‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 19 जनवरी। भाजपा सरकार द्वारा निकाय और पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण में कटौती को लेकर छत्तीसगढिय़ा सर्व समाज महासंघ ने भी मोर्चा खोल दिया है । महासंघ ने अपनी आपत्ति में कहा कि छत्तीसगढ़ के 33 जिल में एक भी जिला पंचायत अध्यक्ष पद पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित नहीं किया गया। 2019 के पंचायत चुनाव में छत्तीसगढ़ में 27 जिला था, जिसमें एस.टी के लिए 13 पद, ओ.बी.सी. के लिए 7 पदसामान्य के लिए 4 पद तथा एस.सी. 3 पद आरक्षित किया गया था, लेकिन 2025 के चुनाव में 33 जिला होने के बाद ओबीसी को 1 भी जिला पंचायत को आरक्षित नहीं किया गया।
साथ ही सरगुजा एवं बसार संभाग में पिछड़ा वर्ग समाज को शून्य घोषित कर दिया गया। इससे लगता है कि दुर्भावना पूर्ण किया गया कृत है। जनपद पंचायत में भी जनसंख्या अनुरूप अध्यक्ष पदों से वंचित रखा गया। नगरीय निकाय के नगर निगम, नगर पालिका और नगरपंचायत भी जनसंख्या अनुरूप आरक्षित नहीं किया गया है। छत्तीसगढिय़ा सर्व समाज महासंघ के अध्यक्ष रमेश यदु ने आज एक पत्रकार वार्ता में कहा कि सर्व छत्तीसगढिय़ा समाज का प्रस्ताव अनुरूप चेतावनी है छत्तीसगढ़ सरकार पिछड़ा वर्ग का आरक्षण जनसंख्या अनुरूप है करता है तो लोकतांत्रिक तरीके से उग्र प्रदर्शन के लिए बाध्य होंगे और सरकार के सभी मंत्रियों और सभी विधायकों के घेराव करने लिए मजबूर होंगे।
इस चर्चा में राजेन्द्र भतपहरी (कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष, छत्तीसगढिय़ा सर्व समाज महासंघ टहल राम साहू (प्रदेश अध्यक्ष, छ.ग. साहू समाज ,शारदा सोनकर प्रदेश अध्यक्ष, सोनकर समाज ,खोड़स राम कश्यप प्रदेश अध्यक्ष, मनवा कुर्मी क्षत्रिय समाज,युवराज सिन्हा प्रदेश अध्यक्ष, उड़सेना समाज, डॉ. ललित मानिकपुरी प्रदेश अध्यक्ष, मानिकपुरी पनका समाज, सुरेश ढीमर प्रदेश अध्यक्ष, बीमर समाज ,नरेश रजवाड़े महामंत्री, छत्तीसगढिय़ा सर्व समाज महासंघ आदि मौजूद थे।