्ड के सलोरा ग्राम पंचायत में की। शिविर में उपस्थित ग्रामीणों ने पूछने पर कलेक्टर को बताया कि पिछले एक सप्ताह से बच्चों को पोषक आहार का वितरण नही किया गया है। आंगनबाड़ी केन्द्र भी देरी से खुलते हैं। इस पर कलेक्टर ने परियोजना अधिकारी और सेक्टर सुपरवाईजर पर गहरी नाराजगी व्यक्त की। कलेक्टर ने बच्चों के स्वास्थ्य संबंधी जानकारी भी स्वास्थ्य केन्द्र को नहीं देने से सेक्टर सुपरवाईजर और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के प्रति नाराजगी व्यक्त की और कार्य में लापरवाही पर सुपरवाईजर श्रीमती जाटवार को मौके पर ही निलंबित कर दिया और परियोजना अधिकारी की एक वेतन वृद्धि रोकने के भी निर्देश दिए।

रोजगार सहायक के विरूद्ध होगी जांच, विशेष ऑडिट टीम 10 फरवरी को करेगी जांच 
सलोरा के निदान शिविर में मौजूद जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री कुंदन कुमार ने ग्राम पंचायतों में हो रहे कामों की जानकारी उपस्थित ग्रामीणों से ली। उन्होंने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम के तहत पंचायतों में स्वीकृत कामों की जानकारी रोजगार सहायक इंद्रपाल सिंह से ली। सीईओ ने आज काम पर आए ग्रामीणों की संख्या भी रोजगार सहायक से पूछी। ग्रामीणों ने रोजगार सहायक की शिकायत करते हुए बताया कि रोजगार सहायक द्वारा पहले कराये गये कामों का भी मजूदरी भुगतान नहीं किया गया है। इसके साथ ही जिन लोगों ने काम नहीं किया है उन्हें भुगतान कर दिया गया है जबकि वास्तविक रूप से काम करने वालों को भुगतान नहीं मिल पाया है। ग्रामीणों की शिकायत के साथ ग्राम पंचायतों में मनरेगा के तहत कार्य स्वीकृति प्रस्ताव भेजने में देरी की भी जानकारी मौके पर उपस्थित अधिकारियों ने सीईओ को दी। काम में लापरवाही और मजूदरी भुगतान में गड़बड़ी की आशंका को देखते हुए कलेक्टर किरण कौशल ने रोजगार सहायक का एक माह का वेतन काटने के निर्देश दिए। इसके साथ ही रोजगार सहायक द्वारा अब तक कराये गये कार्यों की विशेष ऑडिट जांच करने के निर्देश भी कलेक्टर ने एसडीएम अभिषेक शर्मा को दिए। विशेष ऑडिट दल 10 फरवरी को ग्रामीणों की मौजूदगी में सलोरा पहुंचकर रोजगार सहायक द्वारा किए गए कार्यों और मजदूरी भुगतान की जांच करेगा। रोजगार सहायक के विरूद्ध शिकायत सही पाये जाने पर उसे बर्खास्त करने के निर्देश भी कलेक्टर ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी को दिए।

लगातार अनुपस्थिति और शासकीय काम में उदासीनता,  पंचायत सचिव निलंबित
सलोरा के निदान शिविर में कलेक्टर श्रीमती कौशल ने उपस्थित ग्रामीणों से सामाजिक सुरक्षा पेंशनों की भुगतान, स्वीकृति और प्रकरण तैयार करने के बारे में भी जानकारी ली। उन्होंने शिविर में मौजूद पंचायत सचिव से इस विषय में पूछा। पंचायत सचिव द्वारा समाधान कारक उत्तर नहीं दिया जा सका। ग्रामीणों ने भी पंचायत सचिव श्री पूरन सिंह पर मुख्यालय से लगातार अनुपस्थित रहने, ग्रामीणों के काम में उदासीनता बरतने का आरोप लगाया और उन्हें अन्यत्र ट्रांसफर करने की मांग की। कलेक्टर ने पंचायत सचिव को शासकीय कार्य में लापरवाही करने पर तत्काल निलंबित करने के निर्देश जिला पंचायत के सीईओ को दिए। उन्होंने पंचायत का कार्यभार पंचायत इंस्पेक्टर को सौंपने को कहा और अगले तीन दिनों में पंचायत में पात्र सभी हितग्राहियों के सभी प्रकार के सामाजिक सुरक्षा पेंशन प्रकरण तैयार कर स्वीकृति के लिए भेजने के सख्त निर्देश दिए।
 

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