‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
छुरा (गरियाबंद), 24 मार्च। आईएसबीएम विश्वविद्यालय में विज्ञान संकाय एवं विज्ञान क्लब के संयुक्त तत्वावधान में विश्व जल दिवस के अवसर पर एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को जल संरक्षण एवं जल प्रबंधन के महत्व से अवगत कराना था।
इस अवसर पर के.के. सिंह (उप अभियंता, सार्वजनिक एवं स्वास्थ्य विभाग,छुरा, छत्तीसगढ़) मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ माँ सरस्वती वंदना एवं दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। इसके पश्चात मुख्य अतिथि के.के. सिंह ने अपने व्याख्यान में जल प्रदूषण और उसके प्रभावों पर विस्तार से चर्चा की।
उन्होंने कहा कि जल प्रदूषण हमारे भविष्य के लिए एक गंभीर समस्या है। हमें जल की शुद्धता बनाए रखने के लिए प्रभावी उपाय अपनाने होंगे। जल की गुणवत्ता को मापने एवं शुद्धिकरण की आधुनिक तकनीकों को अपनाने की आवश्यकता है।
आईएसबीएम विश्वविद्यालय के अकादमिक अधिष्ठाता एवं ढ्ढक्त्रष्ट निदेशक प्रो. एन. के. स्वामी ने छुरा एवं आसपास के गांवों में भूजल स्तर में गिरावट को लेकर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि अत्यधिक जल दोहन, अपर्याप्त वर्षा जल संचयन और वनों की कटाई के कारण भूजल स्तर लगातार गिर रहा है। जल संरक्षण हेतु सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है।
विज्ञान संकाय के अधिष्ठाता प्रो. विश्वनाथन ने जल संसाधनों की घटती स्थिति पर चिंता जताते हुए कहा कि वनों की कटाई, अति दोहन और जल प्रदूषण से जल संकट बढ़ रहा है। यदि समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाली पीढिय़ों को गंभीर समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
उन्होंने वृक्षारोपण, जलाशयों की सफाई और भूजल पुनर्भरण जैसे उपायों को अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया। विश्वविद्यालय के विज्ञान संकाय की विभागाध्यक्ष डॉ. पूनम वर्मा ने जल संरक्षण के विभिन्न उपायों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जल ही जीवन है, इसे संरक्षित करना हम सभी की प्राथमिक जिम्मेदारी है। उन्होंने वर्षा जल संचयन, वृक्षारोपण एवं अपशिष्ट जल प्रबंधन जैसी टिकाऊ तकनीकों को अपनाने पर बल दिया।
इस व्याख्यान में विश्वविद्यालय के सभी विद्यार्थियों एवं प्राध्यापकों ने भाग लिया और जल संरक्षण के विभिन्न उपायों पर गहन चर्चा की। छात्रों ने विशेषज्ञों से सवाल पूछे और जल प्रदूषण नियंत्रण की तकनीकों पर जानकारी प्राप्त की।कार्यक्रम के अंत में रसायन शास्त्र विभाग के सहायक प्राध्यापक सुश्री ट्विंकल दीपक ने सभी अतिथियों एवं सहभागियों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।
आईएसबीएम विश्वविद्यालय अपने छात्र-केंद्रित दृष्टिकोण के साथ सतत विकास और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में इस प्रकार के जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन कर समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए प्रतिबद्ध है।