स्नेह मिलन, सम्मान समारोह व काव्य गोष्ठी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अंबिकापुर, 13 जनवरी। भारतेंदु साहित्य एवं कला समिति सरगुजा द्वारा नववर्ष 2025 प्रवेश उत्सव पर स्नेह मिलन, सम्मान समारोह एवं काव्य गोष्ठी का आयोजन स्थानीय भारतेंदु भवन में दो सत्रों में किया गया। प्रथम सत्र में स्नेह मिलन सम्मान समारोह एवं स्वरुचिभोज तथा द्वितीय सत्र में स्थानीय रचनाकारों द्वारा काव्य पाठ किया गया।
पूनम दुबे ‘वीणा’ द्वारा सरस्वती वंदना की मनमोहक प्रस्तुति दी गई। इस अवसर पर समिति की वरिष्ठ सदस्य एवं सेवानिवृत्त प्राचार्य संध्या सिंह को शिक्षा के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए सावित्री बाई फुले सम्मान प्राप्त होने पर समिति की ओर से अभिनंदन किया गया। आयोजन के मुख्य अतिथि प्रोफेसर एस.एन. पांडेय विशिष्ट अतिथि वेद प्रकाश अग्रवाल एवं कार्यक्रम की अध्यक्षता द्वितेंद्र मिश्र ने की।
इस अवसर पर वरिष्ट साहित्यकार बंशीधर लाल ने संध्या सिंह की शिक्षा के क्षेत्र में गुणात्मक विकास के लिए किए गए प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि बालिका शिक्षा के प्रति संध्या सिंह समर्पित भाव से कार्य करती रही हैं तथा उनकी साहित्य रचना उत्कृष्ट कोटि की है।
मुख्य अतिथि प्रोफेसर एस. एन.पांडेय ने कहा कि संध्या सिंहजी का शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान रहा है जिसके लिए उन्हें प्रदेश की प्रतिष्ठित सावित्रीबाई फुले सम्मान प्राप्त होने पर हम सभी को गर्व है। उन्होंने कहा कि संध्या सिंह हिंदी और अंग्रेजी में साहित्य रचना करती हैं । उनके द्वारा लिखित अंग्रेजी की रचना संग्रह में जीवन के विविध रंग देखने को मिलते हैं।
शुभकामनाएं देते हुए विशिष्ट अतिथि वेद प्रकाश अग्रवाल ने संध्या जी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि संध्या सिंह संवेदनशील व्यक्तित्व की धनी है । उनकी रचनाओं में समसामयिकता और नारी चेतना की बातें स्पष्ट झलकती हैं ।
मीना वर्मा ने कहा कि संध्या सिंह शिक्षा,साहित्य, कला संस्कृति के साथ ही चिकित्सा के क्षेत्र में भी अपना योगदान निरंतर दे रही है,एक सच्ची समाज सेविका के रूप में उनकी अलग पहचान है।
भारतेंदु साहित्य कला समिति की अध्यक्ष नीलिमा मिश्रा ने सावित्रीबाई फुले सम्मान प्राप्ति पर संध्या सिंह को बधाई देते हुए अपनी शुभकामनाएं दी और उनके उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए निरंतर साहित्य सृजन एवं समाज सेवारत रहने की अपील की।
अध्यक्षीय उद्बोधन में द्वितेन्द्र मिश्र ने कहा कि भारतेंदु साहित्य एवं कला समिति का यह आयोजन स्नेह मिलन के रूप में आपस में मिलकर एक दूसरे की भावनाओं को समझने सहित साहित्यिक सामाजिक गतिविधियों को बढ़ावा और आपसी सौहार्द को विस्तार देने का है ।
आयोजन के द्वितीय सत्र में काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता डॉ. सुदामा मिश्र ने की। शहर के नवोदित तथा वरिष्ठ रचनाकारों में श्यामबिहारी पांडेय,डॉ सपन सिन्हा,उमाकांत पांडेय,माधुरी जायसवाल,गीता दुबे,अर्चना पाठक,द्वारिका यादव विकास,प्रताप पांडेय,अनिता मंदिलवार,राजलक्ष्मी पांडेय,राजेश पांडेय,अम्बरीष कश्यप, अजय श्रीवास्तव, सीमा तिवारी,रामलाल विश्वकर्मा, जयंत खानवलकर, मुनव्वर अशरफी, अजय शुक्ल बाबा,गीता दिवेदी, गुलजार यादव, अंजनि कुमार आदि ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते हुए अपनी प्रतिनिधि रचनाओं का पाठ कर श्रोताओं को मन्त्र मुग्ध कर दिया।
आयोजन में बब्बनजी पाण्डेय, एन. तिग्गा, आभा सिंह, अशोक सोनकर,ममोल कोचेटा, राजनारायण दिवेदी, कन्हैया लाल गौड़, गुर्जर मिंज,अरुणा राव,पूनम शुक्ला, मीरा गुप्ता, प्रभु नारायण वर्मा,हिमांशु गुंजन,संजीत मौजूद रहे। कार्यक्रम के दौरान श्रीमती संध्या सिंह ने पश्चिम से मिलन है पूरब का कविता सुनाया जिसने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।