गरियाबंद

नाबालिग को शादी का झांसा दे भगाया-रेप, आरोपी को 20 साल कैद
07-Feb-2025 6:08 PM
नाबालिग को शादी का झांसा दे भगाया-रेप, आरोपी को 20 साल कैद

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

गरियाबंद, 7 फरवरी। फास्ट ट्रैक विशेष न्यायालय (पॉक्सो एवं बलात्कार मामलें) गरियाबंद के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (पॉक्सो एवं बलात्कार मामले) यशवंत वासनीकर ने नाबालिग पीडि़ता को शादी का प्रलोभन देकर बहला फुसलाकर भगा ले जाने और उसके साथ रेप करने वाले आरोपी को 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं अर्थदण्ड से दण्डित किया हैं ।

फास्ट ट्रैक विशेष न्यायालय के विशेष लोक अभियोजक (पॉक्सो) एच एन त्रिवेदी से प्राप्त जानकारी के अनुसार पीडि़ता के पिता ने थाना देवभोग में रिपोर्ट दर्ज कराया था कि उसकी नाबालिग पुत्री 17 नवम्बर 2023 को करीब 7:30 बजे घर में बिना बताये कहीं चली गई। आस-पास पता तलाशी के बाद भी नहीं मिलने पर किसी अज्ञात व्यक्ति के द्वारा उसकी नाबालिग पुत्री, पीडि़ता को बहला फुसलाकर भगा ले जाने की शिकायत पर पुलिस द्वारा अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया और नाबालिग पीडि़ता को आरोपी के कब्जे से बरामद कर प्रकरण की सम्पूर्ण विवेचना पश्चात् आरोपी अदबल उर्फ अदा मांझी के विरूद्ध धारा 363, 366, 376 ( 2 ) (ढ) भा.दं.वि. एवं धारा 06 पॉक्सो एक्ट के तहत् न्यायालय में अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया था।

प्रकरण के संबंध में विशेष लोक अभियोजक एच. एन. त्रिवेदी ने बताया कि अभियोजन द्वारा अपने पक्ष समर्थन में कुल 12 साक्षियों का कथन कराया गया। विशेष न्यायालय के अपर सत्र न्यायाधीश यशवंत वासनीकर द्वारा प्रकरण में उपलब्ध साक्ष्य एवं दस्तावेजों के अवलोकन व प्राप्त निष्कर्षों के अनुरूप नाबालिग पीडि़ता को शादी का झांसा देकर उसके वैध संरक्षक की अनुमति के बिना व्यपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म करने के आरोपी अदबल उर्फ अदा मांझी ओडिशा को दोषसिद्ध पाये जाने पर भा.दं.वि. की धारा 363 के तहत् दो वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1,000 रूपये का अर्थदण्ड, धारा 366 के तहत् पांच वर्ष का सश्रम कारावास एवं 2000 रूपये का अर्थदण्ड तथा पॉक्सो एक्ट की धारा -06 के तहत् 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5,000 रूपये के अर्थदंड से दंडित किया गया है।

पीठासीन न्यायाधीश यशवंत वासनीकर के द्वारा पारित निर्णय 31 जनवरी 2025 में नाबालिग पीडि़ता के साथ हुई उक्त घटना से होने वाले शारीरिक व मानसिक पीड़ा तथा उसके जीवन व मनोदशा पर पडऩे वाले मनोवैज्ञानिक प्रभाव को ध्यान में रखते हुए आर्थिक एवं सामाजिक परिस्थितियों पर विचार करते हुए नाबालिग पीडि़ता को प्रतिकर स्वरूप पाँच लाख रूपयें दिलाये जाने का जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, रायपुर को नियमानुसार कार्यवाही करते हुए प्रतिकर प्रदाय किये जाने के लिए निर्देशित किया गया है।

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