बलौदा बाजार

तुरतुरिया मेला स्थगन हुआ बहाल, 27 से 29 जनवरी को लगेगी मेला
22-Jan-2021 5:41 PM
तुरतुरिया मेला स्थगन हुआ बहाल,  27 से 29 जनवरी को लगेगी मेला

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कसडोल, 22 जनवरी।
छत्तीसगढ़ के सुप्रसिद्ध मेला में से एक प्राचीन सदियों से चली आ रही मेला जिसे निरस्त कर दिया गया था, जनपद पंचायत की सामान्य सभा की बैठक में बहाल कर दिया गया है। जिससे प्रदेशवासियों सहित अन्य प्रांतों के श्रद्धालुओं में खुशी की लहर है ।

कसडोल जनपद पंचायत के आधीन तुरतुरिया मेला जो पौष पूर्णिमा से प्रारंभ होकर प्रतिवर्ष 3 दिनों तक होता है। इस वर्ष भी 27 से 29 जनवरी के लिए  मेला की तैयारी शुरू हो गई थी। किन्तु समय से पूर्व 11 जनवरी को जनपद सीईओ बी.के.चौबे द्वारा आदेश जारी कर कोविड-19 के चलते तुरतुरिया मेला को स्थगित कर दिया गया था। मेला निरस्त की सूचना से प्रदेशवासियों और खासकर क्षेत्रवासियों में मायूसी थी। मेला निरस्त का कई जनपद सदस्यों तथा जनप्रतिनिधियों द्वारा प्रतिक्रिया आने लगी थी। मामला तब और गर्माया जब 19 जनवरी को जिला पंचायत बलौदाबाजार सभागार की बैठक में गिरौदपुरी 3 दिवसीय मेला की घोषणा की गई। उक्त बैठक में गुरुगद्दी नसीन विजय गुरु की अध्यक्षता में हुई थी। जिसमें लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री कुमार रुद्रगुरु कौशलमाता, प्रदेश भर से जुटे अधिकांश  राजमहन्त महंत की उपस्थिति के अलावा कलेक्टर सुनील कुमार जैन,  पुलिस अधीक्षक सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे। गिरौदपुरी मेला की घोषणा के बाद अफवाहों-प्रतिक्रियाओं पर विराम लगाने जनपद अध्यक्ष गौरीदेवी सहित सभापतियों, जनपद सदस्यों ने आवश्यक बैठक गुरुवार को आहुत कर सीईओ बी.के.चौबे की उपस्थिति में मेला स्थगन आदेश को प्रस्ताव पारित कर निरस्त करते हुए पूर्व घोषित 3 दिवसीय मेला कार्यक्रम 27 से 29 जनवरी को यथावत रखा गया है। उक्त बैठक में अध्यक्ष गौरीदेवी के अलावा सभापति अंबिका पटेल, मेलाराम साहू, अजीव जायसवाल, प्रीति जायसवाल निर्मला साहू, सुनीता साव,  सीईओ बीके चौबे, बीईओ के के गुप्ता, कृषि विकास अधिकारी बी, एस,ठाकुर, आरईएस से अरुण कुरुवंशी सहित काफी संख्या में विभागीय अधिकारी एवं जनपद सदस्य उपस्थित थे।  

कसडोल विकासखण्ड की पावन धरा विभूतियों से परिपूर्ण है। आजादी के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम सेनानी शहीद वीरनारायण की जन्म कर्म एवम शौर्य भूमि सोनाखान  तथा सतनामधर्म के प्रवर्तक परमपूज्य गुरु घासीदासजी की जन्म कर्म एवं तपोभूमि गिरौदपुरी धाम भी कसडोल ब्लॉक में ही स्थित है। इसी तरह सदियों पुरानी, पुरातात्विक, ऐ तिहासिक, त्रेतायुगीन प्रमाणिकता को संजोए, संतानदात्री मां काली पहाड़ा वाली आस्था की देवी माता गढ़ तुरतुरिया भी मौजूद है । तुरतुरिया रामायणकालीन महर्षि बाल्मीकि आश्रम तथा लवकुश की जन्म स्थली के नाम से भी जाना जाता है। 

उक्त तीनों पवित्र स्थल कसडोल ब्लॉक की महत्ता को उजागर करती है। जहां तीनों जगहों पर तीन दिवसीय मेला का अलग-अलग पर्व एवं तिथियों में मेला भरता है। तुरतुरिया का महत्व और भी बढ़ जाता है जिसमें कांग्रेस की छत्तीसगढ़ भूपेश सरकार द्वारा जिन 75 स्थलों को श्रीराम वनगमन पथ हेतु चिन्हांकित किया गया है, उसमें तुरतुरिया को भी शामिल किया गया है ।
 

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