कोरिया

बेमौसम बारिश से सोसायटी में रखा धान भीगा
29-Jan-2021 8:13 PM
बेमौसम बारिश से सोसायटी में रखा धान भीगा

छत्तीसगढ़ संवाददाता

बैकुंठपुर, 29 जनवरी। बनते बिगडते मौसम के बीच 29 जनवरी का हुई अचानक बे मौसम बारिश के कारण जिले के धान खरीदी केेंद्र परिसर में असुरक्षित रूप से रखे गये धान की बोरियॉ भीग गयी। जबकि एक सप्ताह पूर्व से मौसम विभाग ने बारिश होने की संभावना जता दी थी। इसके बाद भी धान खरीदी केंद्रों में भारी मात्रा में रखे गये धान को सुरक्षित ढंकने की दिशा में कोई कवायद नही की गयी। दूसरी ओर घान खरीदी के अंतिम दिन से पूर्व आज  जिले की दो खरीदी केन्द्रों मेंं सौ से डेढ़ सौ के आसपास किसानों के टोकन काट दिए गए हैं।

कोरिया जिले के धान खरीदी केंद्रों में जिसके हिसाब से धान की खरीदी कर ली गयी है। अभी तक 33 धान उपार्जन केन्द्रों में 11 लाख 59 हजार 92 क्विंटल धान की खरीदी हो चुकी है। परन्तु मात्र 48 प्रतिशत धान का उठाव ही हो पाया है। खरीदी के हिसाब से उठाव नही होने के कारण भारी मात्रा में खुले आसमान के नीचे ही असुरक्षित तरीके से धान बोरियों की ढेर लगी है जो शुक्रवार को हुई अचानक बारिश से भीग गये है। हालांकि इस दौरान जिले के किसी भी क्षेत्र में तेज बारिश नहीं हुई लेकिन हल्की बारिश में धान बोरियो के उपरी हिस्से में रखा धान की बोरी भीग गयी है जिसे मिलिंग के दौरान चावल की गुणवत्ता पर असर पड सकता है। यदि तेज बारिश होती तो जिले के धान खरीदी केंदों में रखा काफी मात्रा में धान की बोरियॉ भीग कर खराब हो जाती।

धान खरीदी का अंतिम दिन वैसे तो 31 जनवरी तक निर्धारित है लेकिन अंतिम दो दिनों तक अवकाश रहने के कारण धान खरीदी की अंतिम खरीदी 29 जनवरी मानी जा रही हैं ऐसे में ज्यादा से ज्यादा किसानों के धान क्रय करने बेहिसाब टोकन जारी कर दिए गए है। जानकारी के अनुसार 30 जनवरी को शनिवार अवकाश तथा इसके दूसरे दिन 31 जनवरी को रविवार अवकाश है जिसे चलते उक्त दोनों दिवस अवकाश के कारण खरीदी नही होगी। बल्कि इसके पूर्व 29 जनवरी को ही धान खरीदी का अंतिम दिवस होगा। इसी का ध्यान रखते हुए धान खरीदी का अंतिम दिवस 29 जनवरी के लिए जिले के खडगवा धान खरीदी केंद्र में अंतिम दिन की तारीख के लिए 145 किसानेां का टोकन काटा गया है। ऐसे में यह कैसे संभव है कि एक ही दिन में  145 किसानो का धान खरीदी संभव हो पायेगा। ऐसा ही हाल पटना धान खरीदी में है, यहां 116 किसानों को टोकन काटा गया है। जिले भर में आज 29 जनवरी को 1034 किसानों का टोकन काटा गया है। जिससे 37 हजार 729 क्विंटल धान की खरीदी की जानी है। सवाल यह खडा हो रहा है कि आखिर इसके पहले खरीदी को लेकर तत्परता क्यो नही दिखाई गयी। एक दिन में 1034 किसानों के द्वारा हजारों क्विटल धान क्या बेच पायेेगे यह भी एक बडा सवाल है। इस तरह अंतिम दिवस धान खरीदी केंद्रों में भारी संख्या में किसान धान विक्रय करने से वंचित रहने की पूरी संभावना जताई जा रही है।

क्षमता से ज्यादा धान

धान खरीदी केंद्रों में जितनी क्षमता धान रखने के लिए बनाई गयी थी उससे दुगुने से ज्यादा धान की बोरियॉ रखी गयी है ऐसे में भारी मात्रा में रखे गये धान की बोरियों को ढंकने की पूरी व्यवस्था भी नही की गयी है। यदि समय पर धान का उठाव सभी समितियों से किया जाता तो इस तरह की स्थिति नही निर्मित होती। यदि इस दौरान तेज बारिश हो जाती है तो तमाम व्यवस्था धरी की धरी रह जायेगा और असुरक्षित रूप से समिति प्रांगण में रखे गये धान का भींगकर खराब होना निश्चित है।

ऐसे में समिति प्रांगण से धान को उठाव कार्य में तेजी लाने की जरूरत है।

बडे किसान की सबसे ज्यादा परेशानी

इस बार सरकार ने गिरदावरी के नाम पर किसानो का रकबा घटा दिया है जबकि किसानों की भूमि उतनी ही है जिसमें वे धान की उपज ले रहे है। रकबा कटौती किये जाने का सबसे ज्यादा खामियाजा बडे किसानों को भुगताना पडा। इस बार धान की बंपर पैदावार हुई है। इस बीच रकबा घटा दिये जाने से बडे किसान अपना पूरा धान विक्रय नही कर पाये है। इस बार अधिकारियों के द्वारा कडाई भी बरती जा रही थी। सोनहत विकासखंड  के एक किसान की माने तो उनका कहना है कि एसडीएम साबह हमारे गांव में कई बार दौरा कर धान की जानकारी लेने किसानों के घर तक पहुंचते रहे। किसान के अनुसार उनके गांव में कई किसान ऐसे है जिनके पास ज्यादा खेती की भूमि है जिसके से उनका धान का उपज भी ज्यादा मात्रा में हुआ लेकिन अधिकारी कहते कि इतना धान कहां से आया। वही किसान ने बताया कि अधिकारी के द्वारा कई किसानो ंसे समर्पण करने का भी दबाव बनाते रहे। जिससे कि बडे किसान असमंजस में पड गये कि आखिर उनका धान कहां बिकेगा। खेती करने के लिए कर्ज भी लिये है जिसका चूकता धान विक्रय नही होने पर कहां से करेंगें।

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