‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 17 मार्च। यह महासमुंद जिले के ग्राम बरेकेलकला की गृहिणी अनुसुइया बाई चक्रधारी हैं। पहले इनका परिवार की आर्थिक तंगी से जूझ रहा था। अब महतारी वंदन योजना से हर महीने मिलनेवाली एक हजार रुपए से इन्होंनेे अपनी पारंपरिक कला को पुनर्जीवित किया है। इस सहायता राशि से उन्होंने खूबसूरत मिट्टी के बर्तन बनाने का काम शुरू किया।
हालांकि यह इनकी पारंपारिक कला है लेकिन संसाधनों की कमी के कारण इसे आगे बढ़ा पाना आसान नहीं था। महतारी वंदन के पैसे से कच्चा माल, रंग और अन्य जरूरी सामग्री खरीदी। धीरे-धीरे उनका व्यवसाय बढ़ा और उनके मिट्टी के बर्तन बाजार में पसंद किए जाने लगे। अब तो अनुसुइया घर के खर्चे, बच्चों की शिक्षा का भी जिम्मा उठा रही हैं।
इस तरह महतारी वंदन योजना न केवल आर्थिक संबल प्रदान कर रही हंै, बल्कि महिलाओं को स्वावलंबी और सशक्त बना रही है।