कोरिया

19 चिकित्सकों के भरोसे 150 बिस्तरीय जिला अस्पताल
02-Feb-2021 5:22 PM
19 चिकित्सकों के भरोसे 150 बिस्तरीय जिला अस्पताल

डॉक्टरों की कमी से मरीज हो रहे परेशान

चन्द्रकांत पारगीर

बैकुंठपुर, 2 फरवरी (‘छत्तीसगढ़’)। कोरिया जिला चिकित्सालय में कई वर्ष बाद भी चिकित्सकों की भारी कमी बनी हुई है। इस दौरान जिला चिकित्सालय बैकुण्ठपुर में बेड की संख्या बढ़ाई गई लेकिन उसके अनुपात में चिकित्सकों की संख्या नहीं बढाई गई, जिसके चलते मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

इस संबंध में जिला अस्पताल के सीएस डॉ इस के गुप्ता का कहना है कि डॉक्टरों की कमी तो बहुत है, कम डॉक्टरों के बावजूद मरीजों की परेशानी कम हो, इसका ख्याल रखा जा रहा है।
आदिवासी बाहुल्य कोरिया जिले के दूरस्थ क्षेत्रों से लोग बेहतर उपचार के लिए जिला चिकित्सालय पहुूचते है जहां पहुंचने के बाद मरीजों व उनके परिजनों को कई तरह की दिक्कतों का सामना आज भी करना पड़ रहा है। एक समय जिला खनिज न्यास मद से कई चिकित्सकों की नियुक्ति की गई थी लेकिन नियुक्त चिकित्सकों में से पूर्व में कई चिकित्सकों को सेवा हटा ली गई जिसके बाद से परेशानी और बढ़ गई है। 

उल्लेखनीय है कि पहले जिला चिकित्सालय में 100 बिस्तर था जिसे बाद में अपग्रेड करके  150 बिस्तरीय कर दिया गया लेकिन चिकित्सक व चिकित्सा स्टॉफ उस अनुपात में नहीं बढ़ाए गए जिस कारण परेशानी बढ़ गई है। सीमित स्टॉफ के भरोसे किसी तरह से जिला चिकित्सालय का प्रबंध किया जा रहा है जिसमें कई तरह की परेशानियॉें का सामना आए दिन करना पड़ रहा है। इसके विपरीत पड़ोसी जिला सूरजपुर कोरिया जिले के मुकाबले कई वर्ष बाद अस्तित्व में आया और वहां के जिला चिकित्सालय में कोरिया जिला चिकित्सालय के मुकाबले दुगुने से ज्यादा  53 की संख्या में चिकित्सक पदस्थ हैं जबकि वहां यहां के मुकाबले बेड  की संख्या भी कम है। 

विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिला चिकित्साल में अभी कम से कम 35 चिकित्सकों की जरूरत है। जानकारी के अनुसार इसके लिए लगातार पत्राचार भी विभागीय तौर पर किया जाता रहा है बावजूद इससे चिकित्सकों की कमी दूर नहीं की जा सकी है।  
जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल जिला चिकित्सालय है जहां जिले भर के लोग बेहतर उपचार के लिए रोज पहुंचते हैं। 150 बिस्तर के जिला चिकित्सालय में वर्तमान में वैसे तो 23 चिकित्सक ही पदस्थ हैं जिनमें से 4 चिकित्सक यहां से जा चुके हैं। डॉ आरती ने काम छोड़ दिया है जबकि डॉ सुरेंद्र पैकरा पटना बीएमओ की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं वहीं डॉ. फिरोज पीजी करने बाहर गए हैं। वहीं एक चिकित्सक डॉ. सराठिया लंबे समय से बीमार चल रहे हैं। इस तरह से जिला चिकित्सालय में 19 चिकित्सक बचे हैं। सात चिकित्सक क्लास वन चिकित्सक की केटेगरी में है जो सामान्य रूप से जनरल ड्यूटी नहीं करते। इस तरह से कुल 12-13 चिकित्सक ही सामान्य रूप से ड्यूटी करने वाले शेष बचे हंै ऐसे में150 बिस्तरीय जिला चिकित्सालय में भती मरीजों की देख रेख का जिम्मा सीमित चिकित्सकों के हाथो में है। जिनमें 9 पुरूष तथा 5 महिला चिकित्सक सामान्य ड्यूटी कर रहे हैं। ऐसे में समझा जा सकता है कि किस तरह की परेशानियों के बीच जिला चिकित्सालय का संचालन किया जा रहा है।

अब तक एनस्थिसिया चिकित्सक नहीं हो चुके पदस्थ
जिला चिकित्सालय कोरिया में वैसे तो कई चिकित्सकों की कमी बनी है लेकिन सबसे महत्वपूर्ण एनस्थिसिया चिकित्सक की कमी लंबे समय से महसूस की जा रही है। यही वजह है कि विशेषज्ञ चिकित्सक यहां होने के बावजूद नियमित रूप से आपरेशन  नही हो पा रही है। 
ज्ञात हो कि स्थानीय लोगों द्वारा बार बार यह मांग उठाते रहे कि जिला चिकित्सालय में एनस्थिसिया चिकित्सक की भर्ती की जाए। यहां सर्जन चिकित्सक भी मौजूद हैं लेकिन महत्वपूर्ण एनस्थिसिया चिकित्सक के नहीं होने के कारण नियमित रूप से ऑपरेशन भी नहीं हो रहे हैं। जानकारी के अनुसार मनेंद्रगढ के एक एनस्थिसिया चिकित्सक की सेवाएं ली जाती है जिनके द्वारा शुल्क लिया जाता है। 

मरीज के परिजन को भी शुल्क देना पड़ता है। यदि यहां उक्त चिकित्सक पदस्थ रहता तो प्रतिदिन सर्जरी के साथ आपातकाल में ऑपरेशन की सुविधा उपलब्ध रहता जबकि ऑपरेशन के लिए ऑपरेशन थियेटर के साथ सभी तरह की सुविधाएं मौजूद है।

जिला चिकित्सालय में एक ही सर्जिकल चिकित्सक
जिला चिकित्सालय बैकुण्ठपुर में वैसे को कई तरह के विशेषज्ञ चिकित्सकों की अभी भी कमी है जिनमें से प्रमुख रूप से सर्जरी चिकित्सक की भी अभी नितांत जरूरी है। जानकारी के अनुसार जिला चिकित्सालय में अभी खनिज न्यास से एक ही सर्जन चिकित्सक कार्यरत है। जिसके तहत भी परेशानी बनी हुई है। वहीं अवकाश पर या न्यायालय पेशी पर चले जाने के बाद और भी परेशानी बढ़ जाती है। ऐसे में जिला चिकित्सालय में सर्जरी चिकित्सक की पदस्थापना एक और करना भी जरूरी है।

रेडियोलॉजिस्ट नहीं और सिटी स्कैन मशीन शुरू करने की तैयारी
कोरिया जिला चिकित्सालय में रेडियोलॉजिस्ट नहीं है सिर्फ तकनीशियनों के भरोसे ही एक्सरे संचालित हो रही है वहीं दूसरी ओर यह जानकारी मिल रही है कि जिला चिकित्सालय में जल्द ही सिटी स्कैन मशीन  भी शुरूआत करने की तैयारी चल रही है। उल्लेखनीय है कि  जल्द ही सिटी स्कैन मशीन की शुरूआत होने की संभावना जताई जा रही है। 

गौरतलब है इसके पूर्व जिला चिकित्साल में गत दिवस डायलिसिस की सुविधा शुरू हो गई है। बताया जाता है कि प्रतिदिन यहां चार-पांच की संख्या में रोगी डायलिसिस कराने पहुंच रहे है। ऐसे में सिटी स्कैन मशीन शुरू कर दी जाती है तो इस सुविधा का लाभ जिले के लोगों का मिल सकता है। वर्तमान में जिले मे  निजी अस्पताल में ही सिटी स्कैन की सुविधा है जहां आर्थिक भार ज्यादा उठाना पड़ता है।

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