‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 15 अप्रैल। जिला स्तरीय केवट निषाद समाज का वार्षिक सम्मेलन ग्राम मडिय़ापार बोरी में हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत आराध्य देव श्रीराम भक्त नात्था केवट ,महाराज गुहा निषाद राज , श्रीरामचंद्र के छायाचित्र की पूजा अर्चना माल्यार्पण से हुई।
सम्मेलन में धूमधाम से आदर्श विवाह 4 जोड़ों की कराई गईं। उपरांत समाज द्वारा शिक्षा साहित्य खेलकूद कला संगीत प्रतिभाओं को मोमेंटो एवं प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। वार्षिक सम्मेलन में हजारों की जनसंख्या में समाज के लोग शामिल हुए। कार्यक्रम में राष्ट्रीय अध्यक्ष बाबा मार्तंड सिंह माझी, ललित चंद्राकर दुर्ग ग्रामीण विधायक तथा छत्तीसगढ़ पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष नेहरू निषाद छत्तीसगढ़ प्रदेश अध्यक्ष निषाद समाज एवं गुण्डरदेही विधायक कुंवर सिंह निषाद, भाजपा जिला अध्यक्ष सुरेंद्र कौशिक, संगठन मंत्री कोमल निषाद प्रदीप केवट शामिल हुए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कुंवर सिंह निषाद ने अपने उद्बोधन में समाज के सभी मांगों को रखा उन्होंने समाज उत्थान के लिये निरंतर कार्य करने पर ज़ोर दिया। पंचायती चुनाव में नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों को बधाई दी। उन्होंने कर्मठता परिश्रम और मजबूती के साथ दृढ़संकल्प होकर समाज के उत्थान में लगातार कार्य करने का संकल्प लिया। तथा 4 विवाहित जोड़ों को नया दांपत्य जीवन की बधाई दी।
राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बाबा मार्तंड सिंह माझी ने समाज को संबोधित करते हुए मछुआरा समाज की बेटी माता अमृतानंदमयी देवी बारे में जानकारी दी। उन्होंने 1901 की जनगणना में मछुवारा-नाविक समस्त जातियों को केवट और धीमर में समाहित किया गया था। 1949 में आदिवासी जातियों की सूची राजपत्र में प्रकाशित की गई, जिसमें क्रमांक 51 पर केवट, क्रमांक 60 पर कोली धीमर तथा क्रमांक 71 पर माझी को अन्य 99 आदिवासी जातियों के साथ अनुसूचित जनजाति के रूप में सूचीबद्ध किया गया।
उन्होंने कहा राष्ट्रपति अनुसूचित जनजाति आदेश 1950 के राजपत्र में प्रकाशन के दौरान माझी केवट, मल्लाह, भोई, धीमर की अनुशंसा की गई। इस आधार पर, यदि मिसल बंदोबस्त में इन जातियों का उल्लेख दर्ज है, तो उन्हीं को संविधान द्वारा अनुसूचित जनजाति का आरक्षण लाभ प्राप्त करने की पात्रता है। आदिम जाति अनुसंधान और प्रशिक्षण संस्थान छत्तीसगढ़ द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट में इन जातियों को फर्जी गलत रूप में दर्ज किए थे।
विधायक ललित चंद्राकर ने अपने उद्बोधन में निषाद राज गुहा की महिमा और उनके महान कार्यों का स्मरण करते हुए वक्ताओं में समाज के एकीकरण और कल्याण पर जोर दिया। भगवान श्रीराम के प्रति उनकी नि:स्वार्थ सेवा और मित्रता का उल्लेख करते हुए बताया गया कि निषाद राज गुहा ने समाज को समर्पण, सेवा और भाईचारे का संदेश दिया। विधायक ने ग्राम अंजोरा ख निवासी जो महमरा शिवनाथ नदी में बाढ़ में फंसे 16 व्यक्ति को बचाया और आखिरी व्यक्ति को बचाते शहीद हो गया थे।
उन्होंने ग्राम कोटनी, नगपुरा शिवनाथ नदी में नव निर्मित पुल स्व. शहीद विष्णु निषाद के नाम पर रखने कि घोषणा की। कैबिनेट मंत्री दर्जा प्राप्त नेहरू निषाद ने मत्स्य संपदा योजना के बारे में जानकारी देते हुए समाज को एकजुट होकर भगवान निषाद गुहा राज के बताए मार्ग पर चलने का संदेश दिया गया। सभा को प्रदीप केवट कोमल देव निषाद ने समाज के सर्वांगीण विकास हेतु संबोधित किया।
इस अवसर पर स्वागत भाषण डॉ घनश्याम निषाद, मंच संचालन बी आर निषाद एवं संतोष जलतारे ने संयुक्त रूप से किया। आभार प्रदर्शन बिरेन्द्र निषाद ने किया। इस दौरान खिलावन केवट ओम प्रकाश निषाद, संतोषी निषाद, थानेश्वर निषाद, शिव कुमार निषाद, अशोक निषाद, राजकुमार निषाद, राम सूख सरपे, रामचंद्र निषाद, तेजराम निषाद, सोन प्रकाश निषाद, जोधी राम निषाद, डेकेश्वरी निषाद, अंजू निषाद सहित परिक्षेत्र तथा जिला के हजारों की संख्या में महिला पुरुष एवं बच्चे एवं सामाजिक पदाधिकारी उपस्थित रहे।