रायपुर, 24 मार्च। स्कूल शिक्षा विभाग, साक्षरता तथा एनआईओएस के संयुक्त रूप से बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान आकलन परीक्षा का आयोजन किया । इस राष्ट्रव्यापी महापरीक्षा अभियान में लगभग 5 लाख शिक्षार्थियों ने भाग लिया, जिनमें बुजुर्ग, युवा, महिलाएं, दिव्यांगजन और कई परिवारों की दो से तीन पीढिय़ां शामिल रहीं। यह महापरीक्षा अभियान शिक्षा की अलख जगाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ, जिसमें जनभागीदारी और उल्लास की अद्भुत मिसाल देखने को मिली। दंतेवाड़ा के प्राथमिक शाला लब्बापारा, कुआकोंडा सहित विभिन्न परीक्षा केंद्रों पर बैंड-बाजे, तिलक वंदन और पुष्प वर्षा के साथ शिक्षार्थियों का अभिनंदन किया गया। पिंक बूथ की तर्ज पर कई जिलों में विशेष सजावट कर उल्लास परीक्षा केंद्र बनाए गए। जांजगीर-चांपा जिले के रसोंटा, विकासखंड पामगढ़ में एक परिवार के सात सदस्यों, बुजुर्ग दंपति, उनके दो पुत्र, पुत्रवधुएं और नाती ने परीक्षा दी।
कोण्डागांव, बलौदाबाजार, सरगुजा और बलरामपुर सहित कई जिलों में सास-बहू की जोडिय़ों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। दंतेवाड़ा, नारायणपुर, अंबिकापुर और बिलासपुर के केंद्रीय जेलों में भी कैदियों ने इस परीक्षा में भाग लिया। बलरामपुर के दिव्यांग देव कुमार सिंह और बेमेतरा के राम्हू भी इस अभियान का हिस्सा बने। पंचायती राज के नवनिर्वाचित प्रतिनिधियों ने शिक्षार्थियों एवं स्वयंसेवकों के लिए न्योता भोज का आयोजन कर शिक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाई।
अभिनव प्रयास से बढ़ी भागीदारी
कोण्डागांव और दंतेवाड़ा में इमली और महुआ के पेड़ों के नीचे विशेष परीक्षा केंद्र बनाए गए, जिससे शिक्षार्थियों को सहज वातावरण मिल सके।