बलौदा बाजार
नपा अध्यक्ष और सीएमओ में ठनी
छत्तीसगढ़ संवाददाता
बलौदाबाजार, 22 जनवरी। नगर पालिका सीएमओ द्वारा बुधवार को नपा अध्यक्ष व पार्षदों पर शासकीय कार्यों मे बाधा डालने की थाने में शिकायत की गई थी। मान-मनौव्वल के बाद भी सीएमओ ने शिकायत वापस लेने तैयार नहीं हुई और कार्रवाई पर अड़ी रहीं। वहीं समझौते की राह ताक रहा दूसरा पक्ष भी अब आर-पार की लड़ाई पर उतर आया है।
गुरुवार को अध्यक्ष सहित 13 पार्षदों ने कलेक्टोरेट में कलेक्टर के नाम सौंपे ज्ञापन में कहा है कि अगर 48 घंटे के अंदर सीएमओ सहित कुछ अन्य अधिकारियों को यहां से स्थानांतरित नहीं किया गया तो शनिवार को धरना-प्रदर्शन के साथ आंदोलन करेंगे।
ज्ञापन में सीएमओ पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते पार्षदों ने कहा कि भवन अनुज्ञा नोटिस की सूचना प्रतिलिपि नगर पालिका अध्यक्ष को नहीं दी जाती। नोटिस एवं नामांतरण के नाम से आम नागरिकों को नोटिस देकर पैसा मांगा जा रहा है और जो नहीं दे रहे हैं उन पर कार्रवाई कर रहे हैं। वहीं सीएमओ ने कहा कि आरोप लगाने है तो प्रमाण भी दीजिए। उनको दिक्कत इस बात से है कि वे अपने हिसाब से काम करवाना चाहते हैं, जबकि जो भी शासकीय कार्य हैं वे नियमानुसार किए जाते हैं। दोनों पक्षों के बीच तमाम तल्खियों के बावजूद गुरुवार को नगर पालिका के सभी विभागों मे सामान्य दिनों की तरह कामकाज होता रहा।
ज्ञापन देकर सीएमओ के 48 घंटे के अंदर स्थानांतरण की मांग करने वाले पार्षदों में संकेत शुक्ला, सविता प्रदीप साहू, कमल टंडन, अंजनी भारद्वाज, अमितेष नेताम, सतीष पटेल, मनोजकांत पुरेना, मंजीत कौर सलूजा, पंकज मरैय्या, रोहित साहू, प्रकाश शर्मा, जितेन्द्र महाले, रिटा केसरवानी व अध्यक्ष चित्तावर जायसवाल शामिल हैं। ज्ञापन देने वालों में नपा अध्यक्ष सहित भाजपा के सात, निर्दलीय दो, जोगी कांग्रेस तीन व कांग्रेस के दो पार्षद मिलाकर कुल 14 लोग शामिल हैं।
ज्ञात हो कि बुधवार को नपा अध्यक्ष सहित भाजपा, जोगी कांग्रेस तथा कांग्रेस के कुछ पार्षदों ने नगर पालिका परिसर में सीएमओ राजेश्वरी पटेल पर मनमानी का आरोप लगाते उनके खिलाफ धरना-प्रदर्शन किया था। इसी दौरान उन्होंने नगर पालिका भवन के मुख्य दरवाजे पर ताला जडक़र शासकीय कार्यों मे बाधा पहुंचाई। हंगामे के बाद सीएमओ ने 7 पार्षदों के खिलाफ थाने में शिकायत करते हुए एफआईआर दर्ज कराने के लिए आवेदन दिया था। इसके बाद पार्षदों ने भी थाने में सीएमओ के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने पहुंचे थे।