‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 28 मार्च। मनरेगा कर्मियों ने तीन दिवसीय हड़ताल के दूसरे दिन रैली निकालकर प्रदर्शन किया। वे रैली निकालकर कलेक्ट्रेट पहुंचे, जहां एडीएम अरविंद एक्का को अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री व पंचायत मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।
मनरेगा कर्मियों ने कहा कि सचिव, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की अध्यक्षता में छ.ग. मनरेगा कर्मियों के नियमितीकरण की प्रक्रिया पूर्ण होने तक सामाजिक एवं सेवा सुरक्षा की दृष्टि से मानव संसाधन नीति लागू किये जाने हेतु राज्य स्तरीय समिति का गठन कर 15 दिवस के भीतर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने हेतु आदेशित किया गया था। परंतु समिति द्वारा 7 माह से अधिक समय व्यतीत होने के उपरांत भी आज दिनांक तक सेवा व सामाजिक सुरक्षा की बिन्दुओं को समाहित कर प्रतिवेदन प्रस्तुत नहीं किया गया है। इस संबंध में छत्तीसगढ़ राज्य के समस्त जिलों में जिला स्तर पर रैली निकालकर ज्ञापन सौंपकर वे अपनी मांग रख रहे है 28 मार्च, को प्रदेश स्तर पर राजधानी रायपुर में हड़ताल व रैली निकालकर ज्ञापन सौंपा जाएगा।
उन्होंने कहा किमहात्मा गांधी नरेगा योजनांतर्गत कार्यरत मनरेगा कर्मियों की 7 माह से प्रक्रियाधीन मानव संसाधन नीति में सेवा व सामाजिक सुरक्षा की बिन्दुओं को समाहित कर तत्काल लागू किया जावे। छत्तीसगढ़ राज्य में विगत 19 वर्षों से चल रहे मनरेगा योजना के कर्मियों को जो गांव-गांव में श्रमिको को रोजगार की गारंटी देते हैं उन्हें सेवा पृथक के भय व पीड़ा से राहत दिलाते हुये आपकी मंशा अनुरूप सेवा व सामाजिक सुरक्षा की बिन्दुओं को मनरेगा परिषद की मानव संसाधन नीति में समावेश कर तत्काल लागू करावें। साथ ही प्रतिमाह 1 से 5 तारीख के मध्य वेतन/मानदेय का भुगतान (पुल फण्ड से) किया जावे। अन्यथा हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र दामोदर दास मोदी की गारंटी, सुशासन पुरुष मुख्यमंत्री विष्णु देव साय व उपमुख्यमंत्री पंचायत मंत्री के कथनानुसार मनरेगा कर्मियों के प्रति संवेदना सहित सेवा व सामाजिक सुरक्षा हेतु किया गया पहल अधूरा व अपूर्ण रह जाएगा।
इस दौरान मनरेगा कर्मचारी महासंघ के जिला अध्यक्ष अनिरुद्ध ताम्रकार, प्रवीण वर्मा, रीता चाटे, अजय, कुसुम, दीप्ति सहित सैकड़ों की संख्या में मनरेगा कर्मचारी मौजूद थे।