पिछले साल हुए हादसे से नहीं लिया सबक, ग्रामीण लगातार करते रहे तार की ऊंचाई बढ़ाने की मांग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोरबा, 29 दिसंबर। कुदमुरा रेंज के समरकना डैम के पास 11 केवी बिजली लाइन के संपर्क में आने से एक दंतैल हाथी की मौत हो गई। घटना शनिवार की है, जब 8 से 10 साल का यह हाथी झुंड से अलग होकर डैम के पास पहुंचा था। हाथी का सूंड बिजली तार से छू गया, जिससे उसे करंट लगा और उसकी मौके पर ही मौत हो गई। पिछले साल भी इसी तरह एक हाथी की जान चली गई थी।
मालूम हो कि कुदमुरा रेंज में 27 हाथियों का झुंड घूम रहा है। मृतक हाथी झुंड से अलग होकर शुक्रवार रात गीतकुंवारी क्षेत्र के पास पहुंचा। समरकना लबेद के पास ग्रामीणों द्वारा बनाए गए छोटे डैम के ऊपर से गांव की ओर 11 केवी बिजली लाइन गुजरती है। तार की ऊंचाई मात्र ढाई से तीन मीटर थी। करंट लगने के बाद हाथी डैम में गिर गया।
स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि बिजली तार की ऊंचाई बेहद कम थी, और इसे बढ़ाने के लिए उन्होंने कई बार बिजली विभाग से शिकायत की थी। लाइनमैन को मौके पर ले जाकर स्थिति भी दिखाई गई, लेकिन विभाग ने ध्यान नहीं दिया। इस लापरवाही के कारण अब क्षेत्र में जानवरों और लोगों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है।
शनिवार सुबह ग्रामीणों ने डैम में हाथी का शव देखा और तुरंत वन विभाग को सूचित किया। डीएफओ अरविंद पीएम, एसडीओ एसके सोनी, और वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। हाथी का शव एक्सवेटर की मदद से बाहर निकाला गया और पशु चिकित्सक डॉ. सोहम गुर्जर ने पोस्टमॉर्टम कर मौत का कारण करंट लगने की पुष्टि की। इसके बाद मौके पर ही हाथी का अंतिम संस्कार कर दिया गया।
वन विभाग के एसडीओ एसके सोनी ने बिजली विभाग की लापरवाही को हाथी की मौत का कारण बताया। उनके अनुसार, लाइनमैन और अन्य जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा रही है।
वन विभाग की टीम बाकी बचे 26 हाथियों पर नजर रख रही है।
मालूम हो कि पिछले साल भी दिसंबर महीने में ही कटघोरा वन मंडल के पसान रेंज अंतर्गत कंजरपहाड़ क्षेत्र में 11 केवी झूलते विद्युत तार के करंट की चपेट में आकर एक हाथी की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद भी विद्युत वितरण विभाग की नींद खुली। हालांकि क्षेत्र में झूलते विद्युत तारों की हाइट बढ़ाने के लिए सर्वे किया गया। जहां यह घटना हुई वहां पर लाइनमैन भी ग्रामीणों के बुलाने पर पहुंचा था। जंगल से गुजरे विद्युत तार की ऊंचाई काफी कम है. ऐसे में दोबारा करंट की चपेट में आकर हाथियों की मौत का खतरा बना हुआ है। पिछले साल भी विद्युत विभाग के खिलाफ एफआईआर वन विभाग ने दर्ज कराई थी, इसके बावजूद कोई कदम नहीं उठाया गया।