पार्टी पहली बार चुने युवा पार्षदों को दे सकती है मौका, आधा दर्जन से ज्यादा दावेदार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 16 फरवरी। नगरीय निकाय चुनाव में महापौर की सीट पर कब्जा करने के बाद भाजपा ने निगम अध्यक्ष के लिए उपयुक्त चेहरे की तलाश शुरू कर दी है। महापौर के साथ वार्डों में भाजपा ने लगभग कांग्रेस का सुपड़ा साफ कर दिया है।
51 में से 39 वार्ड में भाजपा के पार्षद चुनकर आए हैं। निगम अध्यक्ष की कुर्सी पर अब पहली बार पार्षद निर्वाचित हुए युवाओं की नजर है। भाजपा अप्रत्याशित तौर पर युवा पार्षदों को निगम अध्यक्ष की कुर्सी में काबिज होने का मौका दे सकती है। भाजपा अप्रत्याशित फैसलों के लिए जानी जाती है। महापौर मधुसूदन यादव ने रिकार्ड तोड़ जीत हासिल कर भाजपा का मान बढ़ाया है। बताया जाता है कि वार्डों में ‘मधु लहर’ से कई जीत से वंचित होने वाले प्रत्याशी पार्षद निर्वाचित होने में सफल रहे।
इधर, निगम अध्यक्ष के लिए आधा दर्जन से ज्यादा दावेदारों के नाम सामने आए हंै। राजनीतिक हल्के में शिव वर्मा, पारस वर्मा के नाम की चर्चा है। दोनों पिछड़ा वर्ग से आते हैं। महापौर की कुर्सी पिछड़ा वर्ग के हवाले होने के बाद इन दोनों का दावा थोड़ा कमजोर हो सकता है। युवा चेहरों में आलोक श्रोती प्रबल दावेदार हो सकते हैं। आलोक ने भी मोहारा वार्ड से मौजूदा पार्षद अवधेश प्रजापति को मात दी है। आलोक युवा मोर्चा में महामंत्री भी रहे हैं। उन्हें एक दमदार दावेदारों में गिना जा रहा है।
इसी तरह पूर्व अफसर शैंकी बग्गा भी दावेदारों में से एक हैं। शैंकी ने 5 बार के पार्षद कांग्रेस के कुलबीर छाबड़ा को शिकस्त दी है। सिक्ख समुदाय के बग्गा ने भाजपा की सदस्यता अभियान को तकनीकी मदद से आगे बढ़ाया था। उच्च शिक्षित बग्गा को इसका लाभ मिल सकता है। लगातार तीन बार पार्षद चुनी गई मणिभास्कर गुप्ता का नाम भी महिला वर्ग से मजबूती के साथ उभरा है। मणिभास्कर एक जुझारू पार्षद मानी जाती हंै। महिला वर्ग को निगम अध्यक्ष बनाने पार्टी उनके पूर्व राजनीतिक पृष्ठभूमि को आधार बना सकती है।
इसी तरह नवनिर्वाचित पार्षद राजा माखीजा भी निगम अध्यक्ष के लिए उपयुक्त चेहरे माने जा रहे हैं। राजा का सामाजिक संगठनों से भी सीधा वास्ता रहा है। इसके अलावा वह अच्छे मतों से विजयी हुए हैं। सिंधी समुदाय के माखीजा के नाम पर पार्टी मुहर लगा सकती है।