सुकमा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दोरनापाल/सुकमा, 2 फरवरी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सुकमा में एक दिवसीय प्रवास के दौरान सुकमावासियों को करोड़ों की सौगात दी। उन्होंने मिनी स्टेडियम में आयोजित आमसभा के दौरान वहां लगे विभागीय स्टालों का अवलोकन भी किया। इन स्टाल के माध्यम से विभागों द्वारा जिले में संचालित विभिन्न योजनाओं एवं उनकी प्रगति दर्शायी गई थी। मुख्यमंत्री ने सभी स्टालों का अवलोकन किया। इसके साथ ही उन्होंने 54 हितग्राहियों को सामग्री और उपकरण प्रदान कर शासन की योजनाओं का भरपूर लाभ लेने के लिए प्रोत्साहित किया।
मिनी स्टेडियम में पशुधन विकास विभाग जिला सुकमा द्वारा वर्ष 2020-21 में किये गये विभागीय उपलब्धि का प्रदर्शन किया गया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा रामपुरम के गायत्री महिला स्व-सहायता समूह को शबरी लेयर फार्मिंग यूनिट प्रदाय किया गया। जिससे समूह की महिलाओं को अत्यन्त खुशी हुई। इसके साथ ही राज्य डेयरी उद्यमिता विकास योजनांतर्गत 6 हितग्राहियों को अनुदान राशि प्रति हितग्राही 93200 रु. दी गई। 25 हितग्राहियों को कडक़नाथ मुर्गी प्रदाय किया गया। मादा वत्सपालन योजनांतर्गत 02 हितग्राहियों को वत्सपालन भरण पोषण हेतु प्रति हितग्राहियों को राशि 15000 रु. अनुदान राशि प्रदाय की गई।
इस अवसर पर प्रभारी मंत्री जयसिंह अग्रवाल, उद्योग मंत्री कवासी लखमा, सांसद दीपक बैज, बस्तर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष लखेश्वर बघेल, उपाध्यक्ष विक्रम शाह मंडावी, कोंडागांव विधायक मोहन मरकाम, हस्तशिल्प विकास बोर्ड के अध्यक्ष चंदन कश्यप, जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश कवासी, कमिश्नर जीआर चुरेन्द्र, पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी, मुख्य वन संरक्षक मोहम्मद शाहिद, कलेक्टर विनीत नंदनवार, पुलिस अधीक्षक केएल ध्रुव उपस्थित थे।
उपसंचालक, पशुधन विकास विभाग जिला सुकमा डॉ. एस. जहीरुद्दीन ने बताया कि जिले में व्यक्तिमूलक योजनाओं का सफल रूप से संचालन कर स्थानीय लोगों को लाभ पहुंचाया जा रहा है। शबरी लेयर फार्मिंग यूनिट में हर मुर्गी से प्रतिदिन 01 अण्डा प्राप्त होता है। इसकी ब्रीड बीवी-380 है। जिले में 34 ग्राम पंचायतों में 50 स्वसहायता समूहों में शबरी लेयर फार्मिंग की स्थापना की गई है, जिसमें 16566 अण्डे का उत्पादन किया जा रहा है। इन अण्डों को मुख्य रुप से 177 आंगनबाड़ी केन्द्रों में 5522 कुपोषित बच्चों को पौष्टिक आहार के रूप में प्रदाय किया जा रहा है। स्वसहायता समूह द्वारा कडक़नाथ मुर्गीपालन हेतु 100 केन्द्र बनाए गये हैं। कडक़नाथ मुर्गीपालन एवं शबरी लेयर फार्मिंग से स्वसहायता समूह की महिलाएं तो आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर हंै ही, साथ ही बच्चे भी कुपोषण से मुक्त हो रहे हैं।