बेमेतरा

मरतरा और करचुवा में जमीन का अधिग्रहण, लेकिन 18 माह बाद भी 2 करोड़ का नहीं मिला मुआवजा
12-Mar-2025 3:35 PM
मरतरा और करचुवा में जमीन का अधिग्रहण, लेकिन  18 माह बाद भी 2 करोड़ का नहीं मिला मुआवजा

 प्रभावित ग्रामीणों ने कलेक्टर से जनदर्शन में लगाई गुहार

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 12 मार्च।
जिले के ग्रम सेमरिया से करचुवा तक निर्माणाधीन सडक़ के लिए 2023 में हुए जमीन अधिग्रहण के एवज में मुआवजा राशि के लिए प्रभावित 18 माह से दफ्तर के चक्कर काट रहे हैं। मंगलवार को जिला कार्यालय पहुंचे ग्रामीणों ने आवेदन पेश कर प्रशासन से गुहार लगाई। ग्राम निनवा के ग्रामीणों ने सरकारी जमीन पर बेजा कब्जा हटाने की मांग रखी।

चुनाव के बाद पहली बार जनदर्शन में कलेक्टर के सामने कई समस्याएं
निकाय व पंचायत चुनाव के दौरान आचार संहिता लागू होने की वजह से स्थगित जनदर्शन मंगलवार से प्रारंभ हुआ। ग्राम पंचायत निनवा के ग्रामीणों ने गांव में बेजा कब्जा करने वालों पर कार्रवाई की मांग रखी।

जानकारी हो कि मंगलवार को हुए जनदर्शन में ग्राम करचुवा व मरतरा के बीर सिंह, योगेश, धनेश, दुखम सिंह समेत कई ग्रामीणों के हस्ताक्षर के साथ मुआवजे के लिए जिला प्रशासन के समक्ष आवेदन सौंपा। ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम सेमरिया से ग्राम करचुवा तक करीब 7.20 किलोमीटर सडक़ का चौड़ीकरण किया गया है, जिसके लिए उनकी निजी जमीन को अधिग्रहित किया गया है। जमीन मालिक से आपसी सहमति से भूमि क्रय नीति 2016 के तहत प्रभावितों को मुआवजा दिया जाना तय किया गया था पर आज तक उनको मुआवजा नहीं मिला है। मुआवजा के लिए लंबे अर्से से आवेदन देते आ रहे हैं। बताना होगा कि इस मार्ग के नवीनीकरण के लिए 10 करोड़ 22 लाख स्वीकृत किए गए हैं। 23 जनवरी 2023 को जारी प्रशासनिक स्वीकृति के बाद 8 करोड़ 2 लाख की लागत से निर्माण के लिए अनुबंध 31 जुलाई 2023 को किया गया था, जिसमें निर्माण की मियाद 31 मई 2024 तय हुई थी। आज भी सडक़ का निर्माण जारी है। इस सडक़ निर्माण के लिए ग्राम मरतरा में 0.430 हेक्टेयर भूखंड अधिग्रहित किया गया है, जिसके लिए 17 जमीन मालिकों को 82 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाना है। इसके साथ ही ग्राम करचुवा में 0.550 हेक्टेयर भूखंड अधिग्रहित की गई है, जिसके लिए गांव के 8 प्रभावितों को 1 करोड़ 14 लाख रुपए से अधिक का मुआवजा दिया जाना है। दोनों गांव के 25 प्रभावितों को 1 करोड़ 96 लाख रुपए का मुअवाजा नहीं दिया गया है। मुआवजा नहीं मिलने की वजह से प्रभावित परेशान हो रहे हैं। 18 माह से अपने हक के लिए लोक निर्माण विभाग, तहसील कार्यालय, एसडीएम कार्यालय समेत कई दतर जा चुके हैं।

25 डिसमिल सरकारी जमीन पर बेजा कब्जा, हटवाएं सरकार
ग्राम निनवा के ग्रामीण सुनील वर्मा, तिलक मानिकपुरी, कीर्तन, राजकुमार, मंगलराम, मोहितराम साहू समेत कई ग्रामीण मंगलवार को कलेक्टोरेट पहुंचे थे, जिन्होंने संयुक्त आवेदन प्रस्तुत किया। 

गांव में व्यक्ति के द्वारा पहले से कब्जा किया गया था। अब बाउंड्रीवाल का निर्माण कराया जा रहा है। पंचायत द्वारा उक्त अवैध कब्जेदार को कई बार नोटिस दिया जा चुका है। वह सरकारी जमीन पर लगातार कब्जा करता जा रहा है। स्कूल प्रबंधन द्वारा कई बार नोटिस दिया गया है। इसके बाद भी बेजा कब्जा बरकरार है। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से बेजा कब्जा हटवाने के लिए दखल देने के लिए गुहार लगाई।

25 आवेदनों में कई आवेदन सरकारी योजनाओं से वंचित होने के 
मंगलवार को सौंपे गए आवेदन में भूमि विवाद, सरकारी योजनाओं का लाभ न मिल पाना, आधार या राशन कार्ड से संबंधित समस्याएं, जल, बिजली, सडक़ समेत अन्य बुनियादी सुविधाओं की कमी का जिक्र है। कलेक्टर रणबीर शर्मा ने सभी आवेदनों को गंभीरता से सुनते हुए संबंधित विभागों को त्वरित निराकरण के निर्देश दिए। कई समस्याओं का मौके पर ही समाधान किया गया। जबकि कुछ गंभीर मामलों को टीएल पंजी पर दर्ज कर संबंधित अधिकारियों को समय-सीमा में निपटाने के आदेश दिए। तहसील बेमेतरा के ग्राम पंडरभ_ा निवासी मुकुट दास मानिकपुरी द्वारा आबादी पट्टा चिन्हित करवाने, ग्राम देवकर के गिरधर गुप्ता द्वारा खुशी गुप्ता की टंकी में डूबने से हुई मृत्यु पर आर्थिक सहायता की मांग तथा ग्राम निनवा के निवासियों द्वारा शासकीय घास जमीन पर हुए कब्जे को मुक्त करवाने के संबंध में आवेदन प्राप्त हुए। निराश्रित पेंशन, बैटरी चालित ट्राइसिकल, प्रधानमंत्री आवास, वृद्धा पेंशन, दिव्यांगता पेंशन आदि से संबंधित मांगें भी शामिल रहीं।

 

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