‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बचेली, 12 मार्च। ऑल इंडिया एनएमडीसी वर्कर्स फेडरेशन के आह्वान पर 27 फरवरी से एनएमडीसी की विभिन्न परियोजनाओं में मजदूर संगठनों का आंदोलन जारी है। श्रमिक चार सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन क्रमिक भूख हड़ताल कर रहे हैं, जिससे कंपनी के उत्पादन और शेयर मूल्य पर नकारात्मक प्रभाव पडऩे लगा है।
चार प्रमुख मांगें
1 जनवरी 2022 से लंबित वेतन समझौते को लागू किया जाए। ठेका श्रमिकों के वेतन समझौते की बातचीत शीघ्र शुरू हो। मैनपावर की कमी को दूर करने के लिए नई भर्ती की अधिसूचना जारी की जाए। प्रबंधन और श्रम संगठनों के बीच हुए द्विपक्षीय समझौतों का उल्लंघन रोका जाए।
भूख हड़ताल और ओवरटाइम का बहिष्कार
मजदूर संगठन 27 फरवरी से अनिश्चितकालीन क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठे हैं। फेडरेशन के 8 सदस्य एवं पदाधिकारी प्रतिदिन सुबह 9 से रात 9 बजे तक एनएमडीसी चेक पोस्ट के सामने धरना दे रहे हैं। आंदोलन के 14वें दिन महिला श्रमिकों ने भी भूख हड़ताल में शामिल होकर अपनी आवाज बुलंद की। इनमें राजेश्वरी प्रधान, जी. मिनी, नीतू रानी सिकदर, नंदा नाग, हेमवती शर्मा, अनिता मौर्य, आसमति साहू, रेणुका नाग, चांदनी परवीन एवं सरिता खमारी प्रमुख रूप से शामिल रहीं।
इसके अलावा, 6 मार्च से मजदूर संगठनों ने मैनपावर की कमी और नई भर्ती की मांग को लेकर ओवरटाइम न करने का निर्णय लिया है। इसका सीधा असर उत्पादन पर पड़ रहा है, जिससे एनएमडीसी के शेयरों में भी गिरावट दर्ज की गई है।
कांग्रेस पार्टी के प्रतिनिधि मंडल ने दिया आंदोलन को अपना समर्थन
आज कांग्रेस पार्टी के प्रतिनिधि मंडल ने भी हड़ताल स्थल पहुंचकर आंदोलन को फिर से अपना समर्थन दिया । प्रतिनिधि मंडल में दंतेवाड़ा जिला महामंत्री सलीम रज़ा उस्मानी, महिला पार्षदों किरण जायसवाल, रीना डाकुआ एवं पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष पूजा साव, पुनीता साहू, दमयंती साहू समेत बड़ी संख्या में ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के सदस्य शामिल रहे । विदित हो कि पूर्व में भी इस आंदोलन को समर्थन देने हाल ही में संपन्न नगरपालिका चुनावों में कांग्रेस पार्टी के नव निर्वाचित समस्त पार्षदों ने हड़ताल स्थल पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी।
तीन साल से लंबित वेतन समझौता
गौरतलब है कि एनएमडीसी के मजदूरों का वेतन समझौता 1 जनवरी 2022 से लंबित है। श्रमिक संगठनों और प्रबंधन के बीच अब तक 8 बैठकें हो चुकी हैं, जिसमें अगस्त 2024 में 15 फीसदी वेतन वृद्धि पर सहमति बनी थी। बावजूद इसके, अब तक इस प्रस्ताव को लागू नहीं किया गया है, जिससे श्रमिकों में असंतोष बढ़ रहा है।
मजदूर संगठनों ने 13 जनवरी 2025 को एनएमडीसी प्रबंधन को हड़ताल का नोटिस सौंपा था। इस दौरान नियमित और ठेका श्रमिकों ने बड़ी संख्या में भाग लेकर श्रमिक विरोधी नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन किया था।
उत्पादन और शेयर बाजार पर असर
आंदोलन के चलते एनएमडीसी के उत्पादन में लगातार गिरावट आ रही है, जिससे कंपनी के शेयर बाजार में भी मंदी का दौर शुरू हो गया है। इससे कंपनी प्रबंधन और निवेशकों की चिंता बढ़ गई है।
मजदूर संगठनों ने साफ किया है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं की जातीं, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
वहीं, प्रबंधन की ओर से अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकल पाया है। ऐसे में आने वाले दिनों में स्थिति और गंभीर हो सकती है