सरगुजा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अंबिकापुर, 18 जनवरी। प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष भी सडक़ दुर्घटनाओं में कमी लाने और लोगों को यातायात नियमों के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से यातायात जागरूकता अभियान का शुभारंभ सोमवार को किया गया। इस जागरूकता अभियान के आयोजन में मुख्य अतिथि छत्तीसगढ़ राज्य औषधि पादप बोर्ड के अध्यक्ष बालकृष्ण पाठक ने कहा कि छोटे-छोटे स्लोगन व निशान पर अगर वाहन चालक ध्यान दें, तो 75 फीसदी तक दुर्घटना टल सकती है।
उन्होंने कहा कि छोटे-छोटे कारणों से बड़ा नुकसान होता है। उन्होंने कहा कि स्कूल के प्राचार्य व अभिभावकों को बुलाकर पुलिस उनकी बैठक लें और नाबालिक बच्चे जो स्कूल में वाहन लेकर आते हैं उन्हें हिदायत दें। उन्होंने यह भी कहा कि हमारे शहर में ही ऐसे सैकड़ों बच्चे मिल जाएंगे जो दुर्घटना में अपंग हुए हैं। इसके साथ साथ वाहन चालकों का मेडिकल चेकअप किए जाने की भी उन्होंने बात कही। उन्होंने अपनी इच्छा जाहिर करते हुए कहा कि हेलमेट के साथ-साथ पुलिस मास्क लगाने का भी सुझाव दें, क्योंकि कोरोना अभी गया नहीं है।
आयोजन में अतिथि 20 सूत्रीय कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति के उपाध्यक्ष व नगर निगम सभापति अजय अग्रवाल ने कहा कि जीवन बचाने के लिए यातायात जागरूकता का आयोजन किया जाता है।
हमारी जिम्मेदारी बनती है कि यातायात नियमों का पालन नहीं करने व अपनी जान से खिलवाड़ करने वालों तक यातायात जागरूकता रथ पहुंचे। मानव जीवन काफी मुश्किल से मिलता है, उसे हम छोटी सी लापरवाही से समाप्त कर देते हैं। माता पिता की अपेक्षाएं और अपने कर्तव्य को पूरा नहीं कर पाते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि प्रथम व द्वितीय विश्व युद्ध में मारे गए लोगों से ज्यादा प्रतिवर्ष सडक़ दुर्घटना में लोग मरते हैं। इन सब को रोकने के लिए जागरूकता की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी है माता पिता। अभिभावकों को चाहिए कि नाबालिग बच्चों को वाहन चलाने के लिए प्रोत्साहित ना करें। इससे बहुत हद तक दुर्घटना में नियंत्रण पा सकते हैं।
पार्षद दीपक मिश्रा ने कहा कि यातायात जागरूकता रथ पुलिस विभाग का एक सराहनीय कदम है। उन्होंने कहा कि जितने भी नियम यातायात के बनाए गए हैं वह हमारे ही जान की रक्षा के लिए व लोगों की भलाई के लिए बनाए गए हैं। पुलिस अगर कडाई करती है तो वह हमारे जीवन को बचाने के लिए करती है। यातायात नियमों का अगर हम पालन करेंगे तो सडक़ दुर्घटना में कमी आएगी, उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस के इस सराहनीय कदम के लिए इस प्रकार का भी सहयोग होगा वह करेंगे।
सरगुजा एसपी श्री कोसिमा ने कहा कि प्रतिवर्ष एक माह का यातायात सुरक्षा कार्यक्रम का आयोजन होता है। इसे साल में एक बार ना चला कर पूरे साल चलाना चाहिए। उन्होंने कहा कि दुर्घटनाओं को रोकने के लिए अभिभावकों की भूमिका अहम होती है। वह चाहे तो दुर्घटनाओं पर अंकुश लगा सकते हैं। बच्चे जब भी घर से बाहर निकले तो उन्हें अभिभावक हेलमेट पहन कर जाने को कहें। उन्होंने आयोजन के दौरान सडक़ सुरक्षा, जीवन रक्षा का सूत्र दिया।