राजनांदगांव

किसी ने कीर्तन तो किसी ने थिरकते किया नए वर्ष का स्वागत
01-Jan-2021 1:32 PM
किसी ने कीर्तन तो किसी ने थिरकते किया नए वर्ष का स्वागत

आधी रात तक जश्न, सुबह मंदिरों में  भी उमड़ी भीड़

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 1 जनवरी।
वैश्विक महामारी कोरोना के कहर से टूटे लोगों को नए वर्ष 2021 का बेसब्री से इंतजार था। नया वर्ष के स्वागत में कहीं आधी रात तक जश्न हुए तो कहीं मंदिरों में कीर्तन की गूंज सुनाई दी। निजी स्तर पर भी लोगों ने पार्टियां कर भडक़ते गीत-संगीतों के बीच नृत्य किए। लोगों को कोरोना से बेखौफ होकर थिरकते हुए देखकर यह भी समझा गया कि इस बुरे साल को बिदाई देने किस कदर लोगों में उत्साह था। 

शहर के अलग-अलग इलाकों में देर रात तक लोग घरों की छत और आंगन में डांस किए। सडक़ों में 2021 के स्वागत से जुड़े स्लोगन लिखा हुआ दिखाई दिया। गली-मोहल्लों में युवकों ने अलग-अलग टोली में जमकर नाच-गान किया। हालांकि रेस्टोरेंटों और होटलों में भीड़ को रोकने के लिए प्रशासन ने कोविड-19 की शर्तों को लागू कर दिया जिसके चलते होटलों में नववर्ष के दौरान होने वाले कारोबार पर पूरी  तरह रोक रही। होटल कारोबारियों को कोरोनाकाल से बड़ा नुकसान हुआ। कारोबारी उम्मीद में थे कि नए वर्ष में कुछ हद तक घाटे की भरपाई होगी। इधर गुरुवार देर रात को रामदेव मंदिर में आयोजित भजन-कीर्तन कार्यक्रम में लोगों ने भजन की धुन में झूमते नजर आए। 

नए साल के पहले दिन शुक्रवार को लोगों ने शहर में जश्र और मौज-मस्ती के साथ बिताया। जबकि धार्मिक भावना से ओतप्रोत होकर एक वर्ग ने बेहद ही शांति के साथ मंदिरों में अपना समय गुजारा। शहर के देवालयों में नए साल का आगाज करने के लिए लोग सुबह से पूजा-अर्चना करने के लिए पहुंचे। 

शहर के अलावा जिले के प्रसिद्ध मंदिरों में भी श्रद्धालुओं की भीड़ अन्य दिनों की तुलना में अधिक रही। इस बीच युवा वर्ग ने आज पूरे दिन मौज-मस्ती के साथ अपना समय व्यतीत किया। इससे पूर्व गुरुवार देर रात को युवा वर्ग नए वर्ष का स्वागत पटाखे फोडकर और केक काटकर किया। इसके अलावा विविध अयोजनों के साथ ही देर रात तक कई लोग आतिशबाजी और नाच-गान करते खुशियां मनाई। वहीं केक काटकर भी खुशियां बांटी। साल की बिदाई और और नए साल का स्वागत करने अंचल में जश्न का माहौल रहा।

इधर साल के पहले दिन शुक्रवार को युवाओं की अलग-अलग टुकड़ी ने पर्यटन स्थलों में जाकर इस दिन को यादगार बनाने की कोशिश की। गीत-संगीत के साथ युवा दिनभर विविध आयोजन के जरिए व्यस्त रहे। शहर से सटे प्रमुख पिकनिक स्पॉट भी आज के दिन भी गुलजार रहे।
 
उधर शहर के शीतला मंदिर, पाताल भैरवी में सुबह से ही लोगों ने नए साल में तरक्की और सुखमय जीवन के लिए माथा टेका। फुहड़ संगीत और शोरगुल से परे होकर शहर का एक वर्ग ऐसा भी है जो शांतिमय तरीके से पूजा-अर्चना से अपनी खुशहाली की कामना करता है। नए साल के पहले दिन शहर में हर वर्ग ने अपने-अपने तरीके से गुजरे साल को जहां अलविदा कहा। वहीं नववर्ष के स्वागत में पूरे जोश दिखाया।

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