रायपुर

भाठागांव बस स्टैण्ड में बुकिंग एजेंटो की गुंडई, ऑटो चालक को घेरकर बेदम पीटा, 24 घंटे बाद भी गिरफ्त से बाहर
17-Jan-2025 4:34 PM
भाठागांव बस स्टैण्ड में बुकिंग एजेंटो की गुंडई, ऑटो चालक को घेरकर बेदम पीटा, 24 घंटे बाद भी गिरफ्त से बाहर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर, 17 जनवरी। पुलिस की लाख चेतावनी के बाद कीभाठागांव अंतरराज्यीय बस अड्डे  में टिकिट एजेंटों की गुंडागर्दी थमने या नाम नहीं ले रही । इस गुंडा तत्वों ने कल एक आटो वाले को बे- दम पीटा। 24घंटे बीतने के बाद भी आरोपी टिकरापारा पुलिस की पकड़ से बाहर है ।

मिली जानकारी के अनुसार गुरूवार पूर्वान्ह डाल्फिन बस सर्विस के लिए टिकिट बुक करनेवाले एजेंट की एक आटो वाले से सवारी को लेकर विवाद हुआ। यह देख   अन्य बस ऑपरेटर के एजेंट वहां पहुंचे और आटो चालक को पीटना शुरू कर दिया। इन गुंडों ने पूरे स्टैंड में धमाचौकडी मचाई।

पहले दो के बीच बस स्टैंड के एंट्री गेट पर सवारी को लेकर विवाद हुआ। इस एजेंट ने आटो में सवारी देख अपनी बुकिंग का हल्ला मचाया। लेकिन आटो चालक सवारी को दूसरी बस को बुकिंग एजेंट के पास ले गया। इसी बात पर विवाद हुआ और डाल्फिन को एजेंट ने आटो चालक को अपने साथ स्टैंड के पीछे की ओर ले जाकर पिटाई की।यह देख दूसरे एजेंट भी वहां पहुंचे और पीटने लगे। यह पूरी मारपीट आईएसबीटी के सीसीटीवी कैमरे में रिकार्ड है।

सभी आरोपी साफ साफ पहचाने जा सकते हैं । लेकिन 24 घंटे बीतने के बाद भी आरोपी टिकरापारा पुलिस की पकड़ से बाहर है जबकि बस स्टैंड परिसर में एक पुलिस चौकी है और सिपाही लगातार गश्त करते हैं। पुलिस की इसी ढिलाई का फायदा उठा बस ऑपरेटरों के ये कर्मी गुंडई करते रहते हैं।कई बार तो यात्रियों की ही पिटाई की घटनाएं हो चुकी है। बीते एक दो वर्ष में रायपुर के तीन तीन पुलिस अधीक्षक हुए । सभी ने बस आपरेटर मैनेजर और कर्मचारियों की दर्जनों बैठके कर सवारी बुकिंग के नाम पर  गुंडागर्दी न करने चेतावनियां देते रहे। कुछ व्यवस्थाएं बनाई लेकिन सभी को ठेंगा दिखाकर इनकी गुंडई जारी है। पुलिस ने लाईसेंस रद्द करने जबरियी सवारी बैठाने, एजेंटों को वर्दी पहनने और गुंडागर्दी करने पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। लेकिन उसके बाद. से पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।और इनके हौसले बुलंदी पर हैं।

लाल शर्ट मेरा...

इन टिकट एजेंटों ने अपनी बुकिंग के तरीकों में कुछ बदलाव किया है। पहले बस स्टैंड पहुंचे आटो के पास  पहुंचकर ये एजेंट सवारी को घेरकर अपनी बसों में बिठा लेते थे। नहीं बैठने पर सवारी से ही दुर्व्यवहार करने लगते। अब एजेंट आटो को पहुंचते ही आटो चालक को हांकते हैं कि लाल शर्ट पहना यात्री मेरा जैसे कोड वर्ड का इस्तेमाल करते हैं। यह सुनते ही दूसरे एजेंट ,दूसरी सवारी को इंगेज करते हैं । यदि आटो चालक ने नहीं सुना या दूसरे एजेंट के पास गया तो फिर विवाद, गाली गलौज करने लगते हैं। कल का विवाद भी इसी तरह का था।

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