‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 20 जनवरी। साजा क्षेत्र में बाघ की दस्तक के बाद रविवार को चौथे दिन भी वन विभाग की टीम को बाघ दिखाई नहीं दिया। रविवार को बाघ का मूवमेंट ग्राम ठेलका की ओर होने की जानकारी मिली। बाघ की तलाश करते-करते थक चुके दुर्ग व कवर्धा की टीम की वापसी हो चुकी है। अब केवल बेमेतरा व साजा का अमला ही सूचना के आधार पर सर्च कर रहा है। जानकारी हो कि बीते चार दिन से जिले के साजा क्षेत्र में बाघ की दस्तक देने व आसपास भटकने की सूचना मिलने के बाद बेमेतरा वनपरिक्षेत्र के अलावा साजा फिर दुर्ग व कवर्धा के जानकारों के द्वारा मौहाभाठा, साजा, सहसपुर, रेंगा व ठेलका की ओर तलाश करने का प्रयास किया गया।
4 दिन की मशक्कत में ये बात सामने आई है कि देखने वालों ने सुबह के दौरान बाघ को देखा है। दो दिन से सहसपुर व अन्य क्षेत्र में बाघ का डेरा है, जिसे देखते हुए मौके के आसपास नाइट विजन कैमरा लगाकर सर्च किया जाना जरूरी हो गया है। कैमरा एक्सपर्ट विनय कुमार शर्मा ने बताया कि जंगली जानवार की पतासाजी के लिए सीसी कैमरा लगाया जाना चाहिए, जिससे रात व सुबह-सुबह का मूवमेंट सामने आ सके।
लोगों में जानलेवा स्थिति व दुर्घटना के दौरान भी वीडियो बनने की लत है पर अब तक जिस किसी ने बाघ को देखा है। उन्होंने व आसपास के लोगों ने वन विभाग की मदद के लिए एक वीडियो तक नहीं बनाकर दिया, जिससे सर्च करने में जंगली जानवर की प्रवृत्ति व अन्य जानकारी जुटाई जा सके। वहीं फॉर्म हाउस में लगे हुए सीसी कैमरा को खंगालने की भी जरूरत है। वन विभाग श्रवण कुमार मंडावी ने बताया कि अभी ठेलका क्षेत्र में घूम रहे हैं ,यहां पर मुवमेंट की जानकारी मिली है लोगों को मुंनादी कराने के लिए कहा गया है जिससे लोग सतर्क रह सके।