राजनांदगांव
व्यवस्था सुचारू कराए भूपेश सरकार
राजनांदगांव, 1 जनवरी। पूर्व मंत्री एवं पूर्व विधायक रजिंदरपाल सिंह भाटिया ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार द्वारा समर्थन मूल्य पर किसानों से धान खरीदी नीति को अव्यवहारिक बताते इसे किसानों को परेशान करने वाला बताया है।
उन्होंने जारी विज्ञप्ति में कहा कि किसानों के हितैषी साबित करने वाली भूपेश सरकार धान बेचने वाले किसानों को बेवजह परेशान करने पर आमादा नजर आ रही है। आलम यह है कि सोसायटियों में बारदाना संकट के बीच अब किसान खुद के बारदानों में भी धान नहीं बेच पा रहे हैं और टोकन भी नहीं दिया जा रहा है।
श्री भाटिया ने बताया कि उन्होंने हाल ही में छुरिया क्षेत्र के कई धान खरीदी केन्द्रों का दौरा कर जायजा लिया। इस दौरान पाया कि अधिकांश सोसायटियों में बारदानों या जगह की कमी के कारण धान खरीदी पूरी तरह ठप है। खरीदे गए धान का उठाव नहीं होने से समितियों में धान रखने जगह की कमी है। इस कारण खरीदी ठप पड़ी है। किसानों को जिस तारीख का टोकन जारी किया गया है, उस तारीख में भी किसान अपने धान को नहीं बेच पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि भूपेश सरकार ने स्वयं एक दिसंबर से धान खरीदी शुरू करने की तारीख तय की, तब उन्हें पता होना चाहिए था कि जब सोसायटियों में किसान धान बेचने आएंगे, तब बारदानों के साथ-साथ खरीदे गए धान के उठाव की भी जरूरत पड़ेगी, किंतु हैरत की बात है कि एक माह विलंब से खरीदी शुरू करने के बावजूद ऐसी अव्यवस्थाएं भूपेश सरकार की धान खरीदी नीति पर स्वयं सवाल खड़े करती है।
उन्होंने कहा कि क्षेत्र के गैंदाटोला, जयसिंगटोला, गहिराभेड़ी, साल्हेटोला, जोशीलमती आदि सोसायटियों के पांच एकड़ से अधिक की कृषि भूमि वाले कई पंजीकृत बड़े किसानों ने बताया कि इन समितियों में उन्हें 187 कट्टा तक धान बेचने पहला टोकन जारी किया गया था, किंतु अब जबकि वे फिर दूसरी बार अपनी शेष उपज को बेचना चाह रहे हैं तो समिति प्रबंधकों द्वारा उन्हें दूसरा टोकन भी जारी नहीं किया जा रहा है। इन सोसायटियों में छोटे किसानों को यह कहकर टोकन जारी नहीं किया जा रहा है कि समिति में बारदाना उपलब्ध नहीं है। जबकि बड़े किसान स्वयं के बारदानों में अपना धान बेचना चाह रहे हैं। इसके बावजूद उन्हें दूसरा टोकन नहीं दिया जा रहा है। इन कारणों से इन किसानों को बेवजह परेशान होना पड़ रहा है।
श्री भाटिया ने कहा कि किसानों से धान खरीदी करने में पूरी तरह नाकाम भूपेश सरकार अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए केन्द्र सरकार पर दोषारोपण कर अपनी जिम्मेदारियों से बचने का प्रयास करते यह बहाना कर रही है कि केन्द्र से एफसीआई गोदामों में रखने की अनुमति नहीं मिलने के कारण धान की खरीदी और उठाव में समस्या आ रही है, जो पूरी तरह गलत है। उन्होंने कहा कि भूपेश सरकार अपनी जिम्मेदारियों से किसी भी सूरत में बच नहीं सकती।
भूपेश सरकार को कायदे से अपनी जिम्मेदारियों को समझते और किसानों से किए गए अपने वादों पर अमल करते धान खरीदी व्यवस्था को सुचारू और व्यवस्थित कर किसानों को राहत पहुंचाएं, नहीं तो ऐसी ही अव्यवस्था होने की स्थिति में भाजपा किसानों के साथ उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होगी।