‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 13 मार्च। बलौदाबाजार जिले में आरटीई के तहत निजी स्कूलों में बच्चों के प्रवेश के लिए शेड्यूल तय किया गया है। लेकिन ऑनलाइन पोर्टल में आई तकनीकी खामियों के कारण प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी है। प्रवेश के लिए ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि 31 मार्च निर्धारित की गई है, लेकिन 11 दिन बीत जाने के बावजूद पोर्टल चालू नहीं हुआ है। पालकों को उम्मीद थी कि पोर्टल के माध्यम से वे अपने बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा के लिए पंजीकृत कर सकेंगे लेकिन बार-बार कोशिश करने के बावजूद में असफल हो रहे हैं। जिला शिक्षा अधिकारी हिमांशु भारतीय ने कहा कि पोर्टल की तकनीकी गड़बडिय़ों को सुधारने का कार्य जारी है। वहीं बुधवार को आरटीई प्रवेश से संबंधित प्रशिक्षण के लिए नोडल अधिकारी रायपुर जा रहे हैं।
दस्तावेजों में त्रुटि सुधार के लिए पलक कर रहे संघर्ष
निजी स्कूलों में आरटीई के तहत निशुल्क प्रवेश दिलाने के लिए पालको को आवश्यक दस्तावेज तैयार करने में कभी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। कई बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र में त्रुटियां हैं जिनमें सुधार के लिए पालको को लगातार चॉइस सेंटर और नगर पालिका कार्यालय के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। इसके अलावा गरीबी रेखा बीपीएल प्रमाण पत्र बनवाने की प्रक्रिया भी जटिल हो चुकी बनी हुई है। पालकों को नगर पालिका और जनपद पंचायत के कार्यायलयों में बार-बार जाना पड़ रहा है।
आय जाति और निवास बनवाने में भी दिक्कतें
आरटीई के तहत प्रवेश के लिए आवश्यक दस्तावेजों की सूची में आय जाति और निवास प्रमाण पत्र अनिवार्य किए गए हैं। लेकिन तहसील कार्यालयों में प्रमाण पत्र बनवाने पहुंचे पालकों को लंबित कतारो और तकनीकी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। लोक शिक्षा संचार न्यायालय द्वारा जारी समय सारणी के अनुसार छात्रों का पंजीयन 1 से 31 मार्च तक किया जाना है। इसके बाद दस्तावेजों की जांच प्रक्रिया 17 मार्च से 25 अप्रैल तक चलेगी। लॉटरी के माध्यम से सीटों का आवंटन एक और 2 मई को होगा और 5 मई से 30 में तक स्कूलों में प्रवेश की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
जिले के 221 निजी स्कूलों में दिया जाना है दाखिला
बलौदाबाजार जिले में आरटीई के तहत 221 निजी स्कूलों में बीपीएल एवं जरूरतमंद बच्चों को प्रवेश दिया जाना है। हालांकि 1 मार्च से प्रवेश प्रक्रिया शुरू होने की घोषणा के बावजूद पालक अपने बच्चों का ऑनलाइन पंजीकरण नहीं कर पा रहे हैं। चॉइस सेंटर में भी आवेदन करने पहुंचे पालकों को निराशा ही हाथ लग रही है। भाटापारा, सिमगा, पलारी और कसडोल विकासखंड के पालक भी अपने बच्चों का प्रवेश सुनिश्चित करने के लिए चॉइस सेंटरो के चक्कर काट रहे हैं। नया बस स्टैंड स्थित एक चॉइस सेंटर पर आवेदन करने पहुंची सविता साहू और नम्रता वर्मा ने बताया कि वे घंटो से पोर्टल खुलने का इंतजार कर रही थी।
पोर्टल बंद होने से सीटों की संख्या भी स्पष्ट नहीं
पिछले साल 2024 25 में बलौदाबाजार जिले में 221 निजी स्कूलों में आरटीआई के तहत 2300 सीटे निर्धारित थी। इस वर्ष भी 25 फीसदी आरक्षित सीटों पर गरीब एवं जरूरतमंद बच्चों को निशुल्क प्रवेश दिया जाना है। लेकिन पोर्टल बंद होने के कारण अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि इस सत्र में कितने सीट उपलब्ध होगी।
पोर्टल चालू होने के बाद ही स्कूलों में सीटों की संख्या और अन्य विवरण सामने आ सकेंगे।