‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भोपालपटनम, 25 फरवरी। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ डॉ. मुकेश ने बड़े अस्पतालों की प्रक्रिया को अमल कर महिला की जान बचाई।
बीजापुर जिले के भोपालपटनम सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सेवा दे रहे डॉ. मुकेश ने महिला को नई जिंदगी दी है। महिला कई दिनों से लिवर इन्फेक्शन की समस्या से जूझ रही थी। उनके परिवार वालों ने बड़े-बड़े अस्पतालों में जाकर उनका इलाज करवा रहे थे, लेकिन वहां कहीं भी ठीक नहीं हो रही थी। घर वालों ने हिम्मत हारकर घर ले आए और मरीज की परेशानी देखकर उन्हें भोपालपटनम के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया। मरीज की हालत काफी खराब हो चुकी थी। डॉ. मुकेश ने बड़े अस्पतालों में जो देखकर सीखा था, उसे अमल किया और उस प्रक्रिया को अपनाकर महिला की जान बचाई।
डॉ. मुकेश ने बताया कि इस प्रक्रिया को पैरासेन्टेसिस कहते हैं। उन्होंने बताया कि मरीज को लीवर में इन्फेक्शन के कारण पेट में पानी भर गया था। मरीज को पहले पानी भरे होने के कारण सांस नहीं लेने में तकलीफ हो रही थी और चल भी नहीं पा रहा थी। महिला के पेट से 8 लीटर पानी निकले हैं। महिला पहले से अभी बहुत स्वस्थ है। उनकी तबीयत में काफी सुधार आया है वह घूम-घूम कर यहां इलाज कराने आए।
उन्होंने बताया कि वह जहां पढ़ाई किए हैं वहां ऑपरेशन थिएटर में इस टाइप की प्रक्रिया की जाती थी। उन्होंने बताया कि शायद ही यहां आसपास या प्रक्रिया अपनाते हैं। उन्होंने मरीज की हालत देखकर उसे बचाने का पूरी कोशिश की है और वह सफल भी हुए हैं। उन्होंने बताया कि अभी मरीज को यही एडमिट रहने देंगे। पूरी तरह से स्वस्थ होने के बाद ही उसे डिस्चार्ज करेंगे।
ज्ञात हो कि पैरासेन्टेसिस, पेट में जमा अतिरिक्त तरल पदार्थ को निकालने की प्रक्रिया है। इसे पेट में नल या एब्डोमिनल टैप भी कहा जाता है। इस प्रक्रिया में, पेट की गुहा से तरल पदार्थ निकालने के लिए एक सुई या कैथेटर (ट्यूब) का इस्तेमाल किया जाता है।