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प्रदेश सरकार की नेतृत्वहीनता के चलते एक लाख किसान धान बेचने से वंचित-भाजपा
03-Feb-2021 7:03 PM
प्रदेश सरकार की नेतृत्वहीनता के चलते एक लाख किसान धान बेचने से वंचित-भाजपा

  झूठी वाहवाही में मशगूल प्रदेश सरकार-जायसवाल    

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

चिरमिरी, 3 फरवरी। भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष श्याम बिहारी जायसवाल ने प्रदेश सरकार की  नेतृत्वहीनता के चलते लगभग एक लाख किसानों के धान बेचने से वंचित रहने पर क्षोभ व्यक्त किया है। श्री जायसवाल ने कहा कि किसानों का दाना-दाना धान खऱीदने की डींगें हाँकने वाली प्रदेश सरकार ने किसानों को अपनी उपज औने-पौने दाम पर बेचने के लिए विवश करके अपने किसान-विरोधी चरित्र का परिचय ही दिया है। श्री जायसवाल ने कहा कि किसानों को राहत देने धान खऱीदी की मियाद बढ़ाने की मांग ख़ारिज करके प्रदेश सरकार अपने संवेदनहीन और सत्तावादी अहंकार का प्रदर्शन कर रही है।

 श्री जायसवाल ने कहा कि धान खऱीदी को लेकर प्रदेश सरकार ने पिछले वर्ष की ही तरह इस वर्ष भी शुरू से ही किसानों के साथ छल-कपट और अपनी नाकामियों का ठीकरा केंद्र सरकार के मत्थे फोडक़र प्रदेश को ग़ुमराह करने की विफल कोशिश करती रही। रकबा कटौती और गिरदावरी के सनक भरे पैसलों ने प्रदेश के किसानों की न केवल मुश्कि़लें बढ़ाईं, अपितु मुख्यमंत्री, गृह मंत्री, कृषि मंत्री व पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के गृह जि़ले और इलाक़ों में किसानों को आत्महत्या के लिए बाध्य होना पड़ा।

 श्री जायसवाल ने कटाक्ष करके कहा कि आँकड़ों की बाजीगरी दिखाकर प्रदेश सरकार और कांग्रेस भले ही अपनी झूठी वाहवाही में मशगूल हो जाए, लेकिन प्रदेश के किसानों को ख़ून के आँसू रुलाने वाली प्रदेश सरकार और कांग्रेस से किसान अपने आँसुओं की एक-एक बूंद का हिसाब समय आने पर चुकता ज़रूर करेंगे।

भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश सरकार ने धान खऱीदी एक माह विलंब से शुरू की और धान खऱीदी की पूरी तैयारी को लेकर उदासीनता दिखाई। धान खऱीदी के पहले दिन से बारदाना संकट, उपार्जन केंद्रों में मारामारी और अव्यवस्था का आलम किसानों की परेशानी बढ़ाने वाला रहा और जब भाजपा ने धान खऱीदी व किसानों की परेशानी को लेकर आवाज़ उठाई तो कांग्रेस और प्रदेश सरकार ओछी सियासत पर उतर आईं।

भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष श्री जायसवाल ने कहा कि अन्नदाताओं के परिश्रम का अपमान कर रहे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अब एफसीआई में ज़्यादा चावल जमा करने के लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखकर प्रदेश को ग़ुमराह करने करने की नई भूमिका तैयार कर रहे हैं। तीन-तीन बार मोहलत लेकर भी प्रदेश सरकार पिछले वर्ष के अपने हिस्से का लाखों मीटरिक टन चावल एफसीआई में जमा नहीं करा सकी और अब केंद्र सरकार के खि़लाफ़ फिर बेसुरा प्रलाप कर रही है। प्रदेश सरकार अपनी नाकामियों का ठीकरा केंद्र सरकार पर फोडऩे की बुरी लत की शिकार होती जा रही है। मुख्यमंत्री बघेल को बार-बार चिठ्ठी लिखने के बजाय केंद्र सरकार से समय रहते चर्चा करके नीतिगत मुद्दों पर संशोधन या प्रदेश के लिए राहत की गुंजाइशें तलाश करना था। लेकिन तयशुदा मापदंडों पर काम नहीं करके सियासी नौटंकियाँ ही करना ही भूपेश-सरकार की फि़तरत हो गई है।

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