महासमुन्द

नारी भक्ति व शक्ति का रूप-पं. भागीरथी
20-Jan-2025 2:51 PM
 नारी भक्ति व शक्ति का रूप-पं. भागीरथी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

महासमुंद ,20 जनवरी। स्थानीय नयापारा महासमुंद में आशा साहू एवं मानिक साहू शिक्षक दम्पत्ति के निवास पर आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के पांचवें दिन श्रीराम जन्म एवं कृष्ण जन्म का कथा का वाचन करते हुए पंचकोशी धाम फिंगेश्वर से पधारे भागीरथी तिवारी ने कहा कि ज्ञान, कर्म एवं भक्ति से ही अर्थ, धर्म काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

उन्होंने त्रेता युग में भगवान राम जन्म कथा बताते हुये कहा कि राजा दशरथ की तीनों रानियां ज्ञान कर्म और भक्ति की प्रतिमूर्ति थी वहीं से रामलक्ष्मण भरत एवं शत्रुघन जैसे अर्थ धर्म काम और मोक्ष की प्राप्ति हुई। कथा में कहा कि नारी भक्ति एवं शक्ति का रूप हैं। नारियों में अर्पण, तर्पण व समर्पण का भाव होता है। जिससे माताएं बच्चों को संस्कारित कर सकती हैं।

पं.भागीरथी तिवारी ने एकादशी व्रत के महत्व को बताते हुये कहा कि जिस प्रकार तीर्थों का राजा प्रयाग राज है, वैसे ही व्रतों का राजा एकादशी व्रत है। हमें प्रतिदिन गंगाजल का पान करना चाहिये। क्योंकि गंगा जल अकाल मृत्यु को रोकता है। पं.तिवारी ने प्रतिदिन दोपहर 2 बजे से शाम 7 बजे तक मधुर संगीत के माध्यम से श्रीमद् भागवत कथा का पाठ किया। बड़ी संख्या में भक्त जन कथा अमृत का लाभ ले रहे हैं। उक्त जानकारी टेकराम ने दी है।

प्रवचन के पांचवें दिन प्रमुख रूप से डा. मंजू शर्मा, सुशील शर्मा, विजय लक्ष्मी चंद्राकर, नीलिमा गुप्ता,  रूज वेद साहू, चमन लाल सेन सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए।

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