इंटक व एटक ने दी चेतावनी, 14 दिन के भीतर निर्णय नहीं होने पर उग्र आंदोलन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बचेली/किरंदुल, 14 जनवरी। एनएमडीसी लौह अयस्क की दोनों परियोजना बचेली एवं किरंदुल में ऑल इंडिया एनएमडीसी वर्कर्स फेडरेशन से संबंधित श्रम संगठन मेटल माइंस वर्कर्स यूनियन इंटक तथा संयुक्त खदान मजदूर संघ एटक द्वारा कर्मचरियों की लंबित वेज रिविजन सहित 4 मांगों को लेकर परियेजना प्रमुख को ज्ञापन सौंपा गया।
सोमवार को दोनों श्रमिक संगठन ने बचेली परियोजना व किंरदुल परियेाजना के प्रमुख को एनएमडीसी प्रबंधन को हड़ताल का नोटिस सौंपा गया और चेतावनी दी कि 14 दिवस के भीतर इस पर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया तो मजदूर उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे। रैली निकालर प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी करते प्रशासनिक भवन पहुंच सौंपा गया।
गौरतलब है कि एक जनवरी 2022 से नियमित कर्मचारियों का वेतन समझौता लंबित है, जिससे बैलाडीला सहित एनएमडीसी के सभी प्रोजेक्टस के कर्मचारियों में खासा रोष है। आलम यह है कि अब मजदूर संगठन वेतन समझौते को लेकर आंदोलन का रास्ता इख्यितार कर रहे हंै।
वेतन समझौते को लेकर इतना विलंब कभी नहीं हुआ- मजदूर यूनियन
मजदूर संगठन इंटक और एटक का कहना है कि अब तक वेतन समझौते को लेकर इतना विलंब कभी नही हुआ द्य वेतन समझौता 01 जनवरी 2022 से लंबित है और प्रबंधन और यूनियनों के मध्य समझौते पर सहमति बनने के उपरांत एनएमडीसी के निदेशक मंडल द्वारा स्वीकृति के बाद पुष्टिकरण के लिये इस्पात मंत्रालय भेजा गया। दुर्भाग्यवश आज तक इस्पात मंत्रालय द्वारा इसकी पुष्टि नहीं की गई है।
विगत 15 नवम्बर को हैदराबाद में यूनियन के प्रतिनिधि मंडल ने इस्पात सचिव से मुलाकात कर जल्द से जल्द नया वेतन समझौता लागू करने की माग करते हुए ज्ञापन सौपा था मगर उसके बावजूद आज तक कोई कार्यवाही नहींहुई है। जिसके कारण मजदूर संगठनों ने अब आर पार की लड़ाई का मन बना लिया है । यूनियन द्वारा एनएमडीसी में दिनांक 01.04.2024 से लंबित ठेका श्रमिकों के वेतन समझौते पर तत्काल द्विपक्षीय वार्ता प्रारंभ करते हुए जल्द से जल्द नया वेतन समझौता लागू करने, एनएमडीसी में रिक्त पदों पर लंबित भर्ती प्रक्रिया को तत्काल प्रारंभ कर भर्ती की अधिसूचना शीघ्र जारी करने तथा यूनियन एवं प्रबंधन के बीच पूर्व में हुए सभी द्विपक्षीय समझौतों का अक्षरश: पालन सुनिश्चित करने को भी अपनी मांगों में शामिल किया है।परियोजना में कार्यरत नियमित और ठेका श्रमिकों ने बड़ी संख्या में रैली के माध्यम से नगर भ्रमण करते हुए श्रमिक विरोधी सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद की।
प्रबंधन व मंत्रालय कर्मियों के वेज रिविजन के प्रति गंभीर नहीं- एके सिंह
एमएमडब्ल्यूयू किरंदुल के सचिव एवं ऑल इंडिया एनएमडीसी वर्कर्स फेडरेशन के उपाध्यक्ष एके सिंह ने सदस्यों को संबोधित करते हुए अवगत किया कि एनएमडीसी प्रबंधन और स्टील मंत्रालय एनएमडीसी कर्मचारियों के वेज रिवीजन के प्रति गंभीर नहीं दिखाई पड़ रही है। तीन वर्षों से अधिक समय से वेज रिविजन लंबित करके रखा है, ठेका श्रमिको को भी वेज रिविजन लंबित है जिसे मुख्यालय हैदराबाद से ही अनुमोदित किया जा सकता है।
आगे अवगत कराया कि कंपनी में कामगारो की अत्यधिक कमी है, त्वरित भर्ती की जाए। गैर आउट सोर्सिंग पोस्ट में ठेका प्रथा स्वीकार्य नही होगी, बाईपरटाइट बैठक में लिए गए निर्णयो का उल्लंघन बंद किया जाए। आगे कहा कि यदि लड़ाई फेडरेशन के नेतृत्व में लड़ी जाएगी स्टइक नोटिस से 14 दिन के भीतर यदि केाई सकारात्मक निर्णय नही लिया जाता है तो लड़ाई रोड़ पर लडऩे से भी पीछे नहीं हटेंगे।
एटक से संबंध एसकेएमएस के अध्यक्ष जागेश्वर प्रसाद ने कहा कि हम उच्च गुणवत्ता वाले लौह अयस्क का उत्खनन कर देश के विकास में अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर रहे है। इसके बावजूद प्रबंधन और सरकार का यह रवैया बेहद चिंताजनक है।
इंटक के सचिव आशीष यादव ने कहा कि लगातार घटते मैनपॉवर के बावजूद मजदूर वर्ग की दिन रात कड़ी की मेहनत के दम पर उत्पादन और मुनाफा बढ़ रहा है। इसके बावजूद सरकार जानबूझ कर वेतन समझौते को लागू करने में देरी कर रही है। केंद्र सरकार एक तरफ इज ऑफ डूइंग बिजनेस की बात करते हुए उद्योगपतियों की सारी फाइलें बिना किसी रुकावट के क्लियर करती है, वहीं जब भी मजदूरों की जायज मांग को पूरा करने की बात आती है तो फाईल को जानबूझ कर लटकाया जाता है। हमारी मांगों पर यदि जल्द सकारात्मक निर्णय नहीं लिया जाता है तो यूनियन कठोर कदम उठाने के लिए बाध्य होंगी जिसकी समस्त जिम्मेदारी सरकार की होगी।
डी देवरायलु, अध्यक्ष एसकेएमएस ने अपने कथन में श्रम संघ सदस्यों को एकजुट रहने और यूनियन तथा फेडरेशन के निर्देशों का पालन करने को कहा।