सुकमा
अयोध्या में राम मंदिर बनाने सहयोग राशि में बढक़र आगे आने की अपील
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दोरनापाल, 18 जनवरी। सुकमा जिले के दोरनापाल में अयोध्या में हो रहे राम मंदिर निर्माण के लिए सहयोग राशि के संकलन से पहले संकलन हेतु बनाए गए समिति की अगुवाई में भव्य शोभा यात्रा निकाली गई। शोभा यात्रा की शुरूआत राम मंदिर से हुई, जिसके बाद नगर वासियों और जनप्रतिनिधियों ने इस शोभायात्रा में बढ़-चढक़र हिस्सा लिया। नगर भ्रमण के साथ शोभायात्रा में आतिशबाजी भी की गई। इस शोभायात्रा के साथ लोगों के बीच जा जाकर पीला चावल देकर उनसे राम मंदिर निर्माण में सहयोग हेतु आगे आने की अपील की गई।
राम मंदिर निर्माण हेतु सहयोग राशि के लिए सुकमा जिले में समिति का गठन किया गया है जिसमें जिला व मंडल वार सभी को जिम्मेदारी दी गई है। इसी कड़ी में दोरनापाल में मंडल अध्यक्ष बलवंत सिंह चौहान की अगुवाई में कार्यक्रम हुआ, जिसमें समिति के पदाधिकारी मुन्नाराम, लच्छूराम ,जिला अध्यक्ष पी. विजय जिला उपाध्यक्ष अमन सिंह भदोरिया जिला, खंड व मंडल स्तर के पदाधिकारी समेत राम मंदिर हेतु सहयोग राशि संकलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले सभी लोग शामिल रहे। इसके अलावा जनप्रतिनिधियों ने भी इस शोभायात्रा में बढ़-चढक़र हिस्सा लिया।
ज्ञात हो कि राम मंदिर निर्माण हेतु राशि का संकलन पूरे देश भर में हो रहा है और इस ऐतिहासिक मंदिर को भव्य बनाने देश के कोने-कोने से इकाइयां राशि का संकलन कर राम मंदिर ट्रस्ट में एक ही दिन में पैसा जमा करने का निर्णय लिया है जिसके लिए समिति का गठन टोली स्तर तक किया गया है, 31 जनवरी के दिन एक ही दिन में सारी संकलित राशि एक साथ राम मंदिर ट्रस्ट एक खाते में डाली जाएगी। इसी कार्यक्रम से पहले शोभायात्रा निकाली गई। इस कार्यक्रम में पदाधिकारी संजय शुक्ला राजू सिंह चौहान सुरेश सिंह चौहान धर्मेंद्र भदोरिया रामलाल गुप्ता दुर्गेश गुप्ता राजा राठौर अर्जित हलदर नरेश सिंह दुलाल शाह नगर पंचायत अध्यक्षा बबीता माड़वी उपाध्यक्ष यूथपति पार्षद राधा मंडावी पुष्प लता भदोरिया लक्ष्मी चौहान हुर्रा कवासी । संकलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली टोली के सभी सदस्य व नगरवासी शामिल रहे।
इस दौरान राम जन्मभूमि समिति के जिलाध्यक्ष पी विजय ने कहा कि राम जन्मभूमि में मंदिर निर्माण एक ऐतिहासिक पल है जिसके हम साक्षी बनने जा रहे हैं और ऐसे पल में हम सौभाग्यशाली हैं कि हमें मंदिर निर्माण में सहयोग करने का मौका मिल रहा है, इसलिए अपनी क्षमता अनुरूप हमें सहयोग राशि के तौर पर की जानी चाहिए, ताकि मंदिर का भव्य निर्माण हो सके। यह हमारे ही पूर्वजों का सपना था जो शायद हमें साकार करने का मौका मिल रहा है।