‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोण्डागांव, 17 मार्च। जिले में नक्सल उन्मूलन अभियान के तहत एक बड़ी सफलता मिली है। शासन की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर और नक्सल विचारधारा से तंग आकर 1 लाख के ईनामी नक्सली राजमन होड़ी ने पुलिस अधीक्षक कोण्डागांव के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया।
आत्मसमर्पण के बाद उसे शासन की नीति के तहत 25,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी गई है, साथ ही पुनर्वास योजना के तहत अन्य लाभ देने की प्रक्रिया जारी है।
राजमन होड़ी वर्ष 2014 में बेड़मा पंचायत मिलिशिया सदस्य के रूप में नक्सल संगठन से जुड़ा था। इसके बाद 2018 में उसे बारसूर एलओएस में पार्टी सदस्य बनाया गया, जहां से वह लगातार कोण्डागांव, नारायणपुर, बस्तर और दंतेवाड़ा के सीमावर्ती इलाकों में सक्रिय था। पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी., पुलिस उप महानिरीक्षक उत्तर बस्तर रेंज विनोद तुकाराम काम्बले, पुलिस अधीक्षक वॉय अक्षय कुमार और उनकी टीम द्वारा लगातार चलाए जा रहे नक्सल विरोधी अभियानों और सिविक एक्शन कार्यक्रमों के कारण कई नक्सली आत्मसमर्पण कर रहे हैं। राजमन होड़ी का आत्मसमर्पण भी इसी अभियान का हिस्सा है।
राजमन होड़ी पर हत्या, लूट, अपहरण और पुलिस पर हमले जैसे कई संगीन मामले दर्ज हैं। वर्ष 2012 में थाना मर्दापाल में हत्या और आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था। वर्ष 2014 में थाना मर्दापाल में पुलिस पर हमला और हथियार रखने का केस दर्ज किया गया।
वर्ष 2021 में थाना मर्दापाल में डकैती, अपहरण और धमकी के आरोप में मामला दर्ज हुआ। वर्ष 2023 में थाना पुंगारपाल में हत्या, अपहरण और साजिश के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया।
राजमन होड़ी के आत्मसमर्पण में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रूपेश कुमार डांडे, कौशलेंद्र पटेल, उप पुलिस अधीक्षक सतीश भार्गव, कांशीराम मरकाम और निरीक्षक भोगराम ध्रुव की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
सुरक्षा बलों की लगातार कार्यवाही और पुनर्वास योजना के प्रति बढ़ती जागरूकता के चलते नक्सली अब समाज की मुख्यधारा से जुडऩे के लिए आगे आ रहे हैं। प्रशासन का कहना है कि आने वाले समय में और भी नक्सली आत्मसमर्पण कर सकते हैं, जिससे नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई को और मजबूती मिलेगी।