मुनि महेंद्र सागर ने कहा- बच्चों के बिगडऩे के लिए माता-पिता जिम्मेदार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
धमतरी, 16 अप्रैल। मध्यप्रदेश में जैन मुनियों पर हमले के विरोध में धमतरी में जैन समाज ने आक्रोश रैली निकाली। रैली की अगुवाई शहर में आए जैन मुनि मनीष सागर समेत अन्य संतों ने की।
रैली घड़ी चौक से 15 अप्रैल को शाम साढ़े 4 बजे शुरू हुई। यह सदर बाजार होते हुए एसडीएम कार्यालय पहुंची। राष्ट्रपति के नाम एसडीएम पीयूष तिवारी को ज्ञापन सौंपा गया।
समाज प्रमुखों ने कहा कि जैन समाज अहिंसा में विश्वास करता है, लेकिन संतों पर हुए हिंसक हमले को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। संतों की सुरक्षा समाज की पहली प्राथमिकता है। साथ ही बदमाशों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की मांग की।
सकल जैन समाज के अध्यक्ष विजय गोलछा ने बताया कि मध्यप्रदेश के नीमच जिले के सिंगोली के कछाला गांव के पास मंदिर में 3 जैन मुनि रात्रि विश्राम कर रहे थे। तभी कुछ बदमाश वहां पहुंचे। मुनियों से पैसे और सामान मांगा। मुनियों ने बताया कि उनके पास कुछ नहीं है। इस पर बदमाशों ने मारपीट शुरू कर दी। इस घटना से जैन समाज में आक्रोश है। उन्होंने कहा कि जैन समाज शांतिप्रिय है। उसे उकसाने की कोशिश की जा रही है। यह घटना न केवल अहिंसा और शांति के सिद्धांतों के खिलाफ है, बल्कि मानवीय मूल्यों का भी अपमान है।
संत ने की घटना की निंदा
रैली में शामिल संत महेन्द्र सागर ने हाल ही में हुई घटना की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा, बच्चों के बिगडऩे के लिए माता-पिता भी जिम्मेदार होते हैं। अगर वे समय रहते अच्छे संस्कार देते, तो बच्चे बड़े होकर गलत राह पर नहीं जाते। संत विनम्र सागर महाराज ने कहा, सिर्फ लिपस्टिक और पावडर लगाकर शहर में घूमने से कुछ नहीं होता। आंतरिक सुंदरता भी जरूरी है। उन्होंने कहा, समाज को सही दिशा देने के लिए परिवार की भूमिका सबसे अहम होती है। आक्रोश रैली में निर्मल बरडिय़ा, ज्ञानचंद लुनावत, जीवन लोढ़ा, संजय जैन, शीतल सांखला, नवीन सांखला, विजय दुग्गड़, निखिल डागा, आशीष जैन, नेमीचंद जैन, सतीश नाहर, कोमल जैन, कुशल जैन, पारस जैन, नीलेश लुनिया, मनीषा कोटडिय़ा, सुशीला नाहर, मीना जैन समेत बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए।