एनएच के सब इंजीनियर ने कहा-अनजाने में यह घटना घटित हो गई
भूमि स्वामी ने थाने में दर्ज कराई शिकायत
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 24 मार्च। बागबाहरा नगर से 6 किमी दूर एनएच 353 में बाल आश्रम से मनीष राइस मिल तक जायमेट्री सुधार कार्य के तहत शुरू हुई तीन किलोमीटर लंबी सडक़ का निर्माण हेतु भूमि क्लीयरेंस कार्य में एक निजी प्लाट स्थित सागौन नीम के पेड़ों के अलावा नीलगिरी के लगभग सौ पेड़ों को जेसीबी से उखाड़ दिये जाने का मामला प्रकाश में आया है। भूमि स्वामी द्वारा इसकी राजस्व सहित पुलिस में रिपोर्ट की जा रही है।
इस संबंध में भूमि स्वामी अशोक अग्रवाल ने बताया कि बिहाझर स्थित बाल आश्रम से लगी उसकी मालिकाना भूमि है। वहीं से एनएच 353 की प्रस्तावित 3 किमी सडक़ की शुरूआत हो रही है। कल दोपहर बाद हमें एक शुभचिंतक से जानकारी मिली कि सडक़ निर्माण ठेकेदार के कर्मी सडक़ क्लीयरेंस के हो रहे कार्य में उसके प्लाट में लगे पेड़ों को भी जेसीबी से उखाड़ रहे हैं। मौके पर तत्काल पहुंच कर हमने उसे बमुश्किल रूकवाया। हमने कहा कि ना हमारा प्लाट इस सडक़ के लिए चिन्हित हुआ है और ना ही हमें मुआवजा मिला। जबरिया पेड़ों को उखाडऩा गलत है।
अशोक अग्रवाल के परिजनों ने बताया कि साइड में उपस्थित एनएच के सब इंजीनियर को मौके पर बुलाकर कड़ा विरोध किया। काफ ी ना नुकर के बाद उन्होंने स्वीकार किया कि स्टाफ ने क्यों इधर जेसीबी चलायी। उन्होंने बताया कि हमने ठेकेदार स्टाफ को वन विभाग द्वारा काटे गये पेड़ों के ठूंठ को उखाडऩे का ही निर्देश दिया था। अविनाश अग्रवाल ने बताया कि वर्षों से हमारे प्लाट में पेड़ लगे हुए हैं। नील गिरी के पेड़ काफी बड़े हो चुके थे। जिन्हें जेसीबी से चंद घंटों में उखाड़ कर गिरा दिया गया। यही नहीं बाउंड्री के कुछ खम्बे भी गिरा दिये गये।
उन्होंने बताया कि यदि विभाग द्वारा पेड़ों को स्वीकृत क्षेत्र से हटाना भी होता है, तो नियमानुसार उसके लिये शासन से स्वीकृति लेकर वन विभाग द्वारा झाड़ों की कटाई करायी जाती है। लेकिन मेरे प्लाट के पेड़ों को तो बेमतलब जबरन उखाड़ दिया गया। जो सरासर
गलत है। इसे ना तो ना ही ठेकेदार ने गंभीरता से लिया। यदि दोनों की तरफ से कार्य में गंभीरता से मॉनिटिरिंग होती तो हमारे प्लाट में लगे पेड़ों को जेसीबी से उखाडक़र रौंद नहीं दिया जाता।
उन्होंने बताया कि प्लाट में वर्षों पुराने एक सागौन, नीम, परसा के वृक्षों के अलावा लगभग सौ नीलगिरी के पेड़ों की क्षति हुयी है। बहरहाल आक्रोशित भूमि मालिक द्वारा उक्त मामले की राजस्व एवं पुलिस में रिपोर्ट की जा रही है। ठेकेदार के एनएच 353 सडक़ के सब इंजीनियर श्री द्विवेदी ने बताया कि बाल आश्रम से लेकर आगे सडक़ में खतरनाक टर्निंग है। जहां आये दिन दुर्घटनाएं होती रहती है। उक्त टर्निंग क्षेत्र से अलग बाल आश्रम से मनीष राइस मिल तक सीधी नयी सडक़ का निर्माण किया जा रहा है। जिसकी लंबाई 3 किलोमीटर है। प्रारंभिक रूप से अभी साइड.साइड का क्लीयरिंग का काम शुरू हुआ है। बताया कि इस क्षेत्र में 141 विभिन्न प्रकार के पेड़ है। जिसमें 116 पेड़ों की कटाई वन विभाग द्वारा की जा चुकी है। सिर्फ 25 पेड़ों की कटाई होना बाकी है। उन्होंने बताया कि अनजाने में यह घटना घटित हो गयी है।