‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अम्बिकापुर, 17 मार्च। छत्तीसगढ़ राज्य नीति आयोग द्वारा जिला पंचायत सभाकक्ष में संभागायुक्त नरेन्द्र दुग्गा की अध्यक्षता में संभाग स्तरीय (एसडीजी) सतत् विकास लक्ष्य उन्मुखीकरण प्रशिक्षण एवं कार्यशाला आयोजित हुई।
संभागायुक्त श्री दुग्गा ने सतत विकास लक्ष्य (सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स) को प्राप्त करने के तरीके पर चर्चा करते हुए कहा कि इस कार्यशाला का उद्देश्य इन गोल्स को फील्ड में सही तरीके से लागू करना है। उन्होंने कहा कि सतत् विकास लक्ष्य (एसडीजी) निर्धारित किए गए हैं, जिन्हें पूरा करने का लक्ष्य दिया गया है। लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए जिला स्तर पर प्रगति की मॉनिटरिंग हेतु डिस्ट्रिक्ट इंडिकेटर फ्रेमवर्क (डीआईएफ) का निर्धारण किया गया है।
उन्होंने बताया कि एसडीजी के आधार पर जिलाधिकारियों द्वारा एसडीजी डैशबोर्ड में की गई एंट्री के आधार पर प्रतिवर्ष डिस्ट्रिक्ट प्रोगेस रिपोर्ट प्रकाशित की जाती है। इसके अलावा, समय-समय पर अधिकारियों की क्षमता निर्माण के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, ताकि वे इस क्षेत्र में हुई नवीन प्रगति से अवगत रह सकें।
उन्होंने कहा कि सरगुजा संभाग आदिवासी बहुल क्षेत्र है हमें कठिन परिश्रम कर समाज में जागरूकता लाने की आवश्यकता है। नीति आयोग द्वारा किए प्रयास अभिनव पहल है। इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य ‘विकसित छत्तीसगढ़’ बनाने के लिए निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करना है, संभागायुक्त ने सभी जिलों के कलेक्टर, सीईओ जिला पंचायत और विभागों के अधिकारियों को एकजुट होकर समस्याओं को जमीनी स्तर पर पहचान करें, जिससे आम लोगों के जीवन में सुधार लाया जा सके।
कलेक्टर विलास भोसकर ने सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स (एसडीजी) के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यह एक लंबी प्रक्रिया है, जिसकी शुरुआत मिलेनियम डेवलपमेंट गोल्स (एमडीजी) से हुई थी। उन्होंने कहा कि जब वे स्कूल, कॉलेज या प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे थे, तो समाचार पत्रों में इन गोल्स के बारे में पढ़ते थे। ये गोल्स विभिन्न पहलुओं जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, कौशल विकास और रोजगार पर आधारित थे।
इन लक्ष्यों के माध्यम से कई देशों और राज्यों ने महत्वपूर्ण कदम उठाएं हैं जिससे देश प्रदेश के विकास को गति मिली है।
उन्होंने कहा कि आम जनता को हितग्राही मूलक योजनाओं का लाभ दिलाना महत्वपूर्ण हैं।
समस्याओं को पहचान कर लोगों की सहभागिता सुनिश्चित करें और क्वांटिटी नहीं क्वालिटी पर फोकस करें। उन्होंने सभी अधिकारियों को गम्भीरता से प्रशिक्षण प्राप्त करने को कहा है, राज्य नीति आयोग द्वारा जिले स्तर पर लक्ष्य को हासिल करने के लिए डिस्ट्रिक्ट इंडीकेटर फ्रेमवर्क तैयार किया गया है, जिसमें 82 अलग-अलग इंडीकेटर्स को शामिल किया गया है। इसके जरिए जिला और राज्य स्तर पर प्रदर्शन की रैंकिंग की जाती है। राज्य की प्रगति तभी संभव है, जब जिलों की प्रगति पर ध्यान दिया जाए। इसके लिए छत्तीसगढ़ ने डाटा को जिला स्तर पर आगे बढ़ाने की दिशा में कदम बढ़ाया। इसके लिए ‘डिस्ट्रिक्ट इंडिकेटर फ्रेमवर्क’ (डीआईएफ) के आंकड़ों की गुणवत्ता पर निर्भर करता है। आंकड़े प्रमाणिक होंगे, तभी हम अपने लक्ष्यों को सही दिशा में ले जा सकें।
एक दिवसीय उन्मुखीकरण प्रशिक्षण एवं कार्यशाला में राज्य नीति आयोग के सदस्य सचिव डॉ. नीतू गौरडिय़ा ने कहा कि सतत विकास लक्ष्यों को फे्रमवर्क के आधार पर साझा प्रयासों से ही प्राप्त किया जा सकता है। इसे हासिल करने के लिए संसाधनों का अधिक प्रभावी और समुचित उपयोग से लक्ष्यों की प्राप्ति में सहायता मिलती है। वहीं लक्ष्यों को प्राप्त करने हेतु निर्धारित इंडीकेटर्स की नियमित मॉनिटरिंग करने पर ध्यान केंद्रीत करना होगा।
राज्य नीति आयोग की टीम द्वारा एसडीजी, डीआईएफ एवं एसडीजी डैशबोर्ड की मॉनिटरिंग के संबंध में विस्तृत प्रशिक्षण दिया गया। जिला स्तर पर सांख्यिकी प्रणाली एवं आंकड़ों के संग्रहण के सुदृढ़ीकरण पर प्रकाश डाला गया। टीम द्वारा जिला स्तर पर एसडीजी का स्कोप एवं एकीकरण पर प्रतिभागी अधिकारियों के साथ चर्चा एवं उनकी शंकाओं का समाधान किया गया। इस अवसर संभाग स्तरीय कार्यक्रम में सरगुजा, सूरजपुर, कोरिया बलरामपुर, एमसीबी एवं जशपुर जिले के जिला पंचायत सीईओ एवं विभाग के जिलाधिकारी उपस्थित थे।